नई दिल्ली: गाजा में नरसंहार के कृत्यों को रोकने के लिए इजराइल को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के आदेश के बाद, प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को फैसले को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि कहा कि इजराइल के खिलाफ लगाया गया नरसंहार का आरोप न केवल झूठा है, यह अपमानजनक और असभ्य है. उन्होंने कहा कि लोगों को हर जगह इसे खारिज कर देना चाहिए.
नई दिल्ली में इज़राइल दूतावास के सूत्रों ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कानून के प्रति इजराइल की प्रतिबद्धता अटूट है. इसके साथ ही अपने देश की रक्षा करने की हमारी पवित्र प्रतिबद्धता भी उतनी ही अटूट है. उन्होंने कहा कि हर देश की तरह, इजराइल को अपनी रक्षा करने का एक अंतर्निहित अधिकार है.
उन्होंने कहा कि इजराइल को इस मौलिक अधिकार से वंचित करने का घृणित प्रयास यहूदी राज्य के खिलाफ खुला भेदभाव है. इसे उचित रूप से खारिज कर दिया गया है. कोर्ट ने फैसले को खारिज करते हुए कहा कि इजराइल पर लगाया गया नरसंहार का आरोप न सिर्फ झूठा है, बल्कि अपमानजनक है और हर जगह के सभ्य लोगों को इसे खारिज करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय नरसंहार स्मरण दिवस की पूर्व संध्या पर, मैं इजराइल के प्रधान मंत्री के रूप में फिर से प्रतिज्ञा करता हूं - फिर कभी नहीं. इजरायल नरसंहारक आतंकी संगठन हमास के खिलाफ अपनी रक्षा करना जारी रखेगा. 7 अक्टूबर को, हमास ने यहूदी लोगों के खिलाफ सबसे भयानक अत्याचार किए और वह इन अत्याचारों को बार-बार दोहराने की कसम खाता है.
उन्होंने दोहराया कि हमारा युद्ध हमास आतंकवादियों के खिलाफ है, फिलिस्तीनी नागरिकों के खिलाफ नहीं. हम मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखेंगे. नागरिकों को नुकसान से दूर रखने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे, भले ही हमास नागरिकों को मानव ढाल के रूप में उपयोग करता रहे.
उन्होंने कहा कि हम अपने देश की रक्षा और अपने लोगों की रक्षा के लिए जो भी आवश्यक है वह करना जारी रखेंगे. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने गाजा पट्टी पर युद्ध को लेकर इजराइल के खिलाफ नरसंहार मामले में दक्षिण अफ्रीका की ओर से अनुरोधित आपातकालीन उपायों पर अपना फैसला सुनाया है. अदालत ने अन्य बातों के अलावा, कहा कि इजराइल को गाजा में नरसंहार के कृत्यों को रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए. हालांकि, अदालत ने युद्धविराम का आदेश नहीं दिया.
इस बीच, इजराइल के विदेश मंत्रालय ने फैसले को खारिज कर दिया. इजराइल के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि जैसा कि अदालत ने माना, 7 अक्टूबर को हमास और अन्य आतंकवादी समूहों ने इजराइल और उसके नागरिकों के खिलाफ अकथनीय अत्याचार किए. हर देश की तरह, इजराइल के पास आतंकवादी हमले के खिलाफ खुद का बचाव करने का एक अंतर्निहित और अपरिहार्य अधिकार है जिसका वह इस्तेमाल कर रहा है.