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रमा एकादशी पर जानें खास बातें, भाग्य चमकाने के लिए करें ये उपाय

Rama Ekadashi 2024 Date: एकादशी के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने से लाभ होता है.

RAMA EKADASHI 2024
रमा एकादशी 2024 (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

Updated : 2 hours ago

हैदराबाद: हिंदू सनातन धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है. महीने में एकादशी दो बार आती है. इस समय कार्तिक मास चल रहा है. इस वजह से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. इस महीने में दो एकादशी आती हैं. पहली रमा एकादशी और दूसरी देवउठनी एकादशी. यहां पर हम बात कर रहे हैं रमा एकादशी.

लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र ने इस बारे में जानकारी दी कि रमा एकादशी का व्रत करने से जातकों की समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

आइए जानते हैं इस बार रमा एकादशी 2024 कब मनाई जाएगी और क्या है व्रत का शुभ मुहूर्त, विधि और पारण का समय.

कब है रमा एकादशी?
ज्योतिषाचार्य ने कहा कि इस बार रमा एकादशी सोमवार 28 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि वैसे तो एकादशी की शुरुआत रविवार प्रातः 7:42 से हो रही है और यह अगले दिन सोमवार 28 अक्टूबर को सुबह 9:10 तक रहेगी. इस वजह से रमा एकादशी सोमवार को मनाई जाएगी. इस दौरान कुछ विशेष सावधानियां बरतनी पड़ती हैं. तभी जातकों को उसका फल प्राप्त होगा.

जानें विशेष बातें

  1. सोमवार 28 अक्टूबर को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें.
  2. जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है.
  3. जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है.
  4. एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं. इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है.
  5. धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है.
  6. कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है.
  7. परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है. पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ. भगवान शिवजी ने नारद से कहा है कि एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है. एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है.

एकादशी के दिन करने योग्य काम

  • एकादशी के दिन घी का दिया जलाकर विष्णुसहस्त्रनाम पढ़ें.
  • विष्णुसहस्त्रनाम नहीं हो तो 10 माला गुरुमंत्र का जप कर लें.
  • अगर घर में झगड़े होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णुसहस्त्रनाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे.

बरते ये सावधानियां
एक महीने में 15-15 दिन में एकादशी आती है. एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है, लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए.
एकादशी के दिन जो चावल खाता है तो धार्मिक ग्रन्थ से एक-एक चावल एक-एक कीड़ा खाने का पाप लगता है.

पढ़ें: शनिवार को चंद्रमा कर्क राशि में, जानें किन राशियों के जातकों पर बरसेगी कृपा

हैदराबाद: हिंदू सनातन धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है. महीने में एकादशी दो बार आती है. इस समय कार्तिक मास चल रहा है. इस वजह से इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. इस महीने में दो एकादशी आती हैं. पहली रमा एकादशी और दूसरी देवउठनी एकादशी. यहां पर हम बात कर रहे हैं रमा एकादशी.

लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र ने इस बारे में जानकारी दी कि रमा एकादशी का व्रत करने से जातकों की समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

आइए जानते हैं इस बार रमा एकादशी 2024 कब मनाई जाएगी और क्या है व्रत का शुभ मुहूर्त, विधि और पारण का समय.

कब है रमा एकादशी?
ज्योतिषाचार्य ने कहा कि इस बार रमा एकादशी सोमवार 28 अक्टूबर 2024 को मनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि वैसे तो एकादशी की शुरुआत रविवार प्रातः 7:42 से हो रही है और यह अगले दिन सोमवार 28 अक्टूबर को सुबह 9:10 तक रहेगी. इस वजह से रमा एकादशी सोमवार को मनाई जाएगी. इस दौरान कुछ विशेष सावधानियां बरतनी पड़ती हैं. तभी जातकों को उसका फल प्राप्त होगा.

जानें विशेष बातें

  1. सोमवार 28 अक्टूबर को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें.
  2. जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है.
  3. जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है.
  4. एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं. इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है.
  5. धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है.
  6. कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है.
  7. परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है. पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ. भगवान शिवजी ने नारद से कहा है कि एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है. एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है.

एकादशी के दिन करने योग्य काम

  • एकादशी के दिन घी का दिया जलाकर विष्णुसहस्त्रनाम पढ़ें.
  • विष्णुसहस्त्रनाम नहीं हो तो 10 माला गुरुमंत्र का जप कर लें.
  • अगर घर में झगड़े होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णुसहस्त्रनाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे.

बरते ये सावधानियां
एक महीने में 15-15 दिन में एकादशी आती है. एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है, लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए.
एकादशी के दिन जो चावल खाता है तो धार्मिक ग्रन्थ से एक-एक चावल एक-एक कीड़ा खाने का पाप लगता है.

पढ़ें: शनिवार को चंद्रमा कर्क राशि में, जानें किन राशियों के जातकों पर बरसेगी कृपा

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