हैदराबाद : हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है. इस साल यह 8 मार्च को मनाया जायेगा. यह मुख्य रूप से भगवान शिव और शक्ति के मिलन का त्योहार माना जाता है. शिवरात्रि का त्योहार है कई मायने में महत्वपूर्ण है. उन्होंने पूरी दुनिया को विनास से बचाया था, इसको लेकर इस अवसर पर भगवान शिव का सम्मान करने का विशेष अवसर है. वहीं काफी लंबे इंतजार और धैर्य के बाद भगवान शिव ने पार्वती से विवाह किया था.
हिंदू धर्म के मान्यता के अनुसार भगवान शिव की पूजा करने के लिए यह साल का सबसे पवित्र दिन माना जाता है. इस अवसर पर भक्त भगवान शिव पर गंगा जल चढ़ाकर घरों और विभिन्न मंदिरों में विधि-विधान से पूजा-पाठ करते हैं. इस अवसर पर शिव मंदिरों में खासकर विभिन्न ज्योतिर्लिंगों में विशेष पूजन का आयोजन किया जाता है. इस अवसर पर शिव-पार्वती विवाह देखने के शिव मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्त जुटते हैं.
दिक पंचांग के अनुसार
- महाशिवरात्रि 8 मार्च 2024, दिन शुक्रवार
- निशिता काल पूजा समय -मार्च 09 को 12.07 ए.एम से 12.56 एएम
- पूजा अवधि- 00 घंटा 49 मिनट्स
- शिवरात्रि पारण का समय- 9 मार्च को 6.37 ए.एम-3.39 पी.एम
- रात्रि प्रथम प्रहर पूजन समय -9 मार्च को 6.25 पीएम- 9.28 पी.एम
- रात्रि द्वितीय प्रहर पूजन समय -9 मार्च को 9.28 पीएम - 12.31 ए.एम
- रात्रि तृतीय प्रहर पूजन समय - 9 मार्च को 12.31 ए.एम से 3.34 ए.एम
- रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजन समय - 9 मार्च को 3.34 एम से 6.37 ए.एम तक
- चतुर्दशी तिथि प्रारंभ समय - 8 मार्च को 2024 को 9.57 पी.एम बजे से
महाशिवरात्रि पर सभी लोग अपनी आस्था, भक्ति और अपनी परंपराओं के अनुसार पूजा-पाठ करते हैं. सामान्य तौर पर आम भक्त पूजन के लिए इन परंपराओं का अपनाते हैं.
- महाशिवरात्रि के अवसर पर व्रत रखते हैं.
- इस दिन गंगा स्नान कर मंदिरों में पूजन कर भगवान भोले शंकर का आशीर्वाद लेना फलदायी होता है.
- महाशिवरात्रि के अवसर पर विभिन्न शिव मंत्रों का जाप करते हैं.
- इस अवसर पर भगवान शिव को प्रसाद के रूप में फल, मिठाई, मेवे के अलावा दूध, शहद, दही, घी, गन्ने का रस, गंगाजल सहित अन्य सामग्री अर्पित करते हैं.
- पूजन के दौरान भगवान को भांग, धतूरा, बेर सहित अन्य फल-फूल चढ़ाते हैं.