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इजराइल, हिजबुल्लाह और ईरान क्यों लड़ रहे हैं? जानें - Hezbollah

Why Israel-Iran Fighting: ईरान ने लेबनान में इजराइली हमलों के जवाब में यहूदी देश पर लगभग 200 मिसाइलें दागीं. हमले के बाद इजराइल ने ईरान पर जवाबी कार्रवाई करने का वादा किया.

इजराइल, हिजबुल्लाह और ईरान क्यों लड़ रहे हैं? जानें
इजराइल, हिजबुल्लाह और ईरान क्यों लड़ रहे हैं? जानें (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 2, 2024, 12:43 PM IST

तेलअवीव: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई, क्योंकि ईरान ने मध्य-पूर्व में हमलों और जवाबी हमलों के चक्र में इजराइली क्षेत्र में 200 मिसाइलें दागी हैं.

हालांकि, हाल के हफ्तों में इजराइल, ईरान और आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह के बीच तनावपूर्ण संबंध चरम पर पहुंच गए हैं, लेकिन इस आक्रामकता की जड़ें दशकों पहले, 1979 से शुरू होती हुई देखी जा सकती हैं.

अमेरिका विरोधी भावना
1979 में ईरान ने इस्लामी क्रांति के दौरान अपने अंतिम सम्राट शाह मोहम्मद रजा पहलवी को उखाड़ फेंका और क्षेत्र में स्वतंत्रता की मांग करने वाले अन्य उग्रवादी समूहों जैसे लेबनान में हिजबुल्लाह और फिलिस्तीन में हमास के साथ गठबंधन किया.

इसी अवधि में ईरान और हिजबुल्लाह एक आ गए, फिलिस्तीनियों के निरंतर हाशिए पर रहने के कारण पड़ोसी देश इजराइल के साथ संबंधों में गिरावट आई. अमेरिका विरोधी भावना ने ईरान को इजराइल से भी दूर कर दिया, जो अमेरिका के साथ संबद्ध था.

7 अक्टूबर 2023 हमला
इस बीच सीरिया में गोलान हाइट्स पर इजराइल के अतिक्रमण के दौरान लगातार छोटी-मोटी झड़पें होती रहीं, इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष छिपा रहा और सुलगता रहा.हालांकि, 7 अक्टूबर, 2023 ने वैश्विक मंच पर संघर्ष की प्रकृति को बदल दिया. 7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास ने दक्षिणी इजरायल में एक अभियान चलाया, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई.

फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल ने तुरंत इस आक्रमण के खिलाफ प्रतिक्रिया व्यक्त की और गाजा में हमलों और जमीनी आक्रमणों की एक सीरीज शुरू की, जिसमें 41,600 लोग मारे गए. हालांकि, ईरानी अधिकारियों ने 7 अक्टूबर को हुई घटनाओं के बारे में किसी भी जानकारी से इनकार किया, लेकिन इजराइली सरकार ने हमास के साथ अपने संबंधों के कारण ईरान को भी दोषी ठहराया.

ईरानी अधिकारियों ने 7 अक्टूबर को हुई घटनाओं के बारे में किसी भी जानकारी से इनकार किया, लेकिन इजराइल सरकार ने हमास के साथ उसके संबंधों के कारण ईरान को भी दोषी ठहराया. 17 अक्टूबर को ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजराइल की निंदा करते हुए कहा, "अगर जायोनी शासन के अपराध जारी रहे, तो मुसलमान और रजिस्टेंस फोर्स का सब्र खत्म हो जाएगा और कोई भी उन्हें रोक नहीं पाएगा." अल जजीरा के अनुसार, इस अवधि के दौरान लेबनान की सीमा पर हिजबुल्लाह और इजराइली बलों के बीच गोलीबारी की शुरुआती रिपोर्टें भी सामने आईं.

डायरेक्ट अटैक
दिसंबर में ईरानी मीडिया ने बताया कि सीरिया में एक इजराइली हवाई हमले में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के एक वरिष्ठ नेता सैय्यद रजी मौसवी की मौत हो गई. इसके एक महीने बाद ईरान ने इजराइल पर दमिश्क में एक इमारत पर बमबारी करने का आरोप लगाया, जिसमें IRGC के पांच और सदस्य मारे गए.

इतना ही नहीं मार्च में दमिश्क में हुए एक और हमले में दो IRGC सदस्य मारे गए. वहीं, अप्रैल में ईरान को उस समय बड़ा झटका लगा जब सीरिया में उसके वाणिज्य दूतावास को इजराइली हवाई हमले में नष्ट कर दिया गया. इसमें IRGC के एक वरिष्ठ कमांडर - ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रेजा जाहेदी सहित तेरह लोग मारे गए. इस इजराइली हमले के जवाब में ईरान ने यहूदी देख के खिलाफ 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागीं, जिसे 'ट्रू प्रॉमिस' नाम दिया गया.

पेजर विस्फोट
17 सितंबर को लेबनान और सीरिया के कुछ हिस्सों में एक साथ सैकड़ों पेजर फटे, जिसमें हिजबुल्लाह के गुर्गों को निशाना बनाया गया. हमले में कई नागरिकों और आतंकियों की मौत हो गई. इसके बाद, इजराइल ने बेरूत के घनी आबादी वाले दहिये क्षेत्र में हवाई हमलों की एक सीरीज भी शुरू की, जहां वे कथित तौर पर हिजबुल्लाह के गुर्गों को निशाना बना रहे थे. 26 सितंबर को, कई दिनों तक चली भारी बमबारी में लगभग सात इमारतें नष्ट हो गईं, जिसमें हिजबुल्लाह के प्रमुख नेता हसन नसरल्लाह की मौत हो गई.

30 सितंबर को इजराइली सेना ने ऐलान की कि वह हिजबुल्लाह आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए जमीनी स्तर पर घुसपैठ शुरू करेगी. समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को भी उनकी जान को खतरे की चिंताओं के बीच सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया.

1 अक्टूबर को ईरान ने इजराइली हवाई हमलों के कारण हिजबुल्लाह के गुर्गों और लेबनानी नागरिकों की मौत के जवाब में इजराइल की ओर 200 मिसाइलें दागीं. बाद में ईरान ने जवाबी कार्रवाई करने का वादा किया.

यह भी पढ़ें- मिसाइल हमले पर नेतन्याहू बोले- ईरान ने आज रात बड़ी गलती की और उसे इसकी कीमत चुकानी होगी

तेलअवीव: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई, क्योंकि ईरान ने मध्य-पूर्व में हमलों और जवाबी हमलों के चक्र में इजराइली क्षेत्र में 200 मिसाइलें दागी हैं.

हालांकि, हाल के हफ्तों में इजराइल, ईरान और आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह के बीच तनावपूर्ण संबंध चरम पर पहुंच गए हैं, लेकिन इस आक्रामकता की जड़ें दशकों पहले, 1979 से शुरू होती हुई देखी जा सकती हैं.

अमेरिका विरोधी भावना
1979 में ईरान ने इस्लामी क्रांति के दौरान अपने अंतिम सम्राट शाह मोहम्मद रजा पहलवी को उखाड़ फेंका और क्षेत्र में स्वतंत्रता की मांग करने वाले अन्य उग्रवादी समूहों जैसे लेबनान में हिजबुल्लाह और फिलिस्तीन में हमास के साथ गठबंधन किया.

इसी अवधि में ईरान और हिजबुल्लाह एक आ गए, फिलिस्तीनियों के निरंतर हाशिए पर रहने के कारण पड़ोसी देश इजराइल के साथ संबंधों में गिरावट आई. अमेरिका विरोधी भावना ने ईरान को इजराइल से भी दूर कर दिया, जो अमेरिका के साथ संबद्ध था.

7 अक्टूबर 2023 हमला
इस बीच सीरिया में गोलान हाइट्स पर इजराइल के अतिक्रमण के दौरान लगातार छोटी-मोटी झड़पें होती रहीं, इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष छिपा रहा और सुलगता रहा.हालांकि, 7 अक्टूबर, 2023 ने वैश्विक मंच पर संघर्ष की प्रकृति को बदल दिया. 7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी आतंकवादी समूह हमास ने दक्षिणी इजरायल में एक अभियान चलाया, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई.

फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल ने तुरंत इस आक्रमण के खिलाफ प्रतिक्रिया व्यक्त की और गाजा में हमलों और जमीनी आक्रमणों की एक सीरीज शुरू की, जिसमें 41,600 लोग मारे गए. हालांकि, ईरानी अधिकारियों ने 7 अक्टूबर को हुई घटनाओं के बारे में किसी भी जानकारी से इनकार किया, लेकिन इजराइली सरकार ने हमास के साथ अपने संबंधों के कारण ईरान को भी दोषी ठहराया.

ईरानी अधिकारियों ने 7 अक्टूबर को हुई घटनाओं के बारे में किसी भी जानकारी से इनकार किया, लेकिन इजराइल सरकार ने हमास के साथ उसके संबंधों के कारण ईरान को भी दोषी ठहराया. 17 अक्टूबर को ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजराइल की निंदा करते हुए कहा, "अगर जायोनी शासन के अपराध जारी रहे, तो मुसलमान और रजिस्टेंस फोर्स का सब्र खत्म हो जाएगा और कोई भी उन्हें रोक नहीं पाएगा." अल जजीरा के अनुसार, इस अवधि के दौरान लेबनान की सीमा पर हिजबुल्लाह और इजराइली बलों के बीच गोलीबारी की शुरुआती रिपोर्टें भी सामने आईं.

डायरेक्ट अटैक
दिसंबर में ईरानी मीडिया ने बताया कि सीरिया में एक इजराइली हवाई हमले में ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के एक वरिष्ठ नेता सैय्यद रजी मौसवी की मौत हो गई. इसके एक महीने बाद ईरान ने इजराइल पर दमिश्क में एक इमारत पर बमबारी करने का आरोप लगाया, जिसमें IRGC के पांच और सदस्य मारे गए.

इतना ही नहीं मार्च में दमिश्क में हुए एक और हमले में दो IRGC सदस्य मारे गए. वहीं, अप्रैल में ईरान को उस समय बड़ा झटका लगा जब सीरिया में उसके वाणिज्य दूतावास को इजराइली हवाई हमले में नष्ट कर दिया गया. इसमें IRGC के एक वरिष्ठ कमांडर - ब्रिगेडियर जनरल मोहम्मद रेजा जाहेदी सहित तेरह लोग मारे गए. इस इजराइली हमले के जवाब में ईरान ने यहूदी देख के खिलाफ 300 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागीं, जिसे 'ट्रू प्रॉमिस' नाम दिया गया.

पेजर विस्फोट
17 सितंबर को लेबनान और सीरिया के कुछ हिस्सों में एक साथ सैकड़ों पेजर फटे, जिसमें हिजबुल्लाह के गुर्गों को निशाना बनाया गया. हमले में कई नागरिकों और आतंकियों की मौत हो गई. इसके बाद, इजराइल ने बेरूत के घनी आबादी वाले दहिये क्षेत्र में हवाई हमलों की एक सीरीज भी शुरू की, जहां वे कथित तौर पर हिजबुल्लाह के गुर्गों को निशाना बना रहे थे. 26 सितंबर को, कई दिनों तक चली भारी बमबारी में लगभग सात इमारतें नष्ट हो गईं, जिसमें हिजबुल्लाह के प्रमुख नेता हसन नसरल्लाह की मौत हो गई.

30 सितंबर को इजराइली सेना ने ऐलान की कि वह हिजबुल्लाह आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए जमीनी स्तर पर घुसपैठ शुरू करेगी. समाचार एजेंसी एएफपी ने बताया कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को भी उनकी जान को खतरे की चिंताओं के बीच सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया.

1 अक्टूबर को ईरान ने इजराइली हवाई हमलों के कारण हिजबुल्लाह के गुर्गों और लेबनानी नागरिकों की मौत के जवाब में इजराइल की ओर 200 मिसाइलें दागीं. बाद में ईरान ने जवाबी कार्रवाई करने का वादा किया.

यह भी पढ़ें- मिसाइल हमले पर नेतन्याहू बोले- ईरान ने आज रात बड़ी गलती की और उसे इसकी कीमत चुकानी होगी

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