ढाका: बांग्लादेश में हिंसा गुरुवार को और बढ़ गई. छात्रों ने देश के सरकारी प्रसारक की एक इमारत में आग लगा दी. एक दिन पहले प्रधानमंत्री शेख हसीना ने झड़पों को शांत करने के लिए नेटवर्क पर आकर देश को संबोधित किया था. अब तक, बांग्लादेश में हिंसा में मरने वालों की संख्या 32 हो गई है.
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भारतीय उच्चायोग ने अपने नागरिकों को यात्रा से बचने की सलाह दी है. इससे पहले, मंगलवार को यहां हिसंक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गये थे. जिसमें प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग के छात्र विंग के सदस्यों के साथ छात्रों की झड़प में छह लोगों की मौत हो गई. गुरुवार को भी अशांति बनी रही, जब ढाका ट्रिब्यून ने ब्रैक यूनिवर्सिटी के पास मेरुल बड्डा में छात्रों के बीच झड़प की खबर दी.
![Bangladesh Quota Violence](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/19-07-2024/violent-clashes-erupt-between-police-and-protesters-in-dhaka-even-after-6-die-during-campus-protests_138cd4aa042a4a8da3f33c07e8ca5dfb_1807a_1721241784_391.jpg)
पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया. प्रधानमंत्री हसीना के चौथे कार्यकाल के लिए फिर से चुने जाने के बाद से यह सबसे बड़ा राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन है. इसका कारण युवाओं में उच्च बेरोजगारी माना जा रहा है. आंकड़ों के मुताबिक, 170 मिलियन आबादी वाले देश का लगभग पांचवां हिस्सा बेरोजगार या शिक्षा से बाहर है.
![Bangladesh Quota Violence](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/19-07-2024/violent-clashes-erupt-between-police-and-protesters-in-dhaka-even-after-6-die-during-campus-protests_7ad12b8b9d7f4ebdb5e3aae573588256_1807a_1721241784_466.jpg)
बांग्लादेश में हिंसा क्यों फैली, क्या है आरक्षण व्यवस्था, 10 बिंदुओं में समझें
- सरकारी नौकरियों के लिए रिजर्वेशन प्रणाली में सुधार की मांग कर रहे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को घेर लिया. उन्होंने पुलिस का पीछा किया. ढाका में BTV के मुख्यालय तक पहुच गए और चैनल के रिसेप्शन भवन और कई पार्क किए गए वाहनों में आग लगा दी. कई लोग कार्यालय के अंदर फंस गए थे, लेकिन उन्हें सुरक्षित निकाल लिया गया.
- मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को झड़पों में 25 और लोगों की मौत हो गई. ढाका और अन्य शहरों में विश्वविद्यालय के छात्र एक सप्ताह से अधिक समय से सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं, जिसमें 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों के लिए आरक्षण भी शामिल है.
- पुलिस प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए रबर की गोलियों, आंसू गैस और शोरगुल वाले ग्रेनेड का इस्तेमाल कर रही है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.भीड़ ने पुलिस और सुरक्षा बलों पर ईंट-पत्थरों से वार किया. (AP)
- हिंसा के कारण राजधानी में मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए. सरकार ने इंटरनेट बंद करने का भी आदेश दिया है. आउटेज मॉनिटर नेटब्लॉक्स ने कहा कि बांग्लादेश 'लगभग पूरी तरह से इंटरनेट बंद' से जूझ रहा है.
- सरकार ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए राजधानी सहित पूरे देश में बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के जवानों को तैनात किया है.
- शेख हसीना सरकार ने स्कूलों और विश्वविद्यालयों को अनिश्चित काल के लिए बंद करने का आदेश दिया है. बुधवार को, पीएम हसीना ब्रॉडकास्टर पर आईं और प्रदर्शनकारियों की 'हत्या' की निंदा की और कसम खाई कि जिम्मेदार लोगों को उनकी राजनीतिक संबद्धता की परवाह किए बिना दंडित किया जाएगा. हालांकि, अगले दिन हिंसा और बढ़ गई.प्रदर्शनकारियों के पास तेजधार वाले हथियार भी देखे गये. (AP)
- छात्र कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं, जिसके तहत आधे से अधिक सरकारी नौकरियों को विशिष्ट समूहों के लिए आरक्षित किया जाता है, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ देश के 1971 के मुक्ति संग्राम के दिग्गजों के बच्चे भी शामिल हैं.
- मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस योजना से हसीना का समर्थन करने वाले सरकार समर्थक समूहों के बच्चों को भी लाभ मिलता है. इस बीच, मानवाधिकार समूहों ने हसीना सरकार पर असहमति को दबाने का आरोप लगाया है. बांग्लादेश के कनिष्ठ मंत्री जुनैद अहमद पलक ने इंटरनेट प्रतिबंध को उचित ठहराते हुए कहा कि सोशल मीडिया को 'अफवाहें, झूठ और गलत सूचना फैलाने के लिए हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया है'.हिसंक प्रदर्शन के दौरान मारे गये लोगों के शव के साथ भी प्रदर्शनकारियों ने प्रदर्शन किया. (AP)
- कानून मंत्री अनीसुल हक ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि सरकार ने प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ बातचीत करने का फैसला किया है.भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े. (AP)
- प्रधानमंत्री शेख हसीना ने उन्हें और शिक्षा मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी को चर्चा करने का जिम्मा सौंपा है. प्रदर्शनकारियों के एक प्रवक्ता ने बाद में कहा कि वे अब सरकार और नजमुल हसन के साथ बातचीत नहीं करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि इसके बजाय, हम सरकारी नौकरियों में कोटा रद्द करने के लिए एक गजट अधिसूचना जारी करने की तत्काल मांग करते हैं.प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह आग लगा कर पुलिस को रोकने का प्रयास किया. (AP)