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पोलैंड: यूक्रेन यात्रा से पहले पीएम मोदी का शांति का संदेश, कहा- 'ये युद्ध का युग नहीं' - POLAND PM MODI MESSAGE

PM Modi Message Of Peace For Ukraine: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोलैंड से यूक्रेन के लिए शांति का अपना संदेश दोहराते हुए कहा कि भारत 'इस क्षेत्र में स्थायी शांति' का समर्थक है. पीएम मोदी कल यूक्रेन की यात्रा करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी 45 साल बाद पोलैंड की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं.

PM Modi
पोलैंड में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 22, 2024, 7:42 AM IST

वारसॉ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ महीने पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ साझा किए गए विचारों को दोहराते हुए बुधवार को कहा कि भारत यूक्रेन में शांति का समर्थक है. उन्होंने दोहराया कि 'यह युद्ध का युग नहीं है' और किसी भी संघर्ष का समाधान कूटनीति और बातचीत के जरिए किया जाना चाहिए.

प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को वारसॉ पहुंचे और कल (23 अगस्त) यूक्रेन की यात्रा पर जाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी 45 साल बाद पोलैंड की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने 1979 में वारसॉ का दौरा किया था. कीव की उनकी यात्रा 1991 में देश के स्वतंत्र होने के बाद से यूक्रेन में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है.

पोलैंड की राजधानी में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दशकों से भारत की नीति सभी देशों से दूरी बनाए रखने की रही है लेकिन आज के भारत की नीति सभी देशों के करीब रहने की है. पीएम मोदी ने उपस्थित लोगों से कहा, 'भारत भगवान बुद्ध की विरासत की भूमि है. इसलिए भारत इस क्षेत्र में स्थायी शांति का समर्थक है. भारत की अवधारणा स्पष्ट है - यह युद्ध का युग नहीं है. भारत संघर्ष को सुलझाने के लिए बातचीत और कूटनीति में विश्वास करता है.'

राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन की यात्रा पर आए पीएम मोदी ने कहा है कि वे संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर अपने विचार यूक्रेनी नेता के साथ साझा करेंगे. उनकी कीव यात्रा मॉस्को की उनकी हाई-प्रोफाइल यात्रा के लगभग छह सप्ताह बाद हो रही है, जिसकी अमेरिका और उसके कुछ पश्चिमी सहयोगियों ने आलोचना की थी.

पीएम मोदी ने कहा, 'आज का भारत सभी से जुड़ना चाहता है. आज का भारत सभी के विकास की बात करता है. आज का भारत सभी के साथ है और सभी के हितों के बारे में सोचता है.' उन्होंने कहा कि अगर किसी देश पर संकट आता है, तो भारत सबसे पहले मदद के लिए हाथ बढ़ाता है. उन्होंने कहा, 'जब कोविड आया, तो भारत ने कहा- मानवता पहले. हमने दुनिया के 150 से अधिक देशों को दवाइयां और टीके भेजे. कहीं भी भूकंप आए या कोई आपदा आए, भारत का एक ही मंत्र है- मानवता पहले.'

पीएम मोदी ने कहा कि भारत का पूरा ध्यान गुणवत्तापूर्ण विनिर्माण और गुणवत्तापूर्ण जनशक्ति पर है, जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा, 'बजट 2024 में हमने युवाओं के कौशल और रोजगार सृजन को सुनिश्चित करने पर बहुत ध्यान केंद्रित किया है, और हम भारत को शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार का केंद्र बनाना चाहते हैं.' पीएम मोदी ने याद दिलाया कि जब दो दशक पहले गुजरात में भूकंप आया था, तो पोलैंड सबसे पहले सहायता करने वाले देशों में से एक था.

उन्होंने कहा, 'पोलैंड के लोगों ने जाम साहब और उनके परिवार के सदस्यों को बहुत प्यार और सम्मान दिया है, और गुड महाराजा स्क्वायर इसका प्रमाण है. आज, मैंने डोबरी महाराजा स्मारक और कोल्हापुर स्मारक का दौरा किया है. इस अवसर पर मैं घोषणा करना चाहता हूं कि भारत ने जाम साहब स्मारक युवा कार्य कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है.'

इस कार्यक्रम के तहत भारत हर साल पोलैंड के 20 युवाओं को भारत आने का निमंत्रण देगा. पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने मोंटे कैसिनो स्मारक पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की, जो हजारों भारतीय सैनिकों के बलिदान की याद दिलाता है. उन्होंने कहा, 'यह इस बात का सबूत है कि भारतीयों ने दुनिया के हर कोने में अपना कर्तव्य कैसे निभाया है.'

ये भी पढ़ें- पोलैंड में पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत, बोले- प्रवासी भारतीयों की ऊर्जा दोनों देशों के मजबूत संबंधों का प्रतीक

वारसॉ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कुछ महीने पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ साझा किए गए विचारों को दोहराते हुए बुधवार को कहा कि भारत यूक्रेन में शांति का समर्थक है. उन्होंने दोहराया कि 'यह युद्ध का युग नहीं है' और किसी भी संघर्ष का समाधान कूटनीति और बातचीत के जरिए किया जाना चाहिए.

प्रधानमंत्री मोदी बुधवार को वारसॉ पहुंचे और कल (23 अगस्त) यूक्रेन की यात्रा पर जाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी 45 साल बाद पोलैंड की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने 1979 में वारसॉ का दौरा किया था. कीव की उनकी यात्रा 1991 में देश के स्वतंत्र होने के बाद से यूक्रेन में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है.

पोलैंड की राजधानी में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दशकों से भारत की नीति सभी देशों से दूरी बनाए रखने की रही है लेकिन आज के भारत की नीति सभी देशों के करीब रहने की है. पीएम मोदी ने उपस्थित लोगों से कहा, 'भारत भगवान बुद्ध की विरासत की भूमि है. इसलिए भारत इस क्षेत्र में स्थायी शांति का समर्थक है. भारत की अवधारणा स्पष्ट है - यह युद्ध का युग नहीं है. भारत संघर्ष को सुलझाने के लिए बातचीत और कूटनीति में विश्वास करता है.'

राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन की यात्रा पर आए पीएम मोदी ने कहा है कि वे संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर अपने विचार यूक्रेनी नेता के साथ साझा करेंगे. उनकी कीव यात्रा मॉस्को की उनकी हाई-प्रोफाइल यात्रा के लगभग छह सप्ताह बाद हो रही है, जिसकी अमेरिका और उसके कुछ पश्चिमी सहयोगियों ने आलोचना की थी.

पीएम मोदी ने कहा, 'आज का भारत सभी से जुड़ना चाहता है. आज का भारत सभी के विकास की बात करता है. आज का भारत सभी के साथ है और सभी के हितों के बारे में सोचता है.' उन्होंने कहा कि अगर किसी देश पर संकट आता है, तो भारत सबसे पहले मदद के लिए हाथ बढ़ाता है. उन्होंने कहा, 'जब कोविड आया, तो भारत ने कहा- मानवता पहले. हमने दुनिया के 150 से अधिक देशों को दवाइयां और टीके भेजे. कहीं भी भूकंप आए या कोई आपदा आए, भारत का एक ही मंत्र है- मानवता पहले.'

पीएम मोदी ने कहा कि भारत का पूरा ध्यान गुणवत्तापूर्ण विनिर्माण और गुणवत्तापूर्ण जनशक्ति पर है, जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने कहा, 'बजट 2024 में हमने युवाओं के कौशल और रोजगार सृजन को सुनिश्चित करने पर बहुत ध्यान केंद्रित किया है, और हम भारत को शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार का केंद्र बनाना चाहते हैं.' पीएम मोदी ने याद दिलाया कि जब दो दशक पहले गुजरात में भूकंप आया था, तो पोलैंड सबसे पहले सहायता करने वाले देशों में से एक था.

उन्होंने कहा, 'पोलैंड के लोगों ने जाम साहब और उनके परिवार के सदस्यों को बहुत प्यार और सम्मान दिया है, और गुड महाराजा स्क्वायर इसका प्रमाण है. आज, मैंने डोबरी महाराजा स्मारक और कोल्हापुर स्मारक का दौरा किया है. इस अवसर पर मैं घोषणा करना चाहता हूं कि भारत ने जाम साहब स्मारक युवा कार्य कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है.'

इस कार्यक्रम के तहत भारत हर साल पोलैंड के 20 युवाओं को भारत आने का निमंत्रण देगा. पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने मोंटे कैसिनो स्मारक पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की, जो हजारों भारतीय सैनिकों के बलिदान की याद दिलाता है. उन्होंने कहा, 'यह इस बात का सबूत है कि भारतीयों ने दुनिया के हर कोने में अपना कर्तव्य कैसे निभाया है.'

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