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पाकिस्तान में हिंदू लड़की का अपहरण, सड़क पर विरोध-प्रदर्शन - Protests in Pakistan - PROTESTS IN PAKISTAN

Protests in Pakistan abduction of Hindu girl: पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदू लड़की के अपहरण को लेकर लोगों में पुलिस-प्रशासन के खिलाफ रोष व्याप्त है. गुस्साए लोगों ने अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन किया.

Protests erupt in Pakistan over abduction of Hindu girl(photo IANS)
हिंदू लड़की के अपहरण को लेकर पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन (फोटो आईएएनएस)
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By ANI

Published : Apr 2, 2024, 6:53 AM IST

डेरा मुराद जमाली: पाकिस्तान के डेरा मुराद जमाली इलाके में हिंदू समुदाय की लड़की के अपहरण को लेकर लोगों में भयंकर आक्रोश दिखा. इसके खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ. बढ़ते आक्रोश के बीच हिंदू समुदाय के सदस्यों और व्यापारियों ने अपहरण की निंदा करने के लिए सड़कों पर उतर आए. उसे ढूंढ़ निकालने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की. हाल ही में एक युवा लड़की प्रिया कुमारी का अपहरण कर लिया गया. डॉन की रिपोर्ट के हवाले से यह खबर दी गई है.

सिंध सरकार की कथित अक्षमता की आलोचना करते हुए, प्रदर्शनकारियों ने लड़की का पता लगाने और उसे बचाने में विफलता पर निराशा व्यक्त की, जिसे कुछ ही दिन पहले सुक्कुर से अपहरण कर लिया गया था. रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां दिखाते हुए सिंध में मासूम बच्चों के नियमित अपहरण की कड़ी निंदा की और धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए बिगड़ती सुरक्षा स्थितियों पर प्रकाश डाला. हिंदू समुदाय के वरिष्ठ व्यक्ति मुखी माणक लाल और सेठ तारा चंद के नेतृत्व में रैली में समाज के विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

उल्लेखनीय उपस्थित लोगों में व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले ताज बलूच, जेआई की युवा शाखा से लियाकत अली चकर, थोक बाजार के अध्यक्ष मीर जान मेंगल, मोलाना नवाबुद्दीन डोमकी, खान जान बंगुलाजी और हरपाल दास शामिल थे. नेताओं ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह से लड़की की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने और अल्पसंख्यक समुदाय को न्याय दिलाने के लिए तत्काल और निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया.

उन्होंने अपनी मांगों को अनसुना करने पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की कड़ी चेतावनी जारी की. ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान (एचआरएफपी) ने भी पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धार्मिक उत्पीड़न की कड़ी निंदा की है और अगली सरकार से सभी समुदायों के लिए समान स्थिति का कानून लाने का आग्रह किया है.

एचआरएफपी ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान विभिन्न हमलों में ईसाई, हिंदू, अहमदिया, सिख और अन्य समुदायों के कई लोग पीड़ित हुए हैं. ह्यूमन राइट फोकस पाकिस्तान (एचआरएफपी) एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) है जिसकी स्थापना 1994 में मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण के लिए काम करने के लिए की गई थी.

धार्मिक अल्पसंख्यकों, महिलाओं और बच्चों पर विशेष ध्यान देते हुए इसे गठित किया गया था. इसके माध्यम से कहा गया है नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों और सरकार को पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना के दृष्टिकोण और विचारों के अनुसार सभी नागरिकों की समान स्थिति के लिए कानून बनाना चाहिए. एचआरएफपी ने कहा, 'हाल के मामले पीड़ा बढ़ाने वाले हैं और बढ़ती संख्या ने अल्पसंख्यकों को और अधिक असुरक्षित बना दिया है.' ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान (एचआरएफपी) के अध्यक्ष नवीद वाल्टर ने कहा कि साल की अब तक की छोटी अवधि में भी कई चिंताजनक घटनाएं सामने आई हैं.

ये भी पढ़ें- पाकिस्तान में आत्मघाती हमला केस : 12 संदिग्ध किए जा चुके हैं गिरफ्तार - Pakistan Blast Case

डेरा मुराद जमाली: पाकिस्तान के डेरा मुराद जमाली इलाके में हिंदू समुदाय की लड़की के अपहरण को लेकर लोगों में भयंकर आक्रोश दिखा. इसके खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ. बढ़ते आक्रोश के बीच हिंदू समुदाय के सदस्यों और व्यापारियों ने अपहरण की निंदा करने के लिए सड़कों पर उतर आए. उसे ढूंढ़ निकालने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की. हाल ही में एक युवा लड़की प्रिया कुमारी का अपहरण कर लिया गया. डॉन की रिपोर्ट के हवाले से यह खबर दी गई है.

सिंध सरकार की कथित अक्षमता की आलोचना करते हुए, प्रदर्शनकारियों ने लड़की का पता लगाने और उसे बचाने में विफलता पर निराशा व्यक्त की, जिसे कुछ ही दिन पहले सुक्कुर से अपहरण कर लिया गया था. रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां दिखाते हुए सिंध में मासूम बच्चों के नियमित अपहरण की कड़ी निंदा की और धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए बिगड़ती सुरक्षा स्थितियों पर प्रकाश डाला. हिंदू समुदाय के वरिष्ठ व्यक्ति मुखी माणक लाल और सेठ तारा चंद के नेतृत्व में रैली में समाज के विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

उल्लेखनीय उपस्थित लोगों में व्यापारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले ताज बलूच, जेआई की युवा शाखा से लियाकत अली चकर, थोक बाजार के अध्यक्ष मीर जान मेंगल, मोलाना नवाबुद्दीन डोमकी, खान जान बंगुलाजी और हरपाल दास शामिल थे. नेताओं ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह से लड़की की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने और अल्पसंख्यक समुदाय को न्याय दिलाने के लिए तत्काल और निर्णायक कार्रवाई करने का आग्रह किया.

उन्होंने अपनी मांगों को अनसुना करने पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की कड़ी चेतावनी जारी की. ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान (एचआरएफपी) ने भी पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के धार्मिक उत्पीड़न की कड़ी निंदा की है और अगली सरकार से सभी समुदायों के लिए समान स्थिति का कानून लाने का आग्रह किया है.

एचआरएफपी ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान विभिन्न हमलों में ईसाई, हिंदू, अहमदिया, सिख और अन्य समुदायों के कई लोग पीड़ित हुए हैं. ह्यूमन राइट फोकस पाकिस्तान (एचआरएफपी) एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) है जिसकी स्थापना 1994 में मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण के लिए काम करने के लिए की गई थी.

धार्मिक अल्पसंख्यकों, महिलाओं और बच्चों पर विशेष ध्यान देते हुए इसे गठित किया गया था. इसके माध्यम से कहा गया है नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों और सरकार को पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना के दृष्टिकोण और विचारों के अनुसार सभी नागरिकों की समान स्थिति के लिए कानून बनाना चाहिए. एचआरएफपी ने कहा, 'हाल के मामले पीड़ा बढ़ाने वाले हैं और बढ़ती संख्या ने अल्पसंख्यकों को और अधिक असुरक्षित बना दिया है.' ह्यूमन राइट्स फोकस पाकिस्तान (एचआरएफपी) के अध्यक्ष नवीद वाल्टर ने कहा कि साल की अब तक की छोटी अवधि में भी कई चिंताजनक घटनाएं सामने आई हैं.

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