Sawan Shivratri 2024: सावन का महीना चल रहा है और अगस्त महीने की भी शुरुआत हो चुकी है. अगस्त महीने के शुरुआती सप्ताह में ही सावन शिवरात्रि पड़ रही है, जिसका बहुत विशेष महत्व माना जाता है. सावन महीने की शिवरात्रि को विशेष पूजा की जाती है. ज्योतिष आचार्य की मानें तो इस दिन अगर शिवजी की विधि विधान से शुभ मुहूर्त में विशेष पूजा की जाए तो लाभ ही लाभ मिलता है.
सावन शिवरात्रि कब?
आखिर सावन शिवरात्रि कब है? इसे लेकर ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं, श्रावण कृष्ण पक्ष त्रयोदशी ऊपर चतुर्दशी दिन शुक्रवार 2 अगस्त 2024 को सावन के महीने में सावन शिवरात्रि का पर्व होता है. जिस तरह से गुप्त नवरात्रि होती है, ठीक इसी तरह से गुप्त महाशिवरात्रि का व्रत है. इस दिन शिवजी की विशेष पूजा होती है.
कब है शुभ मुहूर्त?
सावन शिवरात्रि में शिवजी की एक बार ही पूजा की जाती है और विधि विधान से की जाती है. इसके लिए दिन भर में तीन शुभ मुहूर्त हैं, ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि ''प्रातः कालीन 7:00 बजे से लेकर दिन में 11:33 तक पहला शुभ मुहूर्त है. जो सुबह पूजा नहीं कर पाते हैं वो दोपहर के समय 2:00 बजे से लेकर के 4:00 बजे तक पूजा कर सकते हैं. जो रात्रि कालीन पूजा करना चाहते हैं शाम 6:00 बजे से लेकर के 9:00 बजे तक पूजा सकते हैं.''
शिवलिंग निर्माण में इस बात का रखें ध्यान
ज्योतिष ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि, ''2 अगस्त को सावन शिवरात्रि है और इस दिन शिवजी की पूजा की जाती है और शिवजी की पूजा करते समय कई बातों का ख्याल रखना होता है. अगर शिवालय में जाकर पूजा करते हैं तो विधि विधान से पूजा करें और अगर शिवालय में जाकर पूजा नहीं कर रहे हैं तो शिवलिंग तैयार करें. शिवलिंग बनाते समय विशेष ध्यान रखें कि सफेद मिट्टी मिल जाए या फिर काली मिट्टी में सफेद छूही मिट्टी मिला कर विधिवत शिवलिंग बनाएं. ध्यान रखें की मूर्ति एक बित्ता से छोटी ना हो और फिर विधि विधान से पूजा करें, तो विशेष फल मिलता है, शांति मिलती है और भाग्योदय होता है.''
ऐसे करें पूजा
सावन शिवरात्रि में पूजा करते समय कई बातों का ख्याल रखें. शिवलिंग तैयार करें, शिवजी की स्थापना करें, फिर दूध, दही, शहद, गंगाजल, भांग का रस, भस्म, शक्कर, मिश्री, घोल करके शिवजी को स्नान कराएं. उनका श्रृंगार करें और बेलपत्र में राम-राम लिख करके बेलपत्र अर्पित करें. विशेष कर मदार का पत्ता मदार का फूल, धतूर का पत्ता, धतूर का फूल और शमी का पत्र वहां पर चढ़ाऐं. ऐसा करने से सभी जो क्रूर ग्रह होते हैं उनकी नजर उस व्यक्ति पर नहीं पड़ती है और घर में शांत वातावरण होता है. खुशनुमा माहौल होता है, उनके सारे बिगड़े काम बनते हैं. भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं.