Neem Tree Religious Importance: वैसे तो नीम का पौधा औषधीय महत्व का पौधा होता है. ये हर जगह पाया जाता है और ज्यादातर लोग इसके औषधीय महत्व के बारे में जानते भी हैं. लेकिन ज्योतिष में भी नीम के पौधे का बहुत बड़ा उपयोग बताया गया है. ग्रहों की शांति की बात हो, या फिर रोग की शांति की बात हो, ज्योतिष में नीम के पौधे का बहुत ज्यादा इस्तेमाल माना गया है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानते हैं कि ज्योतिष में नीम का क्या महत्व है.
तीन ग्रहों का समाधान करता है नीम
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि, वैसे तो नीम का पेड़ औषधीय महत्व का पौधा माना जाता है, लेकिन शास्त्रों में भी इसका बहुत महत्व बताया गया है. नीम को भी वृक्षों का राजा माना जाता है, जैसे नीम है, पीपल है, बरगद है, तुलसी है, और बरा का पेड़ है, इन पौधों को राजा माना जाता है. नीम का वृक्ष भी बहुत महत्वपूर्ण होता है. नीम का वृक्ष जहां लगता है वहां पर सभी देवी देवताओं का वास होता है. नीम तीन ग्रहों का समाधान भी करता है, राहु, केतु, शनि और मध्यम में मंगल ग्रह को भी शांति प्रदान करता है. Neem Ke Upay
ज्योतिष में नीम की माला धारण करने का महत्व
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि, नीम के वृक्ष को जाकर स्नान कराएं, शास्त्रों में ये भी उल्लेख है नीम की डाली को तोड़कर उसे सुंदर-सुंदर गोल गोल पिरो लें और 108 गोलियों की माला बनाकर उसे धारण करें, तो इससे शरीर में रोग का संचार नहीं होता है. कुछ लोग जो हरी नीम की पत्तियों का सेवन करते हैं, दो चार पत्तियां खाकर पानी पीते हैं, उनके शरीर का खून भी शुद्ध होता है. ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से उनके ग्रह उच्च होते हैं, क्योंकि शनि, राहु, केतु और मंगल का प्रभाव न होने के कारण सूर्य, शुक्र और गुरु बलवान हो जाते हैं. जिससे वो शख्स निरोगी रहता है. माला पहनने से भी लाभ होता है.
देवी देवताओं का होता है वास
ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि ''सबसे महत्वपूर्ण बिंदु है कि नीम का पौधा जहां भी लगता है, जैसे ही उसमें एक हजार पत्ते हो जाते हैं, उसमें देवी देवता निवास करते हैं. क्योंकि नीम के वृक्ष में देवी देवताओं का निवास होता है, नौ देवियां होती हैं. देवियां वहां पर जाकर निवास करते हैं. शास्त्रों में उल्लेख है जो भी नीम की छाया में जाकर बैठकर भोजन करते हैं, नीम की छाया में आराम करते हैं, नीम की छाया में जाकर बैठते हैं अगर छाया भी पड़ जाती है तो आदमी निरोगी होता है. किसी भी तरह के रोग का संचार नहीं होता है और बुद्धि प्रबल होती है, उसे व्यक्ति का भाग्योदय होता है.