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' देश को हिंसा से बचाएं', मुहम्मद यूनुस की जनता से अपील - Bangladesh Crisis

Muhammad Yunus: नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस उनकी पहली प्राथमिकता देश को अराजकता से बचाना है ताकि देश छात्रों द्वारा दिखाए गए मार्ग पर आगे बढ़ सके.

नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस
नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस (AP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 8, 2024, 7:55 PM IST

ढाका: नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने जा रहे हैं. इस बीच उन्होंने अपने समर्थकों और बांग्लादेश के लोगों से शांति बनाए रखने और अराजकता को समाप्त करने का आग्रह किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह सुनिश्चित करना हमारी पहली जिम्मेदारी है कि देश में किसी के खिलाफ कोई हमला न हो.

डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जबरदस्त क्षमता है, लेकिन पहली प्राथमिकता देश को अराजकता से बचाना है ताकि देश छात्रों द्वारा दिखाए गए मार्ग पर आगे बढ़ सके.

2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित
उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अगर आपको मुझ पर भरोसा है तो सुनिश्चित करें कि देश में कहीं भी कोई हमला न हो. यह हमारी पहली जिम्मेदारी है. मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश ग्रामीण बैंक के संस्थापक हैं, जिन्हें माइक्रोक्रेडिट के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक विकास बनाने के उनके प्रयासों के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

'हमें फिर से उठ खड़ा होना होगा'
उन्होंने कहा, "मैं सबसे पहले इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि देश को अराजकता से बचाया जाए. देश को हिंसा से बचाएं ताकि हम छात्रों द्वारा दिखाए गए रास्ते पर आगे बढ़ सकें." यूनुस ने आगे कहा, "बांग्लादेश एक खूबसूरत देश बन सकता था. इसमें जबरदस्त क्षमता है, जिसे नष्ट कर दिया गया. अब हमें बीज तैयार करना होगा और हमें फिर से उठ खड़ा होना होगा. आप, युवा, बीज तैयार करेंगे. हम उनका अनुसरण करेंगे और उनके निर्देशानुसार आगे बढ़ेंगे."

मुहम्मद यूनुस ने युवाओं के अभियान की सराहना की
इस दौरान अर्थशास्त्री ने युवाओं के अभियान की सराहना की और इसे बांग्लादेश का दूसरा 'विजय दिवस' ​बताया. अंतरिम सरकार के प्रमुख बनने जा रहे नोबेल पुरस्कार विजेता ने ढाका पहुंचने के तुरंत बाद आरक्षण विरोधी अभियान के छात्र नेताओं और नागरिक समाज के सदस्यों से बात की, जिसमें कुछ ऐसे लोग भी शामिल थे जो अंतरिम सरकार बना सकते हैं.

बता दें कि 5 अगस्त को बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता हो गई है. इससे पहले सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग करने वाले छात्रों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों का रूप ले लिया.

यह भी पढ़ें- शेख हसीना की बेटी का मां के लिए छलका दर्द, कहा-दिल टूट गया है

ढाका: नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री मुहम्मद यूनुस बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने जा रहे हैं. इस बीच उन्होंने अपने समर्थकों और बांग्लादेश के लोगों से शांति बनाए रखने और अराजकता को समाप्त करने का आग्रह किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह सुनिश्चित करना हमारी पहली जिम्मेदारी है कि देश में किसी के खिलाफ कोई हमला न हो.

डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जबरदस्त क्षमता है, लेकिन पहली प्राथमिकता देश को अराजकता से बचाना है ताकि देश छात्रों द्वारा दिखाए गए मार्ग पर आगे बढ़ सके.

2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित
उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अगर आपको मुझ पर भरोसा है तो सुनिश्चित करें कि देश में कहीं भी कोई हमला न हो. यह हमारी पहली जिम्मेदारी है. मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश ग्रामीण बैंक के संस्थापक हैं, जिन्हें माइक्रोक्रेडिट के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक विकास बनाने के उनके प्रयासों के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

'हमें फिर से उठ खड़ा होना होगा'
उन्होंने कहा, "मैं सबसे पहले इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि देश को अराजकता से बचाया जाए. देश को हिंसा से बचाएं ताकि हम छात्रों द्वारा दिखाए गए रास्ते पर आगे बढ़ सकें." यूनुस ने आगे कहा, "बांग्लादेश एक खूबसूरत देश बन सकता था. इसमें जबरदस्त क्षमता है, जिसे नष्ट कर दिया गया. अब हमें बीज तैयार करना होगा और हमें फिर से उठ खड़ा होना होगा. आप, युवा, बीज तैयार करेंगे. हम उनका अनुसरण करेंगे और उनके निर्देशानुसार आगे बढ़ेंगे."

मुहम्मद यूनुस ने युवाओं के अभियान की सराहना की
इस दौरान अर्थशास्त्री ने युवाओं के अभियान की सराहना की और इसे बांग्लादेश का दूसरा 'विजय दिवस' ​बताया. अंतरिम सरकार के प्रमुख बनने जा रहे नोबेल पुरस्कार विजेता ने ढाका पहुंचने के तुरंत बाद आरक्षण विरोधी अभियान के छात्र नेताओं और नागरिक समाज के सदस्यों से बात की, जिसमें कुछ ऐसे लोग भी शामिल थे जो अंतरिम सरकार बना सकते हैं.

बता दें कि 5 अगस्त को बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता हो गई है. इससे पहले सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली को समाप्त करने की मांग करने वाले छात्रों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शनों ने सरकार विरोधी प्रदर्शनों का रूप ले लिया.

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