गार्डनिंग की हॉबी जिस व्यक्ति को होती है, वे अपने बगीचे, घर की बालकानी, छत या फिर घर के अंदर तरह-तरह के पेड़ पौधे लगाना पसंद करते हैं. पेड़- पौधे लगाने से न सिर्फ घर के अंदर की हवा प्योर होती है, बल्कि फ्रेश और एनर्जेटिक भी महसूस होता है. बहुत से लोग अपने घर में ही किचन गार्डेन लगाना पसंद करते हैं. जहां वे तुलसी, अजवायन, रोजमेरी जौसे खाने में रोज उपयोग की जानी जड़ी-बूटियां और मसाले उगाते हैं. इसे आप पूरे साल घर के अंदर या बाहर उगा सकते हैं, इसके साथ ही इससे अपने घर के इंटीरियर को अपडेट भी कर सकते हैं...
इस खबर के माध्यम से जानिए कि आप अपने घर के किचन गार्डन में कौन-कौन से पौधे उगा सकते हैं और अपना खर्चा थोड़ा बचा सकते हैं...
तुलसी
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना जाता है. त्योहारों में इनकी पूजा करने से घर में लक्ष्मी जी का वास होता है. ऐसी मान्यता है जिस घर में तुलसी का पौधा होता है, वहां हमेशा देवी मां की कृपा बनी रहती है. इसके साथ ही तुलसी एक बेहतरीन औषधि भी है. राज ने बताया कि तुलसी ऐसा पौधा है, जो सब से ज्यादा बिकता है. यह आस्था का प्रतीक होने के साथ साथ स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभकारी है. तुलसी में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल के गुण मौजूद होते हैं, जो मानसून में होने वाली बीमारियां जैसे खांसी, सर्दी और अस्थमा की तकलीफ को कम करने में मददगार होता है. इसके पत्तों को चाय, ब्लैक टी और बिना पानी या चाय में उबले कच्चा भी खाया जा सकता है.
अजवाइन
अजवाइन का बीज एक ऐसा मसाला है, जो हर किसी की रसोई में मिलता है. इससे खाने का स्वाद तो बढ़ता ही है साथ ही यह सेहत के लिए भी फायदेमंद है. इसी तरह अजवाइन के हरे पत्ते भी काफी लाभकारी होते हैं. इसका इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है. राज ने बताया कि अजवाइन के पत्ते खाने से पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है. इसका इस्तेमाल चाय, काढ़े और रोज़ बनाने वाली सब्जियों में किया जा सकता है. अजवाइन के पत्ते खाने से भूख बढ़ती है. साथ में स्वाद भी बढ़ाता है. इससे सेवन से पेट सम्बन्धी हर बीमारी से राहत मिलती है.
पुदीना
पुदीना उगाने में सबसे आसान जड़ी-बूटियों में से एक है और मानसून के मौसम में खूब फलता-फूलता है. इसे बारिश से मिलने वाली नमी बहुत पसंद है और यह जल्दी फैल सकता है, जिससे यह कंटेनर गार्डनिंग के लिए आदर्श है. पुदीने को अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी में लगाएं और सुनिश्चित करें कि उसे आंशिक धूप मिले. पुदीने का इस्तेमाल कई तरह के व्यंजनों और सलाद में किया जा सकता है. इसका इस्तेमाल हम जूस और सैलेड में भी करते हैं.
धनिया
देश हो या दुनिया, खाने में हरे धनिये की पत्तियों का इस्तेमाल सभी जगह किया जाता है. दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में कोरिएंडर तथा सिलैंट्रो सहित अलग-अलग नामों से जानी जाने वाली धनिया पत्ती ना सिर्फ खाने की रंगत और उसका स्वाद बढ़ाती है, बल्कि कई बीमारियों को दूर रखने में सक्षम है. धनिये को कई पोषक तत्वों का विशेष स्त्रोत भी माना जाता है. नर्सरी लाइव के अनुसार, धनिया एक और जड़ी बूटी है जो मानसून के दौरान पनपती है और शरीर पर ठंडक पहुंचाती है. यह जड़ी बूटी ठंडी, नम परिस्थितियों को पसंद करती है, जिससे बारिश का मौसम इसके विकास के लिए एकदम सही है. धनिया के बीज सीधे मिट्टी में या अच्छी जल निकासी वाले गमलों में बोएं. धनिया के पत्ते कई व्यंजनों में मुख्य होते हैं.
लैमनग्रास के लाभ
लैमनग्रास एक सुगंधित जड़ी बूटी है. इसकी खुशबू नींबू की तरह खट्टा मीठा और हल्का होती है. आयुर्वेद के अनुसार लेमनग्रास में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक, एंटीडिप्रेसेंट, एंटीसेप्टिक, एंटीपीयरेटिक, एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल, कैंसर विरोधी और एंटी-एजिंग और कसैले सहित कई चिकित्सीय विशेषताएं होती हैं. इसकी एक खासियत यह भी है कि सूखने के बाद भी इसकी पत्तियों ने सभी तत्व मौजूद रहते हैं. राज ने बताया कि लैमनग्रास को लोग चाय में डाल कर पीना पसंद करते हैं. इसके अलावा इसकी ग्रीन टी भी खूब पी जाती है. लैमनग्रास के सेवन से दर्द और सूजन में राहत मिलती है. साथ ही पेट दर्द , रूसी, उच्च कोलेस्ट्रॉल, मसूड़े की सूजन , थ्रश और कई अन्य स्थितियों के लिए लेमनग्रास का उपयोग करते हैं.
डिस्कलेमर:- यहां आपको दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान और धार्मिक मान्यताओं के आधार पर लिए लिखी गई है. यहां उल्लिखित किसी भी सलाह का पालन करने से पहले, कृपया एक विशेषज्ञ से राय ले लें.