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सुप्रीम कोर्ट से डोनाल्ड ट्रंप को मिली बड़ी राहत, राष्ट्रपति चुनाव में अपनी हार को पलटने की रची थी साजिश? - Jan 6 Capitol attack trial

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 1, 2024, 10:48 PM IST

Updated : Jul 1, 2024, 11:05 PM IST

US Supreme Court on Trump: डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में अपनी हार को पलटने की साजिश रची थी. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से संघीय चुनाव में गड़बड़ी के आरोपों पर चल रही सुनवाई में और ज्यादा देरी होने की उम्मीद है, जो ट्रंप के खिलाफ पहले से ही लंबित हैं.

ANI
डोनाल्ड ट्रंप (ANI)

न्यूयॉर्क: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाया कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में किए गए कुछ कार्यों के लिए आपराधिक अभियोजन से सीमित छूट का दावा कर सकते हैं. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, इस फैसले से उनके खिलाफ चुनाव में गड़बड़ी के संघीय आरोपों के संबंध में चल रही सुनवाई में और देरी होने की उम्मीद है. इससे यह संभावना समाप्त हो गई कि पूर्व राष्ट्रपति पर नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले मुकदमा चलाया जा सकता है. डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में अपनी हार को पलटने की साजिश रची थी.

इस मामले को इस साल के सबसे महत्वपूर्ण मामलों में से एक माना जा रहा है, जिसने संघीय अपील अदालत के फरवरी के फैसले को पलट दिया. जिसने 2020 के चुनाव परिणामों को पलटने के उद्देश्य से कथित अपराधों के लिए ट्रम्प को इम्युनिटी से वंचित कर दिया था.

जजों ने 6-3 के ऐतिहासिक फैसले में पहली बार कहा कि पूर्व राष्ट्रपतियों को उनके आधिकारिक कृत्यों के लिए मुकदमे से पूर्ण छूट है. लेकिन अनाधिकारिक कृत्यों के लिए कोई छूट नहीं है. हालांकि, जजों ने निचली अदालत को आदेश दिया कि वे यह तय करे कि ट्रंप के मामले में निर्णय को कैसे लागू किया जाए. वहींपूर्व राष्ट्रपति ने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है. उनका दावा है कि, यह अभियोजन और 3 अन्य मामले उन्हें व्हाइट हाउस में वापस आने से रोकने के लिए राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं.

CNN की रिपोर्ट के अनुसार ,मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने कहा कि, वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि अलग-अलग शक्तियों के संवैधानिक ढांचे के तहत, राष्ट्रपति की शक्ति की प्रकृति के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति को अपने कार्यकाल के दौरान आधिकारिक कृत्यों के लिए आपराधिक अभियोजन से कुछ छूट मिलनी चाहिए. कम से कम राष्ट्रपति द्वारा अपनी मूल संवैधानिक शक्तियों के प्रयोग के संबंध में, यह छूट पूर्ण होनी चाहिए. रॉबर्ट्स ने अपनी राय में कहा, 'राष्ट्रपति को अपने अनौपचारिक कृत्यों के लिए कोई छूट नहीं मिलती है और राष्ट्रपति द्वारा किया गया हर काम आधिकारिक नहीं होता है. राष्ट्रपति कानून से ऊपर नहीं हैं.' रॉबर्ट्स के साथ जहां पांच कंजर्वेटिव जज शामिल थे, वहीं तीन लिबरल न्यायाधीशों ने असहमति व्यक्त की. बता दें कि, पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप मई में न्यूयॉर्क की कोर्ट में एक अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने वाले पहले पूर्व राष्ट्रपति के तौर पर जाने गए.

ये भी पढ़ें: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024: पहली डिबेट में बाइडेन का फीका प्रदर्शन, ट्रंप रहे हावी

न्यूयॉर्क: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुनाया कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में किए गए कुछ कार्यों के लिए आपराधिक अभियोजन से सीमित छूट का दावा कर सकते हैं. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, इस फैसले से उनके खिलाफ चुनाव में गड़बड़ी के संघीय आरोपों के संबंध में चल रही सुनवाई में और देरी होने की उम्मीद है. इससे यह संभावना समाप्त हो गई कि पूर्व राष्ट्रपति पर नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले मुकदमा चलाया जा सकता है. डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में अपनी हार को पलटने की साजिश रची थी.

इस मामले को इस साल के सबसे महत्वपूर्ण मामलों में से एक माना जा रहा है, जिसने संघीय अपील अदालत के फरवरी के फैसले को पलट दिया. जिसने 2020 के चुनाव परिणामों को पलटने के उद्देश्य से कथित अपराधों के लिए ट्रम्प को इम्युनिटी से वंचित कर दिया था.

जजों ने 6-3 के ऐतिहासिक फैसले में पहली बार कहा कि पूर्व राष्ट्रपतियों को उनके आधिकारिक कृत्यों के लिए मुकदमे से पूर्ण छूट है. लेकिन अनाधिकारिक कृत्यों के लिए कोई छूट नहीं है. हालांकि, जजों ने निचली अदालत को आदेश दिया कि वे यह तय करे कि ट्रंप के मामले में निर्णय को कैसे लागू किया जाए. वहींपूर्व राष्ट्रपति ने कुछ भी गलत करने से इनकार किया है. उनका दावा है कि, यह अभियोजन और 3 अन्य मामले उन्हें व्हाइट हाउस में वापस आने से रोकने के लिए राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं.

CNN की रिपोर्ट के अनुसार ,मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने कहा कि, वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि अलग-अलग शक्तियों के संवैधानिक ढांचे के तहत, राष्ट्रपति की शक्ति की प्रकृति के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति को अपने कार्यकाल के दौरान आधिकारिक कृत्यों के लिए आपराधिक अभियोजन से कुछ छूट मिलनी चाहिए. कम से कम राष्ट्रपति द्वारा अपनी मूल संवैधानिक शक्तियों के प्रयोग के संबंध में, यह छूट पूर्ण होनी चाहिए. रॉबर्ट्स ने अपनी राय में कहा, 'राष्ट्रपति को अपने अनौपचारिक कृत्यों के लिए कोई छूट नहीं मिलती है और राष्ट्रपति द्वारा किया गया हर काम आधिकारिक नहीं होता है. राष्ट्रपति कानून से ऊपर नहीं हैं.' रॉबर्ट्स के साथ जहां पांच कंजर्वेटिव जज शामिल थे, वहीं तीन लिबरल न्यायाधीशों ने असहमति व्यक्त की. बता दें कि, पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप मई में न्यूयॉर्क की कोर्ट में एक अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने वाले पहले पूर्व राष्ट्रपति के तौर पर जाने गए.

ये भी पढ़ें: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2024: पहली डिबेट में बाइडेन का फीका प्रदर्शन, ट्रंप रहे हावी

Last Updated : Jul 1, 2024, 11:05 PM IST
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