Mahaparv Chhath : छठ पूजा का तीसरा दिन मुख्य दिन के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि महिलाएं डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए पूरे दिन व्रत रखती हैं. यह एकमात्र समय है जब डूबते सूर्य की पूजा की जाती है. डाला छठ, छठी और सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाने वाला छठ पूजा बिहार, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और नेपाल में मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. चार दिनों का यह त्योहार भगवान सूर्य और छठी मैया को समर्पित है. आमतौर पर, महिलाएं अपने बेटों और परिवार के सदस्यों की दीर्घायु के लिए के लिए इस दौरान व्रत रखती हैं. आज हम छठ पूजा का तीसरा दिन मना रहे हैं, तो आइए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में...
छठ पूजा का तीसरा दिन: तिथि और शुभ मुहूर्त
छठ पूजा के तीसरे दिन संध्या पूजा की जाती है. इस साल छठ पूजा की शुरुआत 5 नवंबर को नहाय-खाय से हुई. त्योहार का तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण दिन आज (7 नवंबर) मनाया जा रहा है. द्रिक पंचांग के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त 7 नवंबर को सुबह 4:36 बजे शुरू हुआ और 7 नवंबर को सुबह 5:26 बजे समाप्त हुआ. अभिजीत मुहूर्त 7 नवंबर को सुबह 11:40 बजे शुरू होगा और 12:26 बजे समाप्त होगा.
द्रिक पंचांग के अनुसार, छठ पूजा के तीसरे दिन, 7 नवंबर को शुभ-समय और शुभ-मुहूर्त इस प्रकार हैं:
- षष्ठी तिथि: 7 नवंबर को सुबह 12:41 बजे से 8 नवंबर को सुबह 12:34 बजे तक
- सूर्योदय का समय: सुबह 6:17 बजे
- सूर्यास्त का समय: शाम 5:42 बजे
संध्या अर्घ्य 2024: 7 नवंबर को कुछ बड़े शहरों में सूर्यास्त का समय
- नई दिल्ली: शाम 5:32 बजे
- पटना: शाम 5:04 बजे
- रांची: शाम 5:07 बजे
- कोलकाता: शाम 4:56 बजे
- मुंबई: शाम 6:02 बजे
- अहमदाबाद: शाम 5:58 बजे
- हैदराबाद: शाम 5:42 बजे
- जयपुर: शाम 5:40 बजे
- लखनऊ: 5:19 PM
- रायपुर: 5:24 PM
- चेन्नई: 5:40 PM
- चंडीगढ़: 5:30 PM
- शिमला: 5:28 PM
- भुवनेश्वर: 5:09 PM
छठ पूजा का तीसरा दिन: पूजा-अनुष्ठान
संध्या पूजा डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. सूर्यास्त के समय परिवार पोखर, तालाब, नदी या फिर वैकल्पिक इंतजाम करके एक जलाशय के पास इकट्ठा होता है, और बांस की टहनियों में फल, मिठाइयां और ठेकुआ भरकर पानी में डाल दिए जाते हैं. भगवान सूर्य को प्रसाद चढ़ाया जाता है, साथ ही छठी मैया को समर्पित प्रार्थनाएं और भजन गाए जाते हैं. प्रसाद के पास एक छोटा सा दीपक भी जलाया जाता है. भोग देवताओं को चढ़ाया जाता है, और फिर अनुष्ठान के बाद भक्तों में वितरित किया जाता है.
छठ पूजा का तीसरे दिन का महत्व
यह एकमात्र समय है जब डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा करती हैं. वे अपने बेटों और परिवार के सदस्यों की दीर्घायु के लिए आशीर्वाद लेने के लिए उपवास रखती हैं. दिन के दौरान चावल की खीर, ठेकुआ और अन्य मौसमी व्यंजन तैयार किए जाते हैं. भक्त संध्या पूजा करने के लिए पास के जलाशय में जाते हैं और अपने शरीर और मन को शुद्ध करने के लिए पवित्र स्नान करते हैं.