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नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री को ऐसे करें प्रसन्न - Chaitra navratrl - CHAITRA NAVRATRL

Chaitra navratrl : आज नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा व घटस्थापना की जाती है. चैत्र नवरात्रि से ही हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है. घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त दिन में अभिजीत मुहूर्त रहेगा. 9 april , chaitra navratri , gudi padwa

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मां शैलपुत्री
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 9, 2024, 10:58 AM IST

हैदराबाद : देवी आराधना का पर्व चैत्र नवरात्रि शुरू हो चुका है. नवरात्रि का अर्थ होता है नौ विशेष रातें. इन दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है जिससे जीवन में सुख मां दुर्गा दुर्गा प्रसन्न होकर अपने भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं. ऐसी मान्यता है की नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा स्वयं पृथ्वी पर आती है इसलिए भक्त उनके आगमन पर विशेष पूजा-अनुष्ठान और व्रत आदि रखकर मां का स्वागत करते हैं. चैत्र नवरात्रि से ही हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है.

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त : चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा व कलश स्थापना की जाती है. प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल की रात 11.51 मिनट पर शुरू होगी और 9 अप्रैल की रात 8.29 मिनट पर समापन होगा. उदया तिथि के अनुसार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से होगी. डॉ. नवीन चंद्र जोशी के अनुसार घटस्थापना और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 9 अप्रैल मंगलवार के अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11:36 से 12:23 मिनट तक रहेगा.

chaitra navratri first day Maa shailputri
मां शैलपुत्री

मां शैलपुत्री की कथा
दक्ष प्रजापति की पुत्री माता सती का विवाह भगवान भोलेनाथ से हुआ था. एक बार दक्ष प्रजापति ने अपने घर पर यज्ञ का अनुष्ठान किया, किंतु दक्ष प्रजापति और भगवान भोलेनाथ के बीच आपसी मतभेदों के कारण उस यज्ञ में अपनी पुत्री और दामाद भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया. इस अपमान को माता सती बर्दाश्त नहीं कर पाई और इस यज्ञ में जाकर आत्मदाह कर लिया. उसके बाद माता सती का पुनर्जन्म पर्वत राज हिमालय के यहां हुआ. जिस कारण उनका उन्हें शैलपुत्री कहा जाता है अर्थात पर्वत की पुत्री. मां शैलपुत्री को सफेद रंग अत्यंत प्रिय है इसलिए उनकी पूजा में सफेद फूल, सफेद वस्त्र, दूध, नारियल आदि का प्रयोग करना चाहिए, शुद्ध गाय के घी से बने घी मिठाईयां सफेद रंग की मिठाइयां आदि का भोग लगाना चाहिए. chaitra navratri , gudi padwa , 9 april rashifal , 9 april , 9 april 2024 , chaitra navratri , gudi padwa , Maa shailputri

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कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त : चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा व कलश स्थापना की जाती है. प्रतिपदा तिथि 8 अप्रैल की रात 11.51 मिनट पर शुरू होगी और 9 अप्रैल की रात 8.29 मिनट पर समापन होगा. उदया तिथि के अनुसार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से होगी. डॉ. नवीन चंद्र जोशी के अनुसार घटस्थापना और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 9 अप्रैल मंगलवार के अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11:36 से 12:23 मिनट तक रहेगा.

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मां शैलपुत्री

मां शैलपुत्री की कथा
दक्ष प्रजापति की पुत्री माता सती का विवाह भगवान भोलेनाथ से हुआ था. एक बार दक्ष प्रजापति ने अपने घर पर यज्ञ का अनुष्ठान किया, किंतु दक्ष प्रजापति और भगवान भोलेनाथ के बीच आपसी मतभेदों के कारण उस यज्ञ में अपनी पुत्री और दामाद भगवान शिव को आमंत्रित नहीं किया. इस अपमान को माता सती बर्दाश्त नहीं कर पाई और इस यज्ञ में जाकर आत्मदाह कर लिया. उसके बाद माता सती का पुनर्जन्म पर्वत राज हिमालय के यहां हुआ. जिस कारण उनका उन्हें शैलपुत्री कहा जाता है अर्थात पर्वत की पुत्री. मां शैलपुत्री को सफेद रंग अत्यंत प्रिय है इसलिए उनकी पूजा में सफेद फूल, सफेद वस्त्र, दूध, नारियल आदि का प्रयोग करना चाहिए, शुद्ध गाय के घी से बने घी मिठाईयां सफेद रंग की मिठाइयां आदि का भोग लगाना चाहिए. chaitra navratri , gudi padwa , 9 april rashifal , 9 april , 9 april 2024 , chaitra navratri , gudi padwa , Maa shailputri

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