कीव/मॉस्को: रूस और यूक्रेन के बीच लगभग तीन साल से जंग जारी है. इसी बीच खबर मिली है कि, यूक्रेन के खिलाफ रूसी सैनिकों के साथ मिलकर लड़ रहे उत्तर कोरिया के करीब 200 सैनिक कुर्स्क सीमावर्ती इलाके में मारे गए या घायल हुए हैं. इसी बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया है कि, रूस का एक सैनिक यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में मारे गए उत्तर कोरियाई सैनिक के शव को आग लगा रहा है.
जेलेंस्की ने एक्स पोस्ट पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, युद्ध के सालों बाद भी, हम यह सोच रहे थे कि, रूस अब और ज्यादा निंदक नहीं हो सकता. लेकिन हम इससे भी बदतर स्थिति देख रहे हैं. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने दावा किया कि, रूस न केवल यूक्रेनी ठिकानों पर हमला करने के लिए उत्तर कोरियाई सैनिकों को भेजता है, बल्कि, मारे गए सैनिकों के नुकसान को छिपाने की भी कोशिश करता है.
Even after years of war, when we thought the Russians could not get any more cynical, we see something even worse.
— Volodymyr Zelenskyy / Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) December 16, 2024
Russia not only sends the North Korean troops to storm Ukrainian positions, but also tries to conceal losses of these people.
They tried to hide the presence of… pic.twitter.com/KYyGF1rxP8
उन्होंने एक्स पोस्ट पर दावा किया कि, रूस के इस कदम का उद्देश्य मॉस्को के साथ लड़ रहे उत्तर कोरियाई सैनिकों की उपस्थिति को छिपाना है. जेलेंस्की ने कहा कि, 'रूस, उत्तर कोरियाई सैनिकों के मरने के बाद भी उनके चेहरे छिपाने की कोशिश करता है.
जेलेंस्की ने कहा कि, रूस ने उनकी (उत्तर कोरियाई सैनिकों) उपस्थिति के किसी भी वीडियो सबूत को मिटाने का प्रयास किया है. रूस ने युद्ध में मारे गए उत्तर कोरियाई सैनिकों के चेहरे को जला रहे हैं. उन्होंने इसे बेहद अमानवीय करार दिया.
जेलेंस्की ने कहा कि, उत्तर कोरिया के लोगों के पास पुतिन के लिए लड़ने और मरने का एक भी कारण नहीं है लेकिन ऐसा करने के बाद भी रूस उत्तर कोरिया के लोगों का अपमान कर रहा है. उन्होंने रूस के इस तथाकथित कृत्य को पागलपन करार दिया और कहा कि, इस तरह की घटनाओं को रोका जाना चाहिए.
वहीं, रूस और यूक्रेन की बीच जंग में कितने उत्तर कोरियाई सैनिक मारे गए इस बात की स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है. हालांकि, इस बीच जेलेंस्की के शेयर किए गए वीडियो में किए गए दावे ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर हड़कंप मचा दिया है. सेना अधिकारी के मुताबिक, उत्तर कोरियाई सेना युद्ध में अनुभवी नहीं लगती, जिसके कारण उनके मारे जाने की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
कई सप्ताह पहले यूक्रेन ने यह कहा था कि उत्तर कोरिया ने लगभग तीन साल से चल रहे युद्ध में मदद के लिए रूस को 10 हजार से 12 हजार सैनिक भेजे हैं. व्हाइट हाउस और पेंटागन ने सोमवार को पुष्टि की कि उत्तर कोरियाई सेना मुख्य रूप से पैदल सेना के तौर पर अग्रिम मोर्चे पर लड़ रही है. वह रूसी इकाइयों के साथ और कुछ मामलों में कुर्स्क के आसपास स्वतंत्र रूप से लड़ रही है.
वहीं मारे गए सैनिकों की संख्या का खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब बाइडन प्रशासन नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पदभार संभालने से पहले यूक्रेन को यथासंभव सैन्य सहायता भेजने पर जोर दे रहा है. लेकिन एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया कि रक्षा विभाग संभवतः 20 जनवरी से पहले यूक्रेन के लिए 5.6 अरब डॉलर के पेंटागन के हथियारों और उपकरणों के बाकी हिस्से को भेजने में सक्षम नहीं होगा, जब ट्रम्प शपथ लेंगे.
बता दें कि, कुछ दिन पहले मॉस्को बम धमाके में रूसी परमाणु सुरक्षा बल के प्रमुख इगोर किरिलोव की मौत हो गई. किरिलोव रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बेहद करीबी माने जाते थे. इस घटना पर क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने यूक्रेन द्वारा हमले की जिम्मेदारी लिए जाने के 24 घंटे से अधिक समय बाद संवाददाता सम्मेलन में इसे आंतकवादी हमला करार दिया.
दिमित्री पेसकोव ने कहा कि,अब यह स्पष्ट हो गया है कि, इस आतंकवादी हमले का आदेश किसने दिया था. यह एक बार फिर पुष्टि हो गई है कि कीव शासन आतंकवादी तरीकों से पीछे नहीं हटता है.
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