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युद्ध के मैदान में कोई समाधान नहीं, यूक्रेन संघर्ष पर अमेरिका ने जताई चिंता - Russia Ukraine War

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By PTI

Published : Jul 9, 2024, 2:15 PM IST

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस की दो दिवसीय यात्रा पर हैं. इस यात्रा के दौरान वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात कर रहे हैं. इस दौरान रूस-यूक्रेन विवाद पर भी बातचीत हो सकती है. भारत लंबे समय से कह रहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने का एकमात्र रास्ता बातचीत और कूटनीति है.

PM Modi's visit to Russia
पीएम मोदी की रूस यात्रा (फोटो - ANI Photo)

नई दिल्ली: भारत लगातार कहता रहा है कि यूक्रेन विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत और कूटनीति ही एकमात्र रास्ता है, क्योंकि युद्ध के मैदान में इसका समाधान नहीं निकाला जा सकता. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी तब दी, जब अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मास्को में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता से पहले पूर्वी यूरोपीय देश की स्थिति पर चिंता जताई.

सूत्रों ने कहा कि भारत ने हमेशा क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता सहित संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि युद्ध के मैदान में कोई समाधान नहीं है और बातचीत और कूटनीति ही आगे बढ़ने का रास्ता है. मोदी-पुतिन वार्ता से पहले, अमेरिका ने भारत से रूस को यह स्पष्ट करने का आह्वान किया कि यूक्रेन संघर्ष के किसी भी समाधान में संयुक्त राष्ट्र चार्टर और यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान किया जाना चाहिए.

विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने वाशिंगटन में प्रधानमंत्री मोदी की मॉस्को यात्रा के बारे में पूछे जाने पर कहा कि 'भारत एक रणनीतिक साझेदार है, जिसके साथ हम पूर्ण और स्पष्ट बातचीत करते हैं. और इसमें रूस के साथ उनके संबंधों के बारे में हमारी चिंताएं भी शामिल हैं.'

अमेरिकी अधिकारी ने आगे कहा कि 'हम भारत से आग्रह करेंगे, जैसा कि हम किसी भी देश से करते हैं जब वह रूस के साथ बातचीत करता है, कि वह स्पष्ट करे कि यूक्रेन में संघर्ष का कोई भी समाधान ऐसा होना चाहिए, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करता हो, जो यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता, यूक्रेन की संप्रभुता का सम्मान करता हो.'

मिलर ने कहा कि अमेरिका ने भारत के सामने नई दिल्ली के मास्को के साथ संबंधों के बारे में अपनी चिंताओं को स्पष्ट कर दिया है. उन्होंने कहा कि 'मैं प्रधानमंत्री मोदी की सार्वजनिक टिप्पणियों को देखूंगा कि उन्होंने किस बारे में बात की. लेकिन जैसा कि मैंने कहा, हमने रूस के साथ उनके संबंधों के बारे में अपनी चिंताओं को भारत के सामने स्पष्ट रूप से रख दिया है.'

मिलर ने कहा कि 'इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि भारत और कोई भी अन्य देश, जब वे रूस के साथ बातचीत करेंगे, तो यह स्पष्ट कर देंगे कि रूस को संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करना चाहिए, यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए.'

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को रूस की दो दिवसीय हाई-प्रोफाइल यात्रा शुरू की, जिसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रपति पुतिन के साथ 22वीं भारत-रूस शिखर वार्ता करना है. यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण की शुरुआत के बाद से मोदी की यह पहली रूस यात्रा है. रूसी राष्ट्रपति ने सोमवार रात मास्को के बाहरी इलाके नोवो-ओगारेवो में अपने आवास पर भारतीय प्रधानमंत्री के लिए एक निजी रात्रिभोज का आयोजन किया.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री की यात्रा का मुख्य उद्देश्य आर्थिक एजेंडे को आगे बढ़ाना है, खासकर ऊर्जा, व्यापार, विनिर्माण और उर्वरक के क्षेत्रों में. वार्ता में यूक्रेन में युद्ध का मुद्दा भी प्रमुखता से उठने वाला है. नई दिल्ली रूस के साथ अपनी 'विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी' का दृढ़ता से बचाव कर रही है और यूक्रेन संघर्ष के बावजूद संबंधों में गति बनाए रखी है.

भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा नहीं की है और लगातार बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के समाधान की वकालत की है. फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से, मोदी ने पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ कई बार टेलीफोन पर बातचीत की है.

नई दिल्ली: भारत लगातार कहता रहा है कि यूक्रेन विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत और कूटनीति ही एकमात्र रास्ता है, क्योंकि युद्ध के मैदान में इसका समाधान नहीं निकाला जा सकता. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी तब दी, जब अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मास्को में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता से पहले पूर्वी यूरोपीय देश की स्थिति पर चिंता जताई.

सूत्रों ने कहा कि भारत ने हमेशा क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता सहित संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करने का आह्वान किया है. उन्होंने कहा कि युद्ध के मैदान में कोई समाधान नहीं है और बातचीत और कूटनीति ही आगे बढ़ने का रास्ता है. मोदी-पुतिन वार्ता से पहले, अमेरिका ने भारत से रूस को यह स्पष्ट करने का आह्वान किया कि यूक्रेन संघर्ष के किसी भी समाधान में संयुक्त राष्ट्र चार्टर और यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान किया जाना चाहिए.

विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने वाशिंगटन में प्रधानमंत्री मोदी की मॉस्को यात्रा के बारे में पूछे जाने पर कहा कि 'भारत एक रणनीतिक साझेदार है, जिसके साथ हम पूर्ण और स्पष्ट बातचीत करते हैं. और इसमें रूस के साथ उनके संबंधों के बारे में हमारी चिंताएं भी शामिल हैं.'

अमेरिकी अधिकारी ने आगे कहा कि 'हम भारत से आग्रह करेंगे, जैसा कि हम किसी भी देश से करते हैं जब वह रूस के साथ बातचीत करता है, कि वह स्पष्ट करे कि यूक्रेन में संघर्ष का कोई भी समाधान ऐसा होना चाहिए, जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करता हो, जो यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता, यूक्रेन की संप्रभुता का सम्मान करता हो.'

मिलर ने कहा कि अमेरिका ने भारत के सामने नई दिल्ली के मास्को के साथ संबंधों के बारे में अपनी चिंताओं को स्पष्ट कर दिया है. उन्होंने कहा कि 'मैं प्रधानमंत्री मोदी की सार्वजनिक टिप्पणियों को देखूंगा कि उन्होंने किस बारे में बात की. लेकिन जैसा कि मैंने कहा, हमने रूस के साथ उनके संबंधों के बारे में अपनी चिंताओं को भारत के सामने स्पष्ट रूप से रख दिया है.'

मिलर ने कहा कि 'इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि भारत और कोई भी अन्य देश, जब वे रूस के साथ बातचीत करेंगे, तो यह स्पष्ट कर देंगे कि रूस को संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करना चाहिए, यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करना चाहिए.'

प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को रूस की दो दिवसीय हाई-प्रोफाइल यात्रा शुरू की, जिसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रपति पुतिन के साथ 22वीं भारत-रूस शिखर वार्ता करना है. यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण की शुरुआत के बाद से मोदी की यह पहली रूस यात्रा है. रूसी राष्ट्रपति ने सोमवार रात मास्को के बाहरी इलाके नोवो-ओगारेवो में अपने आवास पर भारतीय प्रधानमंत्री के लिए एक निजी रात्रिभोज का आयोजन किया.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री की यात्रा का मुख्य उद्देश्य आर्थिक एजेंडे को आगे बढ़ाना है, खासकर ऊर्जा, व्यापार, विनिर्माण और उर्वरक के क्षेत्रों में. वार्ता में यूक्रेन में युद्ध का मुद्दा भी प्रमुखता से उठने वाला है. नई दिल्ली रूस के साथ अपनी 'विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी' का दृढ़ता से बचाव कर रही है और यूक्रेन संघर्ष के बावजूद संबंधों में गति बनाए रखी है.

भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा नहीं की है और लगातार बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के समाधान की वकालत की है. फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से, मोदी ने पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ कई बार टेलीफोन पर बातचीत की है.

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