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9 नहीं दस दिन की होगी आषाढ़ गुप्त नवरात्रि, घोड़े पर सवार हो कर आएंगी मां, इन बातों का रखें खास ध्यान - Ashadha Gupt Navratri 2024

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 1, 2024, 3:18 PM IST

देवी के भक्तों के लिए नवरात्रि का त्योहार सबसे पावन होता है. जब गुप्त नवरात्रि आती है, तो देवी मां की साधना गुप्त रूप से की जाती है. आषाढ़ का महीना शुरू होने जा रहा है. इसी महीने में छह जुलाई से आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरूआत हो रही है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस बार यह गुप्त नवरात्रि आठ या नौ नहीं बल्कि पूरे 10 दिनों की होने वाली है.

ASHADHA GUPT NAVRATRI 2024
9 नहीं दस दिन की होगी आषाढ़ गुप्त नवरात्रि (ETV Bharat)

ASHADHA GUPT NAVRATRI 2024: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में देवी मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की आराधना की जाती है और हिन्दू पंचांग के अनुसार छह जुलाई यानी शनिवार से आषाढ़ गुप्त नवरात्र प्रारंभ हो रही है, जो 15 जुलाई तक चलेगी. माना जाता है कि गुप्त नवरात्र में देवी मां की पूजा अर्चना करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं, क्योंकि इस बार चतुर्थी तिथि में वृद्धि हुई है, इस वजह से नवरात्र का एक दिन बढ़ गया है.

पहले दिन से तय होता है देवी मां का वाहन

गुप्त नवरात्रि में माता की सवारी पहले से ही निश्चित होती है, क्योंकि उनका वाहन नवरात्र के शुरुआत होने वाले दिन के अनुसार माना जाता है. इस बार छह जुलाई को शनिवार रात दिन रहेगा, जिसका मतलब है कि इस गुप्त नवरात्रि में माता घोड़े पर सवार होकर आएंगी, लेकिन सबसे बड़ी परेशानी अब इस बात की है कि घोड़े को माता के वाहन के रूप में शुभ नहीं माना जाता है और जब भी ऐसा होता है, तो इसका असर पड़ोसी देशों के साथ संबंधों पर पड़ता है. देशों के बीच आपसी विवाद की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना बनी रहती है.

गुप्त नवरात्र का महूर्त, कलश स्थापना का समय

ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र शर्मा के मुताबिक इस बार गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ शनिवार छह जुलाई से होने जा रहा है. ऐसे में प्रतिपदा तिथि शनिवार सुबह 4 बज कर 25 मिनट पर होगी. इसका समापन अगले दिन रविवार को सुबह 4 बजकर 25 मिनट पर ही होने जा रहा है. ऐसे में कलश स्थापना का समय बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है. भक्तगण शनिवार छह जुलाई को इस दौरान माहौल में कलश की स्थापना कर सकते हैं. सुबह 5 बजकर 11 मिनट से लेकर सुबह 7 बज कर 26 मिनट तक कलश स्थापना का अच्छा मुहुर्त है. जो श्रद्धालु अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना करना चाहते हैं, वे अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11 बजे से लेकर 12 बजे तक एक घंटे के समय में घट स्थापना कर सकते हैं. यह मुहूर्त अत्यंत शुभ माना जाता है.

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गुप्त नवरात्रि में इन कामों को कहें 'ना...'

जैसा की शुरुआत में बताया गया कि इस बार जब शनिवार को नवरात्रि की शुरुआत होगी, तो माता का वाहन घोड़ा होगा और यह वाहन शुभ नहीं माना जाता. ऐसे में श्रद्धालुओं को ऐसे किसी भी कार्य से बचना चाहिए. जिससे देवी रुष्ट हों. गुप्त नवरात्र में मांस और मदिरा का बिलकुल सेवन नहीं करना चाहिए. इस दौरान प्याज और लहसून से भी दूरी बनाकर रखें, तामसिक भोजन जीवन में परेशानियां खड़ी करता है, गुप्त नवरात्र में जब माता की आराधना कर रहे हैं तो किसी का भी दिल नहीं दुखाना चाहिए. किसी को अपशब्द नहीं बोलना चाहिए, गुप्त नवरात्रि में इस बात का बहुत ध्यान रखें कि दिन में ना सोएं, क्योंकि ऐसा करने से देवी मां नाराज होती हैं. साथ ही इन दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं, ज्योतिष गणना और ज्योतिषविदों की जानकारी के आधार पर है, ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता.)

ASHADHA GUPT NAVRATRI 2024: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में देवी मां दुर्गा की 10 महाविद्याओं की आराधना की जाती है और हिन्दू पंचांग के अनुसार छह जुलाई यानी शनिवार से आषाढ़ गुप्त नवरात्र प्रारंभ हो रही है, जो 15 जुलाई तक चलेगी. माना जाता है कि गुप्त नवरात्र में देवी मां की पूजा अर्चना करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं, क्योंकि इस बार चतुर्थी तिथि में वृद्धि हुई है, इस वजह से नवरात्र का एक दिन बढ़ गया है.

पहले दिन से तय होता है देवी मां का वाहन

गुप्त नवरात्रि में माता की सवारी पहले से ही निश्चित होती है, क्योंकि उनका वाहन नवरात्र के शुरुआत होने वाले दिन के अनुसार माना जाता है. इस बार छह जुलाई को शनिवार रात दिन रहेगा, जिसका मतलब है कि इस गुप्त नवरात्रि में माता घोड़े पर सवार होकर आएंगी, लेकिन सबसे बड़ी परेशानी अब इस बात की है कि घोड़े को माता के वाहन के रूप में शुभ नहीं माना जाता है और जब भी ऐसा होता है, तो इसका असर पड़ोसी देशों के साथ संबंधों पर पड़ता है. देशों के बीच आपसी विवाद की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना बनी रहती है.

गुप्त नवरात्र का महूर्त, कलश स्थापना का समय

ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र शर्मा के मुताबिक इस बार गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ शनिवार छह जुलाई से होने जा रहा है. ऐसे में प्रतिपदा तिथि शनिवार सुबह 4 बज कर 25 मिनट पर होगी. इसका समापन अगले दिन रविवार को सुबह 4 बजकर 25 मिनट पर ही होने जा रहा है. ऐसे में कलश स्थापना का समय बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है. भक्तगण शनिवार छह जुलाई को इस दौरान माहौल में कलश की स्थापना कर सकते हैं. सुबह 5 बजकर 11 मिनट से लेकर सुबह 7 बज कर 26 मिनट तक कलश स्थापना का अच्छा मुहुर्त है. जो श्रद्धालु अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना करना चाहते हैं, वे अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11 बजे से लेकर 12 बजे तक एक घंटे के समय में घट स्थापना कर सकते हैं. यह मुहूर्त अत्यंत शुभ माना जाता है.

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गुप्त नवरात्रि में इन कामों को कहें 'ना...'

जैसा की शुरुआत में बताया गया कि इस बार जब शनिवार को नवरात्रि की शुरुआत होगी, तो माता का वाहन घोड़ा होगा और यह वाहन शुभ नहीं माना जाता. ऐसे में श्रद्धालुओं को ऐसे किसी भी कार्य से बचना चाहिए. जिससे देवी रुष्ट हों. गुप्त नवरात्र में मांस और मदिरा का बिलकुल सेवन नहीं करना चाहिए. इस दौरान प्याज और लहसून से भी दूरी बनाकर रखें, तामसिक भोजन जीवन में परेशानियां खड़ी करता है, गुप्त नवरात्र में जब माता की आराधना कर रहे हैं तो किसी का भी दिल नहीं दुखाना चाहिए. किसी को अपशब्द नहीं बोलना चाहिए, गुप्त नवरात्रि में इस बात का बहुत ध्यान रखें कि दिन में ना सोएं, क्योंकि ऐसा करने से देवी मां नाराज होती हैं. साथ ही इन दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं, ज्योतिष गणना और ज्योतिषविदों की जानकारी के आधार पर है, ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता.)

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