लखनऊ : देश में हो रहे क्लाइमेट चेंज का असर अब क्रिकेट पर भी पड़ना शुरू हो गया. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड मौसम का मिजाज देखकर ही अपने वेन्यू तय करता है. इसी आधार पर कानपुर में भारत और बांग्लादेश के बीच मुकाबला को चेन्नई के मैच से बदल गया था. मगर मौसम का अनुमान गलत साबित हुआ. इसी तरह से लखनऊ में ईरानी ट्रॉफी का मुकाबला भी पहले मुंबई में आयोजित किया जाना था क्योंकि मुंबई में मौसम खराब होने की आशंका थी.
अब जबकि लखनऊ में मुकाबला हो रहा है तो मौसम यहां भी खराब है. माना जा रहा है कि क्लाइमेट में आते बदलाव की वजह से बीसीसीआई को इस तरह की मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. उस पर सरकारी स्टेडियमों की अव्यवस्था और भारी पड़ रही है.
क्लाइमेट चेंज दुनिया के लिए एक चुनौती है तो अब क्रिकेट के लिए भी यह बड़ी समस्या बन गया है. बारिश से अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खराब ना हो इसलिए बीसीसीआई और आईसीसी का यह निर्देश होता है कि, मौसम की जानकारी को देखकर ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मुकाबलों का आयोजन किया जाए. इसके बावजूद उत्तर प्रदेश में लगातार तीन मैच ऐसे हो चुके हैं जिनमें मौसम की जानकारी उल्टी पड़ गई है.
अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच सितंबर महीने में नोएडा में आयोजित किया गया टेस्ट मैच बिना कोई गेंद फेक ही ड्रॉ हो गया था. इस मुकाबले में ग्रेटर नोएडा के स्टेडियम की बदइंतजामी की भी बहुत चर्चा रही. इसके साथ ही मौसम ने जिस तरह से बीसीसीआई को धोखा दिया, यह भी एक बड़ा सवाल बन गया.
दूसरे उदाहरण के तौर पर कानपुर के ग्रीन पार्क को लिया जा रहा है. यहां भी बीसीसीआई ने मौसम का अनुमान लेकर ही मुकाबले का आयोजन किया था. कानपुर में 26 सितंबर के बाद मानसून का असर बहुत धीमा हो जाता है और इस तरह से अधिक बारिश का कोई अनुमान नहीं होता. इसके बावजूद ढाई दिन से अधिक का खेल बारिश की वजह से बर्बाद हुआ. मौसम की खराबी के साथ सरकारी स्टेडियम की बदइंतजामी ने भी कानपुर में बीसीसीआई की दुनिया भर में जग हंसाई करवा दी.
लखनऊ के अटल बिहारी बाजपेई इकाना स्टेडियम मैं ईरानी ट्रॉफी का मुकाबला आयोजित किया जा रहा है. यह मैच पहले मुंबई में आयोजित किया जाना था मगर मुंबई में भारी बारिश की आशंका को देखते हुए इसका ट्रांसफर लखनऊ कर दिया गया. वर्तमान में स्थिति यह है कि लखनऊ में मौसम का मिजाज ठीक नहीं है. जबकि मुंबई में मौसम साफ है.
ईरानी ट्रॉफी में पहले दिन का खेल कई दिन की बारिश के बाद धूप निकलने के बावजूद देर से शुरू हो सका था क्योंकि मैदान में नमी थी. पूरे दिन बहुत कम रोशनी में मुकाबला खेला गया. इस तरह से क्लाइमेट चेंज का असर देखने को मिल रहा है.
इस बारे में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने बताया कि निश्चित तौर पर बारिश से बचने के इंतजाम ग्रीन पार्क में थोड़े कम थे, मगर हमारी योजना है कि हम ग्रीन पार्क में बीसीसीआई के मानकों के अनुरूप ट्रेनिंग सिस्टम को तैयार करवा दें. ताकि भविष्य में अगर यहां कोई मुकाबला खेला जाए तो उसमें इस तरह की दिक्कत ना आए. उन्होंने बताया कि मौसम की भविष्यवाणी पूरी तरह से सही साबित होगी, इसकी कोई गारंटी नहीं है. इसलिए इस तरह के परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं.
उत्तर प्रदेश पर्यावरण एवं वन विभाग के सचिव आशीष तिवारी बताते हैं कि निश्चित तौर पर क्लाइमेट चेंज हर क्षेत्र में एक बड़ी चुनौती बनकर उभर रहा है. जिसमें मौसम में अलग-अलग परिवर्तन दिखाई दे रहे हैं. जब जरूरत होती है तब कम बारिश होती है और जब जरूरत नहीं होती तब बाढ़ जैसी स्थिति आ जाती है. हमारे पर्यावरण पर क्लाइमेट चेंज का बहुत असर पड़ रहा है.