जामताड़ा: आज वट सावित्री पूजा है. पूरे देश में सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष की पूजा कर अपने पति की लंबी उम्र की कामना कर रही हैं. जामताड़ा में भी बड़ी संख्या में विवाहित महिलाएं वट वृक्ष के नीचे जुटीं. महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र और अपने वैवाहिक सुख की रक्षा के लिए विभिन्न स्थानों पर वट वृक्ष के नीचे पूजा अर्चना की. महिलाओं ने वट वृक्ष की परिक्रमा कर अपने वैवाहिक सुख की रक्षा और अपने पति की लंबी उम्र की कामना की.
वट वृक्ष का वर्णन धार्मिक शास्त्रों, वेदों और पुराणों में किया गया है. एक ओर जहां वट वृक्ष को भगवान शिव का रूप माना जाता है, वहीं दूसरी ओर पद्म पुराण में इसे भगवान विष्णु का अवतार कहा गया है. ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा और अमावस्या को विवाहित महिलाएं व्रत रखती हैं और वट वृक्ष की पूजा करती हैं, जिसे वट सावित्री व्रत कहा जाता है.
इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की रक्षा और वैवाहिक सुख के लिए व्रत रखती हैं और वट वृक्ष के चारों ओर धागा बांधकर 108 बार परिक्रमा करती हैं. इसका बहुत महत्व बताया जाता है। कहा जाता है कि माता सावित्री अपने कठिन तप से अपने पति के प्राण यमलोक से वापस लाईं थी. तभी से इसे वट सावित्री व्रत के नाम से जाना जाता है.
विवाहित महिलाओं का कहना है कि इस दिन वे वट वृक्ष के नीचे पूजा-अर्चना करती हैं, परिक्रमा करती हैं और अपने वैवाहिक सुख की रक्षा और पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं.
यह भी पढ़ें: Video: रांची में वट सावित्री पूजा, सुहागिनों ने अखंड सौभाग्य के लिए रखा व्रत