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विदिशा की ऐतिहासिक रामलीला ने 123 साल में प्रवेश, पहली बार लेजर शो से रामायण के चरित्रों को दर्शाया जाएगा

Vidisha Moving Ramlila: विदिशा की ऐतिहासिक रामलीला अपने 123 साल में प्रवेश कर चुकी है. यहां आयोजित होने वाली रामलीला चलित रूप से होती है जो देश में चुनिंदा जगहों पर ही होती है. इस ऐतिहासिक रामलीला में भगवान राम के जन्म और बाल लीलाओं का मंचन किया जाता है.

Vidisha Moving Ramlila
विदिशा की ऐतिहासिक रामलीला
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 22, 2024, 12:54 PM IST

Updated : Jan 22, 2024, 1:20 PM IST

विदिशा। अयोध्या में भगवान रामलला की स्थापना को लेकर पूरा देश राममय हो गया है. ऐसे में विदिशा की ऐतिहासिक रामलीला में भगवान राम के जन्म और बाल लीलाओं का जब मंचन किया गया, तब दर्शकों का हुजूम देखने लायक था. विदिशा नगर के साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु रामलीला देखने पहुंच रहे हैं. श्री रामलीला मेला समिति के प्रधान संचालक डॉ सुधांशु मिश्रा ने बताया कि 22 जनवरा का दिन हम सभी के लिए गौरवपूर्ण दिन है. इस दिन भगवान श्री राम की अयोध्या में स्थापना होगी. उस ही तरह विदिशा की ऐतिहासिक रामलीला जो की सन 1901 से अनवरत चली आ रही है, इस रामलीला में कुछ विशेष कार्यक्रम भी किए जा रहे हैं.

Vidisha Moving Ramlila
अनोखी है विदिशा की रामलीला

विदिशा में निकलने वाली राम बारात जैसी बारात भारत के कुछ ही स्थानों पर निकलती है. विदिशा शहर में पहली बार लेजर शो लाया जा रहा है. लेजर शो के माध्यम से रामायण के सारे चरित्रों और कथाओं को दर्शाया जाएगा, जो रात 8 बजे के बाद होगी. यह विदिशा में प्रथम बार हो रहा है. इसके अलावा विशेष आतिशबाजी का आयोजन यहां पर किया जाएगा. रामलीला प्रांगण के 1 किलोमीटर के पूरे क्षेत्र को ध्वज से और विशेष लाइटों से सजाया गया है. जिससे पूरा रामलीला प्रांगण जगमग होगा. लगभग 9 एकड़ जमीन पर रामलीला का आयोजन हो रहा है.

लेजर शो से श्री राम के चरित्र का वर्णन

श्री रामलीला मेला समिति के सचिव डॉ अनिल शर्मा ने बताया कि ''विदिशा की रामलीला का शुभारंभ तो 1901 से हुआ था. 14 जनवरी से रामलीला प्रारंभ हुई है. आज भगवान श्री राम का जन्म महोत्सव बड़े ही धूमधाम से उत्सव मनाया गया है. यहां स्टेडियम में लगभग 30,000 व्यक्ति बैठ सकते हैं. 22 जनवरी को बेंगलुरु की टीम लेजर शो के जरिये भगवान श्री राम के चरित्र का वर्णन करेगी.''

Vidisha Moving Ramlila
मेकअप करवाते रामलीला के कलाकार

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निशुल्क भाव से हिस्सा लेते हैं कलाकार

भाजपा नेता छत्रपाल शर्मा ने बताया कि ''श्री रामलीला मेला समिति से लगभग 45 साल से जुड़ा हूं. 30 साल हनुमान जी का रोल किया. उसके बाद जो भी पात्र का रोल मिलता उसे निभाया. करीब 250-300 लोग निशुल्क सेवा भाव से यहां आकर रंगवाकर वस्त्र पहनकर रामलीला में भाग लेते हैं. विदिशा की रामलीला चलित रामलीला है जो की 123 वर्षों से लगातार सब के सहयोग से चल रही है. यहां रामलीला पूरी सिस्टमैटिक तरीके से चल रही है. प्रधान संचालक ने बेहतरीन व्यवस्था बनाई है, यहां पर पूरा प्रशासन रहता है, वह सहयोग करता है.''

श्री रामलीला मेला समिति करीब 12 बीघा जमीन पर बनी है. इसमें कम से कम 25 से 30 हजार लोग रावण वध के दिन आते हैं. रावण की ऊंचाई करीब 42 फीट ऊंची है और रावण का जब वध होता है तो जगह-जगह मालूम चल जाता है कि विदिशा में रावण वध हो रहा है. यहां दो बार रावण का दहन होता है. एक बार दशहरे के दिन जैन कॉलेज दशहरा मैदान में और दूसरी बार फरवरी के माह में. जो इस बार 6 फरवरी को सेना युद्ध, माया दर्शन, श्रीराम-रावण युद्ध प्रदर्शन और रावण वध (अग्नि क्रीड़ा/ आतिशबाजी) होगी. आतिशबाजी का प्रदर्शन देखने लायक होता है. यह भी भोपाल, इंदौर, विदिशा आदि जगहों से आतिशबाजी आती है और जोरदार मुकाबला होता है.

विदिशा। अयोध्या में भगवान रामलला की स्थापना को लेकर पूरा देश राममय हो गया है. ऐसे में विदिशा की ऐतिहासिक रामलीला में भगवान राम के जन्म और बाल लीलाओं का जब मंचन किया गया, तब दर्शकों का हुजूम देखने लायक था. विदिशा नगर के साथ आसपास के ग्रामीण क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु रामलीला देखने पहुंच रहे हैं. श्री रामलीला मेला समिति के प्रधान संचालक डॉ सुधांशु मिश्रा ने बताया कि 22 जनवरा का दिन हम सभी के लिए गौरवपूर्ण दिन है. इस दिन भगवान श्री राम की अयोध्या में स्थापना होगी. उस ही तरह विदिशा की ऐतिहासिक रामलीला जो की सन 1901 से अनवरत चली आ रही है, इस रामलीला में कुछ विशेष कार्यक्रम भी किए जा रहे हैं.

Vidisha Moving Ramlila
अनोखी है विदिशा की रामलीला

विदिशा में निकलने वाली राम बारात जैसी बारात भारत के कुछ ही स्थानों पर निकलती है. विदिशा शहर में पहली बार लेजर शो लाया जा रहा है. लेजर शो के माध्यम से रामायण के सारे चरित्रों और कथाओं को दर्शाया जाएगा, जो रात 8 बजे के बाद होगी. यह विदिशा में प्रथम बार हो रहा है. इसके अलावा विशेष आतिशबाजी का आयोजन यहां पर किया जाएगा. रामलीला प्रांगण के 1 किलोमीटर के पूरे क्षेत्र को ध्वज से और विशेष लाइटों से सजाया गया है. जिससे पूरा रामलीला प्रांगण जगमग होगा. लगभग 9 एकड़ जमीन पर रामलीला का आयोजन हो रहा है.

लेजर शो से श्री राम के चरित्र का वर्णन

श्री रामलीला मेला समिति के सचिव डॉ अनिल शर्मा ने बताया कि ''विदिशा की रामलीला का शुभारंभ तो 1901 से हुआ था. 14 जनवरी से रामलीला प्रारंभ हुई है. आज भगवान श्री राम का जन्म महोत्सव बड़े ही धूमधाम से उत्सव मनाया गया है. यहां स्टेडियम में लगभग 30,000 व्यक्ति बैठ सकते हैं. 22 जनवरी को बेंगलुरु की टीम लेजर शो के जरिये भगवान श्री राम के चरित्र का वर्णन करेगी.''

Vidisha Moving Ramlila
मेकअप करवाते रामलीला के कलाकार

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भाजपा नेता छत्रपाल शर्मा ने बताया कि ''श्री रामलीला मेला समिति से लगभग 45 साल से जुड़ा हूं. 30 साल हनुमान जी का रोल किया. उसके बाद जो भी पात्र का रोल मिलता उसे निभाया. करीब 250-300 लोग निशुल्क सेवा भाव से यहां आकर रंगवाकर वस्त्र पहनकर रामलीला में भाग लेते हैं. विदिशा की रामलीला चलित रामलीला है जो की 123 वर्षों से लगातार सब के सहयोग से चल रही है. यहां रामलीला पूरी सिस्टमैटिक तरीके से चल रही है. प्रधान संचालक ने बेहतरीन व्यवस्था बनाई है, यहां पर पूरा प्रशासन रहता है, वह सहयोग करता है.''

श्री रामलीला मेला समिति करीब 12 बीघा जमीन पर बनी है. इसमें कम से कम 25 से 30 हजार लोग रावण वध के दिन आते हैं. रावण की ऊंचाई करीब 42 फीट ऊंची है और रावण का जब वध होता है तो जगह-जगह मालूम चल जाता है कि विदिशा में रावण वध हो रहा है. यहां दो बार रावण का दहन होता है. एक बार दशहरे के दिन जैन कॉलेज दशहरा मैदान में और दूसरी बार फरवरी के माह में. जो इस बार 6 फरवरी को सेना युद्ध, माया दर्शन, श्रीराम-रावण युद्ध प्रदर्शन और रावण वध (अग्नि क्रीड़ा/ आतिशबाजी) होगी. आतिशबाजी का प्रदर्शन देखने लायक होता है. यह भी भोपाल, इंदौर, विदिशा आदि जगहों से आतिशबाजी आती है और जोरदार मुकाबला होता है.

Last Updated : Jan 22, 2024, 1:20 PM IST
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