WHY GURU PURNIMA CELEBRATED: गुरु पूर्णिमा का दिन बहुत विशेष माना जाता है. इस दिन गुरु को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग तरीके से विधि विधान से पूजा पाठ किए जाते हैं. सभी के जीवन में गुरु की एक अहम भूमिका होती है. जीवन को सही राह दिखाने में गुरु का बड़ा योगदान होता है. ऐसे में सभी गुरुओं को सम्मानित करने के लिए गुरु पूर्णिमा का दिन बहुत शुभ होता है. साल 2024 में गुरु पूर्णिमा कब पड़ रही है और गुरुओं को प्रसन्न करने के लिए किस विधि विधान से पूजा पाठ करें. जानते हैं ज्योतिष आचार्य से.
गुरु पूर्णिमा कब?
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि साल 2024 में गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को पड़ रही है. हर साल आषाढ़ माह में गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. शास्त्रों के मुताबिक, इस अवसर पर स्नान, दान और गुरु पूजन का बहुत महत्व है. आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत तो 20 जुलाई को शाम 5:59 बजे से ही हो जाएगी. लेकिन इसका समापन अगले दिन 21 जुलाई को दोपहर 3:46 बजे पर होगा. शास्त्रों के मुताबिक उदया तिथि मान्य होता है, इस बार गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को मनाई जाएगी जो रविवार के दिन पड़ेगी.
गुरु पूर्णिमा के दिन क्या करें?
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि, गुरु पूर्णिमा के दिन गुरुओं का पूजन करना, विधि विधान से पूजा पाठ करके उनका आशीर्वाद लेना बहुत शुभ होता है. गुरु पूर्णिमा 21 जुलाई को है. उस दिन प्रातः कालीन स्नान करके पूजा पाठ करें, भगवान का स्मरण करें और फिर जहां गुरु का आश्रम है, वहां पहुंचकर या गुरुजी को सप्रेम आदर के साथ घर में बुलाकर लाएं, उनके चरण धोएं. उनको उत्तम आसन पर बिठाकर फूल माला पहनाएं. पूरा परिवार उनके चरणों को धोए और आरती पूजन करें, तो गुरु की कृपा उस घर में बरसती है. गुरु की जब कृपा बरसती है तो घर में धन की कमी कभी नहीं होती है. गुरु के अशीर्वाद से विद्या की प्राप्ति होती है, और सरस्वती जी का निवास होता है.
गुरु पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त
ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि, गुरु पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त की बात करें तो प्रातः कालीन 6:00 बजे से लेकर के 11:00 बजे तक विशेष मुहूर्त रहेगा. इस मुहूर्त का ध्यान रखें और फिर शाम को 4:00 बजे से लेकर के 8:00 बजे तक पूर्ण मुहूर्त रहेगा. उस दिन इस शुभ मुहूर्त में सभी गुरुओं के आश्रम में जाकर या उन्हें आदर पूर्वक घर में बुलाकर उनके चरणों को धोयें उन्हें नया वस्त्र दें. माला पहनाकार मीठा या जो भी यथाशक्ति हो सके, उनका सम्मान करें, और गुरु का आशीर्वाद लें. गुरु की कृपा विशेष रूप से उस घर में बनी रहती है और भगवान विष्णु भी प्रसन्न होते हैं और सभी देवी देवताओं की कृपा उस घर में बरसती रहती है.