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Trump Vs Harris: दुनिया का सबसे चुनौतीपूर्ण मुकाबला, जानें क्या हैं अमेरिकी नागरिकों के चुनावी मुद्दे

अमेरिकियों के लिए राष्ट्रपति चुनाव में चार मुद्दे सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं: अर्थव्यवस्था, अवैध प्रवास, महिला अधिकार, तथा विदेशी युद्ध और अमेरिका की स्थिति.

Trump Vs Harris: As America Votes, Here Is What To Expect In World's Most-Watched Election
डोनाल्ड ट्रंप बनाम कमला हैरिस (ETV Bharat Graphics)
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By Rajkamal Rao

Published : Nov 3, 2024, 5:11 PM IST

दुनिया के सबसे चुनौतीपूर्ण चुनावी मुकाबले में बस चंद दिन बचे हैं. 5 नवंबर को, अमेरिकी नागरिक यूएसए के 47वें राष्ट्रपति के लिए मतदान करेंगे. अगर डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस जीतती हैं, तो वह अमेरिका की राष्ट्रपति के रूप में चुनी जाने वाली पहली दक्षिण एशियाई और अश्वेत महिला होंगी.

अगर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जीतते हैं, तो 1892 के बाद यह पहली बार होगा कि कोई राष्ट्रपति एक बार हारने के बाद दूसरे कार्यकाल के लिए चुना जाएगा. यह उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले आखिरी उम्मीदवार ग्रोवर क्लीवलैंड थे, जो 1884 में राष्ट्रपति बने, 1888 में हार गए और 1892 में जीतकर वापस आए.

अमेरिकी चुनाव दुनिया के अन्य देश के चुनावों से अलग हैं. सबसे पहले, राष्ट्रपति का चुनाव सीधे तौर पर मतदाताओं द्वारा किया जाता है, जबकि भारत, ब्रिटेन या कनाडा जैसे देशों में मतदाता संसद सदस्य चुनते हैं और जिस पार्टी के संसद में सबसे ज्यादा सदस्य चुनाकर आते हैं, उसका नेता प्रधानमंत्री बनता है.

हालांकि, लोगों को यह भ्रमित करता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव देश भर में कुल वोटों के आधार पर नहीं किया जाता है. अमेरिका में तथाकथित लोकप्रिय वोट (popular vote) एक अर्थहीन आंकड़ा है. महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या कोई उम्मीदवार प्रत्येक राज्य में इलेक्टोरल कॉलेज वोट जीतता है. वास्तव में, अमेरिका के चुनाव किसी एक राष्ट्रीय मतदाता की पसंद नहीं हैं; वे 50 राज्य-दर-राज्य चुनाव मुकाबलों का जोड़ हैं.

RealClearPolitics Poll Average
RealClearPolitics Poll Average (ETV Bharat Graphics)

जीत के लिए जादुई संख्या 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोट है. विशेष रूप से, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रत्येक उम्मीदवार सात प्रमुख राज्यों में कैसा प्रदर्शन करता है: पेंसिल्वेनिया, विस्कॉन्सिन, मिशिगन, जॉर्जिया, एरिजोना, नेवादा और उत्तरी कैरोलिना. RealClearPolitics (RCP) द्वारा 2 नवंबर तक रिपोर्ट किए गए मतदान औसत, निम्न चार्ट दिखाते हैं. अगर ट्रंप चुनाव के दिन इस बढ़त को बनाए रख सकते हैं, तो वे 47वें राष्ट्रपति बन जाएंगे.

राजनीतिक मतदान एक कला के साथ-साथ विज्ञान भी है. स्वतंत्र, पेशेवर संगठनों द्वारा किए गए उच्च-गुणवत्ता वाले सर्वेक्षणों का औसत लेने से एक ही सर्वेक्षण पर निर्भर रहने से होने वाली त्रुटि को कम करने में मदद मिलेगी. इस संबंध में RCP औसत स्वर्ण मानक है.

सर्वेक्षणों से पता चलता है कि अमेरिकी नागरिकों के लिए चार मुद्दे सबसे ज्यादा मायने रखते हैं: अर्थव्यवस्था (मुद्रास्फीति, नौकरी, वेतन); अवैध अप्रवास (ट्रंप के पद छोड़ने के बाद से लगभग 20 मिलियन प्रवासी सीमा पार कर चुके हैं); महिलाओं के अधिकार (गर्भपात सहित); और विदेशी युद्ध और दुनिया में अमेरिका की स्थिति.

हैरिस की चुनौती राष्ट्रपति बाइडेन की विनाशकारी नीतियों से खुद को दूर रखना है. नौकरियों को लेकर ताजा रिपोर्ट से पता चला है कि उम्मीद से बहुत कम नौकरियां पैदा हुईं. अमेरिका द्वारा युद्ध पर 200 बिलियन डॉलर खर्च करने और मध्य पूर्व में हिंसा के बढ़ने के बावजूद यूक्रेन के हारने के साथ, अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बाइडेन-हैरिस नीतियों की गंभीरता पर सवाल उठा रहे हैं.

लगभग 74 प्रतिशत अमेरिकी नागरिकों को लगता है कि अमेरिका गलत रास्ते पर जा रहा है. ऐतिहासिक रूप से, जब ट्रैक नंबर इतने खराब होते हैं, तो मौजूदा उम्मीदवार, इस मामले में हैरिस, हार जाती हैं.

जीतने वाले उम्मीदवार का ग्राउंड गेम परिणाम निर्धारित करेगा. कई महिलाएं उनकी उम्मीदवारी के लिए उत्साहित हैं और चूंकि पुरुषों की तुलना में अधिक महिलाएं मतदान करती हैं, इसलिए हैरिस महिलाओं पर भरोसा कर रही हैं कि वे उन्हें जीत दिलाएंगी. अगर हैरिस अपने समर्थकों को उन सात प्रमुख राज्यों में मतदान करने के लिए उत्साहित कर सकती हैं, तो वे जीत सकती हैं. हालांकि, महिलाएं अर्थव्यवस्था, नौकरियों और महंगाई के बारे में भी चिंतित हैं.

एक और जटिलता यह है कि अमेरिका में तीन तरीकों से मतदान होता है: शुरुआती व्यक्तिगत मतदान, जो कुछ राज्यों में 11 सितंबर को शुरू हुआ; 5 नवंबर को व्यक्तिगत मतदान; और डाक से मतदान. बहुत बड़े भूभाग और कम जनसंख्या घनत्व वाले कुछ राज्यों, जैसे अलास्का में, मतदान केवल डाक से किया जाता है.

प्रमुख राज्यों में, चुनाव इतने नजदीकी हो सकते हैं कि चुनाव की रात को विजेता की घोषणा तब तक नहीं की जा सकती जब तक कि सभी डाक मतपत्रों की गिनती न हो जाए. वास्तव में, 2020 में, ट्रंप चुनाव की रात पेंसिल्वेनिया में आगे चल रहे थे, लेकिन एसोसिएटेड प्रेस ने चार दिनों के बाद जब हजारों डाक मतपत्रों की गिनती हुई, तो बाइडेन की जीत की घोषणा की.

अन्य दलों के उम्मीदवारों का मुद्दा भी है. मिशिगन पर विचार करें, जो महत्वपूर्ण बैटलग्राउंड वाले राज्यों में से एक है, जिसमें बड़ी मुस्लिम अमेरिकी आबादी है. अमेरिका में कई अरबों को लगता है कि इजराइल में बाइडेन-हैरिस की नीतियां बहुत कठोर हैं, जिन्होंने 40,000 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों को मारने में मदद की है. डेमोक्रेटिक पार्टी के ये पारंपरिक मतदाता तीसरी पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार जिल स्टीन (Jill Stein) के पक्ष में वोट करने को तैयार हैं. एक करीबी चुनाव में, इस तरह के पैटर्न से राज्य में ट्रंप को बढ़त मिल सकती है.

अरब-इजराइली राजनीति पेंसिल्वेनिया में भी चल रही है. कई लोगों ने सोचा था कि कमला हैरिस राज्य के लोकप्रिय गवर्नर जोश शापिरो (Josh Shapiro) को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनेंगी, जो यहूदी हैं. लेकिन, देश भर के अरब अमेरिकी नागरिकों की प्रतिक्रिया के डर से, उन्होंने शापिरो के खिलाफ फैसला किया. अब उनके फैसले का अलग प्रभाव पड़ रहा है. अगर शापिरो को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुना जाता, जो पेंसिल्वेनिया उनके पक्ष में होता.

ऐसे करीबी, रोमांचक चुनाव में, जीतने वाला पक्ष जश्न मनाएगा, और हारने वाला पक्ष, कटुता से भरा हुआ, विरोध करेगा, मुकदमा दायर करेगा, और हिंसा का सहारा भी ले सकता है. अमेरिका के नेता का चुनाव करने में ऐसे ही दांव लगते हैं.

कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतता है या हारता है, अमेरिकी एक बात से खुश होंगे. यह बहुत लंबा चुनावी मौसम आखिरकार खत्म होने वाला है: अब कोई प्रचार विज्ञापन नहीं, दोस्तों और परिवार के साथ कोई असहज बातचीत नहीं, और अब सोशल मीडिया पर ताजा खबरों के अपडेट का इंतजार करने में घंटों नहीं बिताने होंगे.

अमेरिका आखिरकार जिंदगी जीने की राह पर लौट सकता है.

यह भी पढ़ें- US Election 2024: अमेरिकी मुसलमानों के लिए सबसे बड़ा मुद्दा गाजा युद्ध, जानें वोटर की राय

दुनिया के सबसे चुनौतीपूर्ण चुनावी मुकाबले में बस चंद दिन बचे हैं. 5 नवंबर को, अमेरिकी नागरिक यूएसए के 47वें राष्ट्रपति के लिए मतदान करेंगे. अगर डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस जीतती हैं, तो वह अमेरिका की राष्ट्रपति के रूप में चुनी जाने वाली पहली दक्षिण एशियाई और अश्वेत महिला होंगी.

अगर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जीतते हैं, तो 1892 के बाद यह पहली बार होगा कि कोई राष्ट्रपति एक बार हारने के बाद दूसरे कार्यकाल के लिए चुना जाएगा. यह उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले आखिरी उम्मीदवार ग्रोवर क्लीवलैंड थे, जो 1884 में राष्ट्रपति बने, 1888 में हार गए और 1892 में जीतकर वापस आए.

अमेरिकी चुनाव दुनिया के अन्य देश के चुनावों से अलग हैं. सबसे पहले, राष्ट्रपति का चुनाव सीधे तौर पर मतदाताओं द्वारा किया जाता है, जबकि भारत, ब्रिटेन या कनाडा जैसे देशों में मतदाता संसद सदस्य चुनते हैं और जिस पार्टी के संसद में सबसे ज्यादा सदस्य चुनाकर आते हैं, उसका नेता प्रधानमंत्री बनता है.

हालांकि, लोगों को यह भ्रमित करता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव देश भर में कुल वोटों के आधार पर नहीं किया जाता है. अमेरिका में तथाकथित लोकप्रिय वोट (popular vote) एक अर्थहीन आंकड़ा है. महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या कोई उम्मीदवार प्रत्येक राज्य में इलेक्टोरल कॉलेज वोट जीतता है. वास्तव में, अमेरिका के चुनाव किसी एक राष्ट्रीय मतदाता की पसंद नहीं हैं; वे 50 राज्य-दर-राज्य चुनाव मुकाबलों का जोड़ हैं.

RealClearPolitics Poll Average
RealClearPolitics Poll Average (ETV Bharat Graphics)

जीत के लिए जादुई संख्या 270 इलेक्टोरल कॉलेज वोट है. विशेष रूप से, सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रत्येक उम्मीदवार सात प्रमुख राज्यों में कैसा प्रदर्शन करता है: पेंसिल्वेनिया, विस्कॉन्सिन, मिशिगन, जॉर्जिया, एरिजोना, नेवादा और उत्तरी कैरोलिना. RealClearPolitics (RCP) द्वारा 2 नवंबर तक रिपोर्ट किए गए मतदान औसत, निम्न चार्ट दिखाते हैं. अगर ट्रंप चुनाव के दिन इस बढ़त को बनाए रख सकते हैं, तो वे 47वें राष्ट्रपति बन जाएंगे.

राजनीतिक मतदान एक कला के साथ-साथ विज्ञान भी है. स्वतंत्र, पेशेवर संगठनों द्वारा किए गए उच्च-गुणवत्ता वाले सर्वेक्षणों का औसत लेने से एक ही सर्वेक्षण पर निर्भर रहने से होने वाली त्रुटि को कम करने में मदद मिलेगी. इस संबंध में RCP औसत स्वर्ण मानक है.

सर्वेक्षणों से पता चलता है कि अमेरिकी नागरिकों के लिए चार मुद्दे सबसे ज्यादा मायने रखते हैं: अर्थव्यवस्था (मुद्रास्फीति, नौकरी, वेतन); अवैध अप्रवास (ट्रंप के पद छोड़ने के बाद से लगभग 20 मिलियन प्रवासी सीमा पार कर चुके हैं); महिलाओं के अधिकार (गर्भपात सहित); और विदेशी युद्ध और दुनिया में अमेरिका की स्थिति.

हैरिस की चुनौती राष्ट्रपति बाइडेन की विनाशकारी नीतियों से खुद को दूर रखना है. नौकरियों को लेकर ताजा रिपोर्ट से पता चला है कि उम्मीद से बहुत कम नौकरियां पैदा हुईं. अमेरिका द्वारा युद्ध पर 200 बिलियन डॉलर खर्च करने और मध्य पूर्व में हिंसा के बढ़ने के बावजूद यूक्रेन के हारने के साथ, अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बाइडेन-हैरिस नीतियों की गंभीरता पर सवाल उठा रहे हैं.

लगभग 74 प्रतिशत अमेरिकी नागरिकों को लगता है कि अमेरिका गलत रास्ते पर जा रहा है. ऐतिहासिक रूप से, जब ट्रैक नंबर इतने खराब होते हैं, तो मौजूदा उम्मीदवार, इस मामले में हैरिस, हार जाती हैं.

जीतने वाले उम्मीदवार का ग्राउंड गेम परिणाम निर्धारित करेगा. कई महिलाएं उनकी उम्मीदवारी के लिए उत्साहित हैं और चूंकि पुरुषों की तुलना में अधिक महिलाएं मतदान करती हैं, इसलिए हैरिस महिलाओं पर भरोसा कर रही हैं कि वे उन्हें जीत दिलाएंगी. अगर हैरिस अपने समर्थकों को उन सात प्रमुख राज्यों में मतदान करने के लिए उत्साहित कर सकती हैं, तो वे जीत सकती हैं. हालांकि, महिलाएं अर्थव्यवस्था, नौकरियों और महंगाई के बारे में भी चिंतित हैं.

एक और जटिलता यह है कि अमेरिका में तीन तरीकों से मतदान होता है: शुरुआती व्यक्तिगत मतदान, जो कुछ राज्यों में 11 सितंबर को शुरू हुआ; 5 नवंबर को व्यक्तिगत मतदान; और डाक से मतदान. बहुत बड़े भूभाग और कम जनसंख्या घनत्व वाले कुछ राज्यों, जैसे अलास्का में, मतदान केवल डाक से किया जाता है.

प्रमुख राज्यों में, चुनाव इतने नजदीकी हो सकते हैं कि चुनाव की रात को विजेता की घोषणा तब तक नहीं की जा सकती जब तक कि सभी डाक मतपत्रों की गिनती न हो जाए. वास्तव में, 2020 में, ट्रंप चुनाव की रात पेंसिल्वेनिया में आगे चल रहे थे, लेकिन एसोसिएटेड प्रेस ने चार दिनों के बाद जब हजारों डाक मतपत्रों की गिनती हुई, तो बाइडेन की जीत की घोषणा की.

अन्य दलों के उम्मीदवारों का मुद्दा भी है. मिशिगन पर विचार करें, जो महत्वपूर्ण बैटलग्राउंड वाले राज्यों में से एक है, जिसमें बड़ी मुस्लिम अमेरिकी आबादी है. अमेरिका में कई अरबों को लगता है कि इजराइल में बाइडेन-हैरिस की नीतियां बहुत कठोर हैं, जिन्होंने 40,000 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों को मारने में मदद की है. डेमोक्रेटिक पार्टी के ये पारंपरिक मतदाता तीसरी पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार जिल स्टीन (Jill Stein) के पक्ष में वोट करने को तैयार हैं. एक करीबी चुनाव में, इस तरह के पैटर्न से राज्य में ट्रंप को बढ़त मिल सकती है.

अरब-इजराइली राजनीति पेंसिल्वेनिया में भी चल रही है. कई लोगों ने सोचा था कि कमला हैरिस राज्य के लोकप्रिय गवर्नर जोश शापिरो (Josh Shapiro) को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनेंगी, जो यहूदी हैं. लेकिन, देश भर के अरब अमेरिकी नागरिकों की प्रतिक्रिया के डर से, उन्होंने शापिरो के खिलाफ फैसला किया. अब उनके फैसले का अलग प्रभाव पड़ रहा है. अगर शापिरो को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुना जाता, जो पेंसिल्वेनिया उनके पक्ष में होता.

ऐसे करीबी, रोमांचक चुनाव में, जीतने वाला पक्ष जश्न मनाएगा, और हारने वाला पक्ष, कटुता से भरा हुआ, विरोध करेगा, मुकदमा दायर करेगा, और हिंसा का सहारा भी ले सकता है. अमेरिका के नेता का चुनाव करने में ऐसे ही दांव लगते हैं.

कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन जीतता है या हारता है, अमेरिकी एक बात से खुश होंगे. यह बहुत लंबा चुनावी मौसम आखिरकार खत्म होने वाला है: अब कोई प्रचार विज्ञापन नहीं, दोस्तों और परिवार के साथ कोई असहज बातचीत नहीं, और अब सोशल मीडिया पर ताजा खबरों के अपडेट का इंतजार करने में घंटों नहीं बिताने होंगे.

अमेरिका आखिरकार जिंदगी जीने की राह पर लौट सकता है.

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