द हेग : संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने गाजा में संघर्ष विराम का आदेश देने से इनकार कर दिया लेकिन इजराइल से जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए प्रयास करने को कहा. साथ ही कोर्ट ने गाजा में संघर्ष विराम का आदेश देने से कुछ समय के लिए रोक लगाने के साथ ही मांग की कि इजराइल मौतों को रोकने की कोशिश करे. साथ ही अदालत ने इजराइल से इस मामले में एक महीने के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है. कोर्ट ने कहा है कि इजराइल गाजा पट्टी में हुई मौतों और नुकसान के बारे में जानकारी दे.
मामला लाने वाले दक्षिण अफ्रीका ने अदालत से इजराइल को अपना अभियान रोकने का आदेश देने की मांग की थी. संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ने गाजा में अपने सैन्य हमले के लिए इजराइल के खिलाफ नरसंहार के आरोपों को खारिज नहीं करने का फैसला किया. यह एक ऐसे मामले में प्रारंभिक निर्णय का हिस्सा है जो दुनिया के सबसे कठिन संघर्षों में से एक के मूल में जाता है. 17 न्यायाधीशों के एक पैनल द्वारा दिए गए बहुप्रतीक्षित निर्णय में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने मामले को खारिज नहीं करने का निर्णय लिया. अदालत के अध्यक्ष जोन ई. डोनोग्यू ने कहा कि अदालत इस क्षेत्र में सामने आ रही मानवीय त्रासदी की सीमा से पूरी तरह अवगत है और जीवन की निरंतर हानि और मानवीय पीड़ा के बारे में गहराई से चिंतित है.
शुक्रवार का फैसला केवल एक अंतरिम है. वहीं इजराइल ने नरसंहार के आरोप को खारिज कर दिया है और अदालत से आरोपों को खारिज करने के लिए कहा है. दक्षिण अफ्रीका ने न्यायाधीशों से कहा है गाजा में फ़िलिस्तीनियों की सुरक्षा के लिए तथाकथित अनंतिम उपाय लागू करने की अत्यधिक आवश्यकता है और अदालत उस पर आदेश दे सकती है.
बता दें कि गुरुवार को एक बयान में फिलिस्तीनी प्रधान मंत्री मोहम्मद शतयेह ने कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि फैसले में आक्रामकता और नरसंहार को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई शामिल होगी. गाजा पट्टी में हमारे लोग... और भूखों, घायलों और बीमारों को धीमी मौत के खतरे से बचाने के लिए राहत सहायता का तेजी से प्रवाह किया जा रहा है. वहीं गुरुवार को ही इजराइली सरकार के प्रवक्ता इलोन लेवी ने कहा था कि इजराइल को उम्मीद है कि अदालत फर्जी और फर्जी आरोपों को खारिज कर देगी.
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