वाशिंगटन: अमेरिका के एक शीर्ष रक्षा अधिकारी ने अपने चीनी समकक्ष को रूस के साथ चीन के बढ़ते सहयोग के बारे में चेतावनी दी है. इससे पहले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मुलाकात की और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने का संकल्प लिया.
इंडो-पैसिफिक सुरक्षा मामलों के लिए अमेरिकी सहायक रक्षा मंत्री एली रैटनर ने शुक्रवार को चीन के अंतर्राष्ट्रीय सैन्य सहयोग के लिए केंद्रीय सैन्य आयोग कार्यालय के निदेशक मेजर जनरल ली बिन के साथ वीडियो टेलीकांफ्रेंसिंग के जरिए बात की. पेंटागन ने एक बयान में कहा कि रैटनर ने रूस और उत्तर कोरिया के बीच संबंधों पर चर्चा की.
साथ ही रूस के रक्षा औद्योगिक आधार के लिए चीन के समर्थन पर गंभीर चिंता व्यक्त की. ये यूक्रेन में रूस के युद्ध को सक्षम बनाता है. पुतिन रूस और बीजिंग के बीच संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए चीन की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर थे. इस दौरान उन्होंने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के साथ साझेदारी के 'नए युग' की प्रतिज्ञा की.
अमेरिकी सहायक रक्षा मंत्री एली रैटनर ने यह भी दोहराया कि अमेरिका 'एक चीन' नीति के प्रति प्रतिबद्ध है. ये ताइवान संबंध अधिनियम, अमेरिकी-चीन संयुक्त विज्ञप्तियों, छह आश्वासनों द्वारा निर्देशित है. उन्होंने जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व की पुनः पुष्टि की. अमेरिकी अधिकारी ने अपने चीनी समकक्ष के साथ दक्षिण चीन सागर के निकट चीन और फिलीपींस के बीच बढ़ते तनाव के बारे में भी बात की. इस बीच चीन ने ताइवान के साथ 'सैन्य मिलीभगत' को लेकर अमेरिका की आलोचना की है.
अंतरराष्ट्रीय सैन्य सहयोग के लिए केंद्रीय सैन्य आयोग कार्यालय ने शुक्रवार को वीडियो कॉल में अमेरिकी सहायक रक्षा मंत्री को बताया कि अमेरिका और ताइवान के बीच 'सैन्य मिलीभगत और साथ ही 'ताइवान स्वतंत्रता बलों' के 'अलगाववादी कृत्य', ताइवान जलडमरूमध्य में वर्तमान स्थिरता में व्यवधान के मुख्य स्रोत हैं. प्रवक्ता ने कहा, 'चीन किसी भी 'ताइवान स्वतंत्रता' अलगाववादी गतिविधियों और विदेशी मिलीभगत और समर्थन के खिलाफ दृढ़ और निर्णायक जवाबी कदम उठाएगा.' चीन ने शुक्रवार को अमेरिकी सैन्य पोत के हालिया 'उत्तेजक कदमों' की भी आलोचना की और कहा कि अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि (UNCLOS) का हवाला देना उसकी आधिपत्यवादी प्रकृति को दर्शाता है.