GWALIOR UNIQUE SHIVLING STORY: सावन का महीना चल रहा है और शिवालयों में भक्तों की भीड़ जुट रही है. देश दुनिया में भोलेनाथ के अनेकों स्वरूपों के दर्शन होते हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित हजारेश्वर महादेव शिवलिंग सबसे अनोखा है. यहां भोलेशंकर का अभिषेक करने पर हजार गुना पुण्य प्राप्त होता है. आइये सावन सोमवार पर आपको कराते हैं हजारेश्वर महादेव के दर्शन और बताते हैं क्या है इनकी विशेषता?
इस शिवलिंग को हजारेश्वर महादेव कहा जाता है
कहा जाता है कि सावन के महीने में अपने भक्तों पर महादेव कि असीम कृपा होती है. सावन सोमवार में भोलेनाथ पर जल चढ़ाने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है, लेकिन अगर हम आपसे कहें कि आप एक शिवलिंग पर जलाभिषेक कर हजार अभिषेक का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं. ये सुनकर आप भी सोच में पड़ जाएंगे, लेकिन यह बिलकुल सही बात है. क्योंकि मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भोलेनाथ का एक ऐसा ही मंदिर है. जहां शिवलिंग पर अभिषेक करने पर हजार गुना फल प्राप्त होता है और इन्हें हजारेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है.
एक शिवलिंग में 1108 शिवलिंग विराजमान
ग्वालियर शहर के बीचोंबीच स्थित है हजारेश्वर महादेव का मंदिर. इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग 500 वर्ष से अधिक प्राचीन है और स्वंभू है. यह लगभग 5.5 फीट लंबा और 3 फीट चौड़ा है. इसी वजह से इन्हें मोटे महादेव के नाम से भी जाना जाता है, लेकिन जो बात इस शिवलिंग को विश्व के किसी भी दूसरे शिवलिंग से अलग बनाती है. वह यह है कि इस शिवलिंग में भोलेनाथ के 55 मुख और 1108 छोटे छोटे शिवलिंग है. इसका रंग भी अपने आप में अलग है, क्योंकि दूर से देखने पर यह पीतांबर नजर आता है. जैसे कि इस पर तांबे की परत चढ़ी हो, लेकिन असल में यह इसी रंग का है.
एक जलाभिषेक से मिलता है हज़ार गुना पुण्य
हजारेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी पंडित मनमोहन भार्गव बताते हैं कि "सावन के महीने में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने पर भोलेनाथ को प्रसन्न होते हैं. हजारेश्वर महादेव पर जलाभिषेक करने पर भक्तों को एक बार में ही 1164 रुद्राभिषेक का पुण्य प्राप्त होता है. एक बार अभिषेक करने से एक हजार से अधिक शंकर भगवान का स्नान होता है. मोटे महादेव में बनी छोटी शिवलिंग एक हजार से अधिक हैं. इसलिए इसका नाम हजारेश्वर महादेव पड़ा.
भोलेनाथ की तरह ही नंदी भी अनोखे
इस मंदिर में जो भक्त मनोकामना लेकर आता है. वह मन में अर्ज़ी लगाये और नंदी बाबा के कान में अपनी मनोकामना बता दे, तो नंदी बाबा भोलेनाथ तक पहुंचाते हैं, कि भक्तों की मनोकामना पूरी करें. यहां दर्शन करने पर रोगियों के भी भोलेनाथ सभी कष्ट मिटाते हैं, उन्हें आशीर्वाद देते हैं. खास बात यह है, कि मंदिर में शिवलिंग की तरह ही नंदी बाबा का आकार भी बहुत बड़ा है. यहां भोलेनाथ के द्वारपाल बनकर बैठे नंदी बाबा भी करीब चार फीट ऊंचे हैं. वह इस तरह बैठे हैं कि मानों खड़े ही होने वाले हैं. इसी मंदिर में शिवलिंग के ठीक पास में मां पार्वती विराजमान हैं, जो निरंतर भोलेनाथ की तपस्या कर रही हैं.