नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. इस दौरान उन्होंने युद्ध क्षेत्र में मौजूद भारतीय नागरिकों का मुद्दा उठाया. जयशंकर एससीओ शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए मंगलवार को अस्ताना पहुंचे.
Good to meet Russian FM Sergey Lavrov in Astana today.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 3, 2024
Wide ranging conversation on our bilateral partnership and contemporary issues. Noted the progress in many areas since our last meeting in December 2023.
Raised our strong concern on Indian nationals who are currently in… pic.twitter.com/pPlM4HSesr
जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि आज अस्ताना में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मिलकर अच्छा लगा. हमारी द्विपक्षीय साझेदारी और समकालीन मुद्दों पर व्यापक बातचीत हुई. दिसंबर 2023 में हमारी पिछली बैठक के बाद से कई क्षेत्रों में हुई प्रगति पर चर्चा हुई. उन्होंने आगे लिखा कि बैठक के दौरान युद्ध क्षेत्र में मौजूद भारतीय नागरिकों के बारे में अपनी गहरी चिंता जताई. उनकी सुरक्षित और शीघ्र वापसी के लिए दबाव डाला. वैश्विक रणनीतिक परिदृश्य पर भी चर्चा की और आकलन और विचारों का आदान-प्रदान किया.
यूक्रेन युद्ध के बाद से ही भारत रूस से आग्रह कर रहा है कि वह रूसी सेना में कार्यरत भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और स्वदेश वापसी सुनिश्चित करे. रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन युद्ध के बाद लगभग 200 भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में सुरक्षा सहायक के रूप में भर्ती किया गया था. विदेश मंत्रालय ने पहले पुष्टि की थी कि युद्ध क्षेत्र में चार भारतीय नागरिकों की मौत हुई थी, जो रूसी सेना से जुड़े थे. भारत-रूस विदेश मंत्रियों के बीच यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस सप्ताह निर्धारित मॉस्को यात्रा से पहले हुई है. मॉस्को यात्रा पर पीएम मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे.
इससे पहले, मंगलवार को जयशंकर ने कजाखिस्तान के उप प्रधानमंत्री मूरत नूरटलू से मुलाकात की और रणनीतिक साझेदारी के विस्तार और विभिन्न प्रारूपों में मध्य एशिया के साथ भारत की बढ़ती भागीदारी पर चर्चा की. उन्होंने नूरटलू के साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया. नूरटलू कजाकिस्तान के विदेश मंत्री का पद भी संभाल रहे हैं.
8 जुलाई को मॉस्को जाएंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी का 8 जुलाई को मॉस्को जाने का कार्यक्रम है. अपनी यात्रा के दौरान वह मॉस्को और नई दिल्ली के बीच संबंधों को मजबूत करने के साथ रक्षा, तेल, गैस और आपसी हितों के अन्य मुद्दों पर चर्चा करेंगे. पीएम मोदी इससे पहले जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली की यात्रा की थी. प्रधानमंत्री के रूप में तीसरे कार्यकाल में उनकी यह पहली विदेश यात्री थी. पीएम मोदी की रूस यात्रा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच हो रही है और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव भी नजदीक हैं.
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