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किस समय करें मां लक्ष्मी की पूजा, घर-परिवार में होगी धन की वर्षा

कार्तिक महीने की अमावस्या को लक्ष्मी पूजा की जाती है. मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में पूजा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.

Laxmi Puja 2024 Know Shubh Muhurat
मां लक्ष्मी की पूजा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 30, 2024, 11:50 AM IST

हैदराबादः वैदिक पंचांग के अनुसार, दिवाली पर लक्ष्मी पूजा अमावस्या की तारीख और शाम एवं रात में प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद से लेकर देर रात तक करने का विधान होता है. ऐसे में दिवाली 31 अक्टूबर को अमावस्या तिथि, प्रदोष काल और निशिताकाल मुहुर्त में मनाना बेहद शुभ और शास्त्र संवत सही होगा. 1 नवंबर को शाम में अमावस्या की तिथि समाप्त हो जाएगी. ऐसे में जो लोग 1 नवंबर को दिवाली मनाएंगे, वो गलत और अशुभ माना जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि पर दिवाली की शाम/रात लक्ष्मी पूजा की जाती है. यह शाम/रात में प्रदोष काल के दौरान यानि सूर्यास्त के बाद लक्ष्मी पूजन करने का विधान है.

दिवाली कैलेंडर 2024

  • 28 अक्टूबर (सोमवार)-गोवत्स द्वादशी, वसुबारस
  • 29 अक्टूबर (मंगलवार)-धनतेरस
  • 30 अक्टूबर (बुधवार)-काली चौदस, हनुमान पूजा
  • 31 अक्टूबर (गुरुवार)-नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली), काली पूजा
  • 01 नवंबर (शुक्रवार)-दिवाली (लक्ष्मी पूजा)
  • 02 नवंबर (शनिवार)-गोवर्धन पूजा, अन्नकूट
  • 03 नवंबर (रविवार)-भाई दूज, यम द्वितीया, चित्रगुप्त पूजा

लक्ष्मी पूजा का समय

  1. निशिता कालः 02 नवंबर 2024 रात 11 बजकर 16 मिनट से सुबह 12 बजकर 7 मिनट तक
  2. सिंह लग्नः 02 नवंबर 2024 सुबह 12 बजकर 31 मिनट से सुबह 2 बजकर 45 मिनट तक
  3. अमावस्या तिथि निशिता मुहूर्त के साथ पर्याप्त नहीं है.
  4. अमावस्या तिथि प्रारंभः 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से
  5. अमावस्या तिथि समापनः01 नवंबर 2024 को दोपहर 6 बजकर 16 मिनट से

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हैदराबादः वैदिक पंचांग के अनुसार, दिवाली पर लक्ष्मी पूजा अमावस्या की तारीख और शाम एवं रात में प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के बाद से लेकर देर रात तक करने का विधान होता है. ऐसे में दिवाली 31 अक्टूबर को अमावस्या तिथि, प्रदोष काल और निशिताकाल मुहुर्त में मनाना बेहद शुभ और शास्त्र संवत सही होगा. 1 नवंबर को शाम में अमावस्या की तिथि समाप्त हो जाएगी. ऐसे में जो लोग 1 नवंबर को दिवाली मनाएंगे, वो गलत और अशुभ माना जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि पर दिवाली की शाम/रात लक्ष्मी पूजा की जाती है. यह शाम/रात में प्रदोष काल के दौरान यानि सूर्यास्त के बाद लक्ष्मी पूजन करने का विधान है.

दिवाली कैलेंडर 2024

  • 28 अक्टूबर (सोमवार)-गोवत्स द्वादशी, वसुबारस
  • 29 अक्टूबर (मंगलवार)-धनतेरस
  • 30 अक्टूबर (बुधवार)-काली चौदस, हनुमान पूजा
  • 31 अक्टूबर (गुरुवार)-नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली), काली पूजा
  • 01 नवंबर (शुक्रवार)-दिवाली (लक्ष्मी पूजा)
  • 02 नवंबर (शनिवार)-गोवर्धन पूजा, अन्नकूट
  • 03 नवंबर (रविवार)-भाई दूज, यम द्वितीया, चित्रगुप्त पूजा

लक्ष्मी पूजा का समय

  1. निशिता कालः 02 नवंबर 2024 रात 11 बजकर 16 मिनट से सुबह 12 बजकर 7 मिनट तक
  2. सिंह लग्नः 02 नवंबर 2024 सुबह 12 बजकर 31 मिनट से सुबह 2 बजकर 45 मिनट तक
  3. अमावस्या तिथि निशिता मुहूर्त के साथ पर्याप्त नहीं है.
  4. अमावस्या तिथि प्रारंभः 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से
  5. अमावस्या तिथि समापनः01 नवंबर 2024 को दोपहर 6 बजकर 16 मिनट से

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