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आज श्रावण शुक्ल पक्ष द्वितीया व मंगला गौरी व्रत, देव स्थापना के लिए शुभ है यह दिन - 6 August Mangala gauri vrat - 6 AUGUST MANGALA GAURI VRAT

6 August Mangala gauri vrat : मंगलवार को श्रावण महीने की शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि है. आज के दिन चंद्रमा सिंह राशि व मघा नक्षत्र में रहेगा. बता दें, सावन माह का तीसरा मंगला गौरी व्रत भी है.

mangala gauri vrat 6 august panchang tuesday rahu kal
सावन माह का तीसरा मंगला गौरी व्रत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 5, 2024, 3:56 PM IST

Updated : Aug 6, 2024, 6:04 AM IST

हैदराबाद : मंगलवार 6 अगस्त को श्रावण महीने की शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि है. इसके देवता देवादिदेव महादेव हैं. इस दिन चंद्रमा का दर्शन शुभ माना जाता है. शादी, वेडिंग रिंग की खरीदी और देवताओं की स्थापना के लिए यह तिथि शुभ होती है. किसी भी तरह के तकरार या विवाद के लिए यह तिथि अच्छी नहीं मानी जाती है. बता दें, आज तीसरा मंगला गौरी व्रत भी है.

सनातन धर्म में सावन को भगवान शिव के महीने के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है. वहीं, इस माह के मंगलवार को मां मंगला गौरी व्रत और भगवान हनुमान की पूजा करने का भी विशेष महत्व है. मंगला गौरी व्रत से भक्तों को मां गौरी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और अगर कुंडली में मंगल दोष हो या फिर मंगल ग्रह खराब हो तो उससे भी निजात मिलती है. मंगला गौरी व्रत में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए माता मंगला से प्रार्थना करती हैं और कुंवारी कन्याओं के भी जल्दी विवाह के योग बनते हैं.

mangala gauri vrat 6 august panchang tuesday rahu kal
सावन माह का तीसरा मंगला गौरी व्रत (ETV Bharat)

व्रत पूजा की विधि: मंगला गौरी व्रत के दिन महिलाएं व कुंवारी कन्याएं सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और मंगला गौरी व्रत का संकल्प लें. उसके बाद शिव मंदिर में जाकर माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें. पूजा करने के लिए शिवलिंग का जलाभिषेक करें और पूजा सामग्री में फल-फूल, अक्षत, कुमकुम और सोलह श्रृंगार की वस्तुएं मां पार्वती को अर्पित करें. भगवान शिव को वस्त्र आदि अर्पित कर घर या मंदिर में कथा सुनें. महिलाएं पूजा के बाद अपने पति की लंबी आयु और कुंवारी कन्या जल्दी विवाह की कामना करें. इस व्रत का पारण अगले दिन यानी कि बुधवार को किया जाता है.

इस नक्षत्र में किसी भी तरह के शुभ कार्य से बचें : आज के दिन चंद्रमा सिंह राशि और मघा नक्षत्र में रहेगा. इस नक्षत्र का विस्तार 0 से 13:20 डिग्री तक सिंह राशि में फैला है. इसके देवता पितृगण और नक्षत्र स्वामी केतु हैं. यह उग्र और क्रूर प्रकृति का नक्षत्र है.किसी भी तरह का शुभ कार्य यात्रा या उधार धन लेने का काम इस नक्षत्र में नहीं करना चाहिए. शत्रुओं के विनाश की योजना बनाने का काम किया जा सकता है.

आज के दिन का वर्जित समय : आज के दिन 16:01 से 17:39 बजे तक राहुकाल रहेगा. ऐसे में कोई शुभ कार्य करना हो, तो इस अवधि से परहेज करना ही अच्छा रहेगा. इसी तरह यमगंड, गुलिक, दुमुहूर्त और वर्ज्यम् से भी परहेज करना चाहिए.

  1. 6 अगस्त का पंचांग
  2. विक्रम संवत : 2080
  3. मास : श्रावण
  4. पक्ष : शुक्ल पक्ष द्वितीया
  5. दिन : मंगलवार
  6. तिथि : शुक्ल पक्ष द्वितीया
  7. योग : वरियान
  8. नक्षत्र : मघा
  9. करण : बलव
  10. चंद्र राशि : सिंह
  11. सूर्य राशि : कर्क
  12. सूर्योदय : सुबह 06:12 बजे
  13. सूर्यास्त : शाम 07:17 बजे
  14. चंद्रोदय : सुबह 07.12 बजे
  15. चंद्रास्त : रात 08.28 बजे
  16. राहुकाल : 16:01 से 17:39
  17. यमगंड : 11:06 से 12:45

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हैदराबाद : मंगलवार 6 अगस्त को श्रावण महीने की शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि है. इसके देवता देवादिदेव महादेव हैं. इस दिन चंद्रमा का दर्शन शुभ माना जाता है. शादी, वेडिंग रिंग की खरीदी और देवताओं की स्थापना के लिए यह तिथि शुभ होती है. किसी भी तरह के तकरार या विवाद के लिए यह तिथि अच्छी नहीं मानी जाती है. बता दें, आज तीसरा मंगला गौरी व्रत भी है.

सनातन धर्म में सावन को भगवान शिव के महीने के रूप में धूमधाम से मनाया जाता है. वहीं, इस माह के मंगलवार को मां मंगला गौरी व्रत और भगवान हनुमान की पूजा करने का भी विशेष महत्व है. मंगला गौरी व्रत से भक्तों को मां गौरी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और अगर कुंडली में मंगल दोष हो या फिर मंगल ग्रह खराब हो तो उससे भी निजात मिलती है. मंगला गौरी व्रत में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए माता मंगला से प्रार्थना करती हैं और कुंवारी कन्याओं के भी जल्दी विवाह के योग बनते हैं.

mangala gauri vrat 6 august panchang tuesday rahu kal
सावन माह का तीसरा मंगला गौरी व्रत (ETV Bharat)

व्रत पूजा की विधि: मंगला गौरी व्रत के दिन महिलाएं व कुंवारी कन्याएं सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और मंगला गौरी व्रत का संकल्प लें. उसके बाद शिव मंदिर में जाकर माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें. पूजा करने के लिए शिवलिंग का जलाभिषेक करें और पूजा सामग्री में फल-फूल, अक्षत, कुमकुम और सोलह श्रृंगार की वस्तुएं मां पार्वती को अर्पित करें. भगवान शिव को वस्त्र आदि अर्पित कर घर या मंदिर में कथा सुनें. महिलाएं पूजा के बाद अपने पति की लंबी आयु और कुंवारी कन्या जल्दी विवाह की कामना करें. इस व्रत का पारण अगले दिन यानी कि बुधवार को किया जाता है.

इस नक्षत्र में किसी भी तरह के शुभ कार्य से बचें : आज के दिन चंद्रमा सिंह राशि और मघा नक्षत्र में रहेगा. इस नक्षत्र का विस्तार 0 से 13:20 डिग्री तक सिंह राशि में फैला है. इसके देवता पितृगण और नक्षत्र स्वामी केतु हैं. यह उग्र और क्रूर प्रकृति का नक्षत्र है.किसी भी तरह का शुभ कार्य यात्रा या उधार धन लेने का काम इस नक्षत्र में नहीं करना चाहिए. शत्रुओं के विनाश की योजना बनाने का काम किया जा सकता है.

आज के दिन का वर्जित समय : आज के दिन 16:01 से 17:39 बजे तक राहुकाल रहेगा. ऐसे में कोई शुभ कार्य करना हो, तो इस अवधि से परहेज करना ही अच्छा रहेगा. इसी तरह यमगंड, गुलिक, दुमुहूर्त और वर्ज्यम् से भी परहेज करना चाहिए.

  1. 6 अगस्त का पंचांग
  2. विक्रम संवत : 2080
  3. मास : श्रावण
  4. पक्ष : शुक्ल पक्ष द्वितीया
  5. दिन : मंगलवार
  6. तिथि : शुक्ल पक्ष द्वितीया
  7. योग : वरियान
  8. नक्षत्र : मघा
  9. करण : बलव
  10. चंद्र राशि : सिंह
  11. सूर्य राशि : कर्क
  12. सूर्योदय : सुबह 06:12 बजे
  13. सूर्यास्त : शाम 07:17 बजे
  14. चंद्रोदय : सुबह 07.12 बजे
  15. चंद्रास्त : रात 08.28 बजे
  16. राहुकाल : 16:01 से 17:39
  17. यमगंड : 11:06 से 12:45

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Last Updated : Aug 6, 2024, 6:04 AM IST
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