नई दिल्ली : भारतीय दिव्यांग क्रिकेट परिषद (डीसीसीआई) के महासचिव रवि चौहान ने कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) के अध्यक्ष एंड्रयू पार्सन्स से मुलाकात के बाद 2028 लॉस एंजिल्स पैरालंपिक में पैरा-क्रिकेट को शामिल करने का अनुरोध किया है.
क्रिकेट की दुनिया में इस बात की बहुत खुशी है कि 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल किया गया है. इससे बड़ी कोई बात नहीं हो सकती. पेरिस जाने का हमारा कारण भी यही था क्योंकि हम लंबे समय से पैरालंपिक खेलों के लिए काम कर रहे हैं. इसलिए हमारा उद्देश्य वहां जाकर आईपीसी अध्यक्ष से बात करना था कि जिस तरह से लॉस एंजिल्स ओलंपिक में क्रिकेट को शामिल किया गया है, उसी तरह पैरा-क्रिकेट को भी पैरालंपिक में शामिल किया जाना चाहिए.
इसलिए हमने अपना अनुरोध आईपीसी अध्यक्ष के सामने रखा है और उन्होंने भी भरोसा जताया है कि हम जल्द ही इस पर काम करेंगे क्योंकि क्रिकेट के जरिए दूसरे खेल भी आगे बढ़ सकते हैं. चौहान ने आईएएनएस से कहा, 'डीसीसीआई भारत में खेले जाने वाले चार अलग-अलग दृष्टिहीन, बधिर, शारीरिक रूप से विकलांग और व्हीलचेयर तरह के दिव्यांग क्रिकेट का छत्र निकाय है.
चौहान की टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब टी20 क्रिकेट 2028 लॉस एंजिल्स ओलंपिक खेलों में शामिल होने वाले पांच नए खेलों में से एक है. इससे 128 साल बाद इस खेल की वापसी हो रही है. इससे पहले यह खेल आखिरी बार 1900 पेरिस ओलंपिक के दौरान खेला गया था.
चौहान ने कहा, क्रिकेट ऐसा खेल है जिसकी भारत में पूजा की जाती है और इसमें सपने देखे जाते हैं. अगर क्रिकेट को पैरालिंपिक में शामिल किया जाता है तो कई खिलाड़ियों की जिंदगी बदल सकती है. वे खेल नीति के तहत आ सकते हैं और उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जाएगा. दूसरे देशों में भी दूसरे खेल खेलने वाले महान पैरा एथलीट क्रिकेट के जरिए खुद को आगे बढ़ाएंगे. हमें सकारात्मक नतीजों की उम्मीद है.