वॉशिंगटन: अमेरिका में 5 नंवबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के बीच करीबी मुकाबला बताया जा रहा है. यह चुनाव इतिहास में दशकों में व्हाइट हाउस के लिए सबसे करीबी मुकाबलों में से एक के रूप में दर्ज किया जाएगा.
फ्लोरिडा विश्वविद्यालय के इलेक्शन लैब के अनुसार, रविवार तक 75 मिलियन से अधिक अमेरिकी लोग अपने वोट डाल चुके हैं. यह इलेक्शन लैब अमेरिका भर में प्रारंभिक और डाक से मतदान पर नजर रखता है.
चुनाव के दिन की उल्टी गिनती शुरू होते ही 78 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने 2020 के चुनाव की कड़वी यादें ताजा करते हुए कहा कि उन्हें 'व्हाइट हाउस नहीं छोड़ना चाहिए था', जिससे यह आशंका पैदा हो गई कि अगर वह हैरिस से चुनाव हार गए तो शायद वह मतदान के नतीजे को स्वीकार न करें. पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने पेंसिल्वेनिया में एक रैली में कहा, "मुझे नहीं छोड़ना चाहिए था. मेरा मतलब है, ईमानदारी से, क्योंकि...हमने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया."
वहीं, मिशिगन में अपनी आखिरी रैली में 60 वर्षीय हैरिस ने कहा कि वह सभी अमेरिकी लोगों के लिए राष्ट्रपति होंगी. साथ ही उन्होंने घृणा और विभाजन को खत्म करने की आवश्यकता पर जोर दिया. जबकि ट्रंप ने अपने डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ तीखा हमला जारी रखा.
मिशिगन में अपनी रैली में उपराष्ट्रपति हैरिस ने कहा कि यह हमारे समय के सबसे महत्वपूर्ण चुनावों में से एक होने जा रहा है. हमारे पक्ष में माहौल है, क्या आप इसे महसूस कर सकते हैं.
हैरिस ने राज्य के अरब अमेरिकी मतदाताओं का समर्थन पाने की कोशिश में गाजा युद्ध पर भी बात की. उन्होंने कहा, "यह वर्ष कठिन रहा है, गाजा में मौतें और विनाश के पैमाने को देखते हुए और लेबनान में नागरिक हताहतों और विस्थापन को देखते हुए." उन्होंने कहा, "यह विनाशकारी है."
हैरिस-ट्रंप के प्रमुख मुद्दों पर स्टैंड
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच गंभीर नीतिगत फर्क देखने को मिल रहा है. दोनों उम्मीदवार गर्भपात कानून, ट्रांसजेंडर अधिकार, इमिग्रेशन, वीजा नीतियों और आर्थिक नीतियों जैसे प्रमुख मुद्दों पर आमने-सामने हैं. ट्रंप अमेरिकी आयात पर 10 फीसदी से ज्यादा टैक्स लगाना और अमेरिका को 'धरती की क्रिप्टो राजधानी' में बदलना चाहते हैं, जबकि हैरिस मध्यम और छोटे वर्ग के कारोबारियों को बेहतर मौके देने की पैरोकारी हैं.
हैरिस ने देश भर में महिलाओं के गर्भपात अधिकार को बहाल करने के लिए संघीय कानून लाने का वादा किया है.
पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट के तीन जज नियुक्त किए, जिन्होंने गर्भपात का संवैधानिक अधिकार खत्म करने के लिए वोट दिया था. जानकारों के मुताबिक ट्रंप तय नहीं कर पाए हैं कि अगर वे जीत गए तो इस मुद्दे से कैसे निपटेंगे.
कमला हैरिस ने एक रैली में कहा, "हम महिलाओं पर भरोसा करते हैं. जब कांग्रेस रिप्रोडक्टिव फ्रीडम बहाल करने का विधेयक पारित करेगी, तो मैं अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में गर्व से उस पर दस्तखत करूंगी और कानून बनाऊंगी."
हैरिस मौजूदा इमिग्रेशन नीति से खुश नहीं हैं. उन्होंने देश की सीमाओं को सुरक्षित करने और ऐसी इमिग्रेशन पॉलिसी बनाने का वादा किया है, जो व्यवस्थित और इंसानियत भरी हो. हैरिस का कहना है कि बॉर्डर सिक्योरिटी बिल के सख्त कानून सीमा पर अवैध प्रवास कम करेंगे.
प्रवासियों को देश से निकालने का वादा
दूसरी ओर, ट्रंप ने बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों को देश से बाहर निकालने का वादा किया है. उन्होंने एक रैली में कहा, "मैं राष्ट्रपति बनूंगा, तो हम अवैध लोगों को बेदखल करेंगे और अपनी संपत्तियां वापस लेंगे. हम जांच करेंगे कि उन्होंने क्या किया है. आप जानते हैं कि उन्होंने देश भर में संपत्ति पर काफी कब्जा किया है. हमें घर, राहत और बाकी सब कुछ मिलेगा और अपने देश को पटरी पर लाएंगे."
जलवायु परिवर्तन पर हैरिस और ट्रंप के रुख में भी बड़ा फर्क है. ट्रंप ने इस मुद्दे को धोखा करार दिया है. उन्होंने सत्ता में आने पर पेरिस जलवायु समझौते से फिर बाहर निकलने को कहा है. इसके उलट, हैरिस ने अपने चुनाव प्रचार में हरित ऊर्जा में इन्वेस्टमेंट करने और अमेरिका के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय जलवायु मिशन को आगे बढ़ाने का वादा किया है.
मध्य पूर्व और यूक्रेन संघर्ष
ट्रंप ने मध्य पूर्व और यूक्रेन में चल रहे संघर्षों के जल्द उपाय तलाशने का वादा किया है. उन्होंने यूक्रेन को बाइडेन प्रशासन से दी जा रही वित्तीय मदद का विरोध किया है. इसके विपरीत हैरिस ने यूक्रेन को समर्थन जारी रखने का वादा किया है. उन्होंने कहा, राष्ट्रपति के रूप में, मैं यूक्रेन और नाटो सहयोगियों का मजबूती से साथ दूंगी."
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