कीव : यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की चाहते हैं कि वह युद्ध में विजय की घोषणा करें, लेकिन उससे पहले यूक्रेन को नाटो की सदस्यता दी जाए. जेलेंस्की ने कहा कि इस योजना से क्षेत्र में शांति आएगी.
जेलेंस्की ने अपने देश की संसद को बताया, "अगर हम अभी इस विजय योजना के अनुसार आगे बढ़ना शुरू करते हैं, तो अगले साल से पहले युद्ध को समाप्त करना संभव हो सकता है." हालांकि, पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को कोई आश्वासन नहीं दिया है. बल्कि इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से पश्चिमी देशों ने कुछ बोलना ही बंद कर दिया है.
अपनी योजनाओं को अंजाम तक पहुंचाने के लिए जेलेंस्की ने पांच सूत्रीय योजना पश्चिमी देशों के सामने रखी है. यूक्रेन की संसद वेरखोव्ना राडा में भाषण देते हुए जेलेंस्की ने पहली ही शर्त नाटो में एंट्री की रखी है. जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन को नाटो की सदस्यता देना आप सबका सबसे बड़ा समर्थन होगा.
आपको बता दें कि नाटो गठबंधन का अनुच्छेद पांच सामूहिक सुरक्षा की गारंटी प्रदान करता है. यही वह अनुच्छेद है, जिस पर इस गठबंधन की विश्वसनीयता आधारित है. अगर संगठन के किसी भी देश की संप्रभुता पर हमला होता है, तो दूसरे देश उनकी मदद के लिए सामने आएंगे. नाटो के फैसले सर्वसम्मति से लिए जाते हैं.
अमेरिका समेत कई देश चाहते हैं कि यूक्रेन को सदस्यता दिए जाने के बाद उन्हें युद्ध में घसीटा जाएगा. नाटो के 32 सदस्यों ने यूक्रेन की सदस्यता को लेकर कोई आश्वान नहीं दिया है. इस पर अगले साल कोई निर्णय लिया जा सकता है जब जून महीने में नीदरलैंड में इसका अगला शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा.
जेलेंस्की का कहना है कि यूक्रेन प्राकृतिक रूप से संपन्न देश है. उसके पास यूरेनियम, टाइटेनियम, लिथियम, ग्रेफाइट और अन्य महत्वपूर्ण धातुएं प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं. उनका कृषि उत्पादन भी अच्छा है. उनके अनुसार एक बार युद्ध समाप्त हो जाएगा, उसके बाद वह अपने सहयोगी देशों के साथ इन खजानों को साझा करने पर विचार कर सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध समाप्त होने के बाद हमारी सेना के पास जैसा अनुभव होगा, वह किसी और के पास नहीं होगा, और नाटो इनका भी फायदा उठा सकता है.
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