नई दिल्ली: ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 2023 की दूसरी छमाही में मंदी से घिर गई है. ये मंदी प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के लिए कठिन साबित हो सकती है. आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि ब्रिटेन पिछले साल के अंतिम तीन महीनों के दौरान मंदी की चपेट में आ गया. क्योंकि अर्थव्यवस्था उम्मीद से अधिक सिकुड़ गई थी. ब्रिटेन का सकल घरेलू उत्पाद जो आर्थिक गतिविधि का एक प्रमुख उपाय है वो 0.3 फीसदी गिर गया है.
नेशनल स्टैटिक्स ऑफिस (ओएनएस) ने एक बयान में कहा कि पिछले तीन महीनों में 0.1 फीसदी की गिरावट के बाद 2023 की चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद 0.3 फीसदी कम हो गया. 2023 में अर्थव्यवस्था में 0.1 फीसदी की वृद्धि हुई. फिर भी, कोविड के वर्षों को छोड़कर, वार्षिक वृद्धि का आंकड़ा 2009 के बाद से सबसे कमजोर है जब यूके और प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक वित्तीय संकट से जूझ रही थीं.
प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के लिए झटका
ये मंदी प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के लिए एक झटका है क्योंकि सुनक ने अर्थव्यवस्था को अपनी पांच प्राथमिकताओं में से एक के रूप में विकसित करने की बात कही थी. यह 2020 की पहली छमाही के बाद यूके की पहली मंदी का भी प्रतीक है, जब अर्थव्यवस्था को कोविड महामारी के कारण मंदी का सामना करना पड़ा था.
ओएनएस के आर्थिक सांख्यिकी निदेशक लिज मैककेन ने कहा कि हमारा प्रारंभिक अनुमान 2023 की चौथी तिमाही में यूके की अर्थव्यवस्था को अनुबंधित दिखाता है. यह जुलाई और सितंबर के बीच गिरावट का अनुसरण करता है. अगर जीडीपी लगातार दो तीन महीने की अवधि के लिए गिरती है तो यूके को मंदी में माना जाता है.
बता दें कि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था करीब दो साल से स्थिर बनी हुई है. वहीं, बैंक ऑफ इंग्लैंड को उम्मीद है कि 2024 में इसमें थोड़ी तेजी आएगी.