हैदराबाद : जगत जननी मां दुर्गा की आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि इस समय चल रहा है. नवरात्रि (Chaitra Navratri ) के दूसरे दिन दुर्गा माता के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-आराधना की जाती है. संस्कृत में ब्रह्मचारिणी शब्द का अर्थ होता है तपस्या की देवी. ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चरणी का अर्थ होता है आचरण करने वाली. यथा नाम तथा गुण के आधार पर कहें तो, मां ब्रह्मचारिणी तपस्या की देवी हैं. माता अपने आचरण से भक्तों को सादा जीवन जीने के लिए प्रेरित करती हैं.
![maa Brahmacharini worship on Chaitra Navratri second-day](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10-04-2024/21188015_j577.jpg)
हाथों में अक्षमाला और कमंडल धारण करने वाली मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-आराधना से व्यक्ति में सदाचार, वैराग्य और तप का भाव जागृत होता है. मां का यह स्वरूप भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करने वाला है इसलिए सभी व्यक्तियों को Maa Brahmacharini की पूजा अवश्य ही करनी चाहिए. पौराणिक शास्त्रों के अनुसार एक कथा यह भी प्रचलित है कि भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने हजारों साल तक तप किया इसलिए उन्हें ब्रह्मचारिणी कहा जाता है. इसीलिए जो भी भक्त श्रद्धा-भक्ति व विश्वास के साथ Maa Brahmacharini की आराधना करते हैं उनकी मनोकामना अवश्य ही पूरी होती है.
![maa Brahmacharini worship on Chaitra Navratri second-day](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10-04-2024/21188015_j57.jpg)
![maa Brahmacharini worship on Chaitra Navratri second-day](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10-04-2024/21188015_j157.jpg)
ऐसे करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
Chaitra Navratri के दूसरे दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर भारत माता को अक्षत रोली चंदन लौंग सुपारी आदि अर्पित करें. मां का पंचामृत से अभिषेक करें, उसके बाद स्वच्छ जल से अभिषेक करें. फिर लौंग,चंदन, सुपारी, अक्षत, रोली आदि अर्पित करें. Maa Brahmacharini को शक्कर से बनी चीजें अत्यंत प्रिय हैं इसलिए उन्हें हलवा, मिठाई और खीर का भोग लगाना चाहिए. मां को भोग में केला अवश्य अर्पित करना चाहिए. ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः या दुं दुर्गाय मंत्र का 108 बार जाप करें या फिर निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए.
- या देवी सर्वभूतेष महा ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
जिसका अर्थ है- सभी जगह विराजमान और ब्रह्मचारिणी के रूप में प्रसिद्ध अंबे मां, आपको मेरा बारंबार नमस्कार है. जो अपने एक हाथ में अक्षमाला और कमंडल का धारण करती हैं, जो अपने भक्तों पर सदैव कर कृपा करती हैं और उनके कष्टों को दूर कर उनकी मनोकामना पूर्ण करती हैं. Maa Brahmacharini की पूजा-आराधना कुमारी कन्याओं को अवश्य करनी चाहिए. जो भी कुंवारी कन्या श्रद्धा-विश्वास के साथ मां ब्रह्मचारिणी की आराधना करती है उसे अवश्य ही योग्य वर की प्राप्ति होती है. जो लोग गृहस्थ जीवन जी रहे हैं उन्हें भी Maa Brahmacharini की पूजा अवश्य करनी चाहिए जिससे उनके जीवन में सुख-समृद्धि आती है और संकट दुख और कष्ट टाल जाते हैं. Navratri Day 2 , Brahmacharini mata , Navratri second day , Durga Mata , Chaitra Navratri second day , tapshya ki devi .