हैदराबाद: पूजा-पाठ हो या अन्य कोई धार्मिक अनुष्ठान हो, लोग अगरबत्ती को जलाकर वहां के वातावरण को शुद्ध करते हैं. अगरबत्ती को पूजा-अनुष्ठान में इसलिए जलाया जाता है, ताकि हमारा चित्त शांत हो जाए और हमारा ध्यान पूरी तरह से पूजा में लीन हो पाए. लेकिन अगर हम कहें कि शास्त्रों के अनुसार अगरबत्ती जलाना शुभ नहीं माना जाता है, तो क्या आप मानेंगे. जीहां, यह सही है और ऐसा इसलिए क्योंकि अगरबत्ती बनाने के लिए बांस की लकड़ी का इस्तेमाल होता है और शास्त्रों में बांस जलाना वर्जित बताया गया है.
क्या कहते हैं शास्त्र
शास्त्रों के अनुसार अगर बांस की लकड़ी को जलाया जाता है, तो इससे वंश का विनाश होता है. इसके अलावा अगर कोई बांस जलाता है कि उसे पितृ दोष भी लगता है. भारतीय वास्तु शास्त्र में भी बांस की लकड़ी को शुभ माना जाता है. वहीं भगवान कृष्ण के हाथों में बांस से बनी बांसुरी को देखा जा सकता है. इसके मुंडन, जनेऊ और अन्य अनुष्ठानों में बांस की पूजा की जाती है, जबकि शादी में इसका इस्तेमाल मंडप बनाने के लिए किया जाता है.
ऐसा माना जाता है कि जहां पर बांस की लकड़ी होती है, नकारात्मक ऊर्जा और शक्तियां वहां प्रवेश नहीं करती हैं. ऐसे में माना जाता है कि बांस को जलाना शुभ नहीं होता है. इसके अलावा बांस न जलाने के कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं. तो चलिए आपको इनके बारे में भी जानकारी देते हैं. फेंगशुई में बांस के पौधे को लंबी आयु के लिए बहुत शक्तिशाली माने जाते हैं, इसलिए इसको जलाना अशुभ बताया गया है.
बांस न जलाने के वैज्ञानिक कारण
वैज्ञानिकों की माने तो बांस की लकड़ी में लेड के साथ-साथ अन्य प्रकार की धातुएं पाई जाती हैं. ऐसे में जब आप बांस को जलाते हैं, तो ये धातुएं अपनी आक्साइड बना लेती हैं और इनके जलने से वातावरण बेहद दूषित हो जाता है. ऐसे में आपकी जान को भी खतरा हो सकता है. जलाने से इसकी धातुओं के अंश हवा में बने रहते हैं और जब आप सांस लेते हैं, तो यह हवा के साथ शरीर के अंदर चले जाते हैं.