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BRICS Summit: कजान में पीएम मोदी ने शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की

PM Modi Jinping Bilateral Meeting : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पांच साल में पहली बार द्विपक्षीय वार्ता की.

PM Modi Xi Jinping Bilateral Meeting At BRICS Summit in Kazan updates
पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक (X / @narendramodi)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

Updated : 5 minutes ago

कजान: रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बुधवार को द्विपक्षीय वार्ता हुई. 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली द्विपक्षीय बैठक है.

पिछले साल अगस्त में दोनों नेताओं ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में संक्षिप्त और अनौपचारिक बातचीत की थी. इससे पहले 15 नवंबर, 2022 को इंडोनेशियाई राष्ट्रपति द्वारा जी-20 नेताओं के लिए आयोजित डिनर में भी पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने संक्षिप्त बातचीत की थी और एक-दूसरे का अभिवादन किया था

इससे पहले, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मंगलवार को घोषणा की थी कि पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग कजान शहर में द्विपक्षीय बैठक करेंगे.

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पेट्रोलिंग को लेकर दोनों देशों के बीच आम सहमति बनने के बाद द्विपक्षीय वार्ता भारत-चीन संबंधों में सुधार का संकेत देती है.

जून 2020 में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी, जिससे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ा गतिरोध पैदा हो गया था. हिंसक झड़प में दोनों पक्षों के सैनिक हताहत हुए थे और दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई थी.

दोनों पक्षों के बीच पिछले कुछ वर्षों में सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर कई वार्ता हुई है, जिसके बाद दोनों पक्षों के सैनिक एलएसी पर कई टकराव बिंदुओं से पीछे हट गए थे. तनाव कम करने के लिए दोनों देशों ने इसी सप्ताह वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त करने का समझौता किया.

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का बयान
वहीं, ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा, 'हम युद्ध नहीं, बल्कि संवाद और कूटनीति का समर्थन करते हैं.' उन्होंने आतंकवाद और इसके वित्तपोषण से निपटने के लिए सदस्य देशों के बीच मजबूत सहयोग का आह्वान किया. पीएम मोदी ने कहा, "आतंकवाद और टेरर फंडिंग से निपटने के लिए हम सभी को दृढ़ता और सर्वसम्मति से सहयोग करना होगा."

मोदी ने कहा कि महंगाई से निपटना और खाद्य, ऊर्जा, स्वास्थ्य तथा जल क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करना सभी देशों के लिए प्राथमिकता वाले मुद्दे हैं. उन्होंने दुनिया को यह स्पष्ट संदेश देने की आवश्यकता पर भी बल दिया कि "ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं बल्कि सभी की भलाई चाहने वाला समूह है."

साइबर सुरक्षा पर नियमों के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमें साइबर सुरक्षा और सुरक्षित एआई के लिए वैश्विक नियमों के लिए काम करना चाहिए."

चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग का बयान
चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में न्याय के लिए ब्रिक्स के निर्माण और वैश्विक शासन प्रणाली के सुधार का नेतृत्व करने की वकालत की. उन्होंने कहा कि चीन हरित उद्योग, स्वच्छ ऊर्जा और हरित खनिजों में ब्रिक्स देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार है. चीनी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स के सदस्य देशों से नवाचार के लिए ब्रिक्स का निर्माण करने और उच्च गुणवत्ता वाले विकास के लिए अग्रणी के रूप में कार्य करने का आह्वान किया.

यह भी पढ़ें- क्या भारत से पैसा निकालकर चीन जा रहे विदेशी निवेशक? अक्टूबर में अब तक की सबसे बड़ी बिकवाली

कजान: रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बुधवार को द्विपक्षीय वार्ता हुई. 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली द्विपक्षीय बैठक है.

पिछले साल अगस्त में दोनों नेताओं ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में संक्षिप्त और अनौपचारिक बातचीत की थी. इससे पहले 15 नवंबर, 2022 को इंडोनेशियाई राष्ट्रपति द्वारा जी-20 नेताओं के लिए आयोजित डिनर में भी पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने संक्षिप्त बातचीत की थी और एक-दूसरे का अभिवादन किया था

इससे पहले, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मंगलवार को घोषणा की थी कि पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग कजान शहर में द्विपक्षीय बैठक करेंगे.

वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर पेट्रोलिंग को लेकर दोनों देशों के बीच आम सहमति बनने के बाद द्विपक्षीय वार्ता भारत-चीन संबंधों में सुधार का संकेत देती है.

जून 2020 में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी, जिससे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बड़ा गतिरोध पैदा हो गया था. हिंसक झड़प में दोनों पक्षों के सैनिक हताहत हुए थे और दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आ गई थी.

दोनों पक्षों के बीच पिछले कुछ वर्षों में सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर कई वार्ता हुई है, जिसके बाद दोनों पक्षों के सैनिक एलएसी पर कई टकराव बिंदुओं से पीछे हट गए थे. तनाव कम करने के लिए दोनों देशों ने इसी सप्ताह वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त करने का समझौता किया.

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का बयान
वहीं, ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा, 'हम युद्ध नहीं, बल्कि संवाद और कूटनीति का समर्थन करते हैं.' उन्होंने आतंकवाद और इसके वित्तपोषण से निपटने के लिए सदस्य देशों के बीच मजबूत सहयोग का आह्वान किया. पीएम मोदी ने कहा, "आतंकवाद और टेरर फंडिंग से निपटने के लिए हम सभी को दृढ़ता और सर्वसम्मति से सहयोग करना होगा."

मोदी ने कहा कि महंगाई से निपटना और खाद्य, ऊर्जा, स्वास्थ्य तथा जल क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करना सभी देशों के लिए प्राथमिकता वाले मुद्दे हैं. उन्होंने दुनिया को यह स्पष्ट संदेश देने की आवश्यकता पर भी बल दिया कि "ब्रिक्स विभाजनकारी नहीं बल्कि सभी की भलाई चाहने वाला समूह है."

साइबर सुरक्षा पर नियमों के महत्व पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "हमें साइबर सुरक्षा और सुरक्षित एआई के लिए वैश्विक नियमों के लिए काम करना चाहिए."

चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग का बयान
चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में न्याय के लिए ब्रिक्स के निर्माण और वैश्विक शासन प्रणाली के सुधार का नेतृत्व करने की वकालत की. उन्होंने कहा कि चीन हरित उद्योग, स्वच्छ ऊर्जा और हरित खनिजों में ब्रिक्स देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए तैयार है. चीनी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स के सदस्य देशों से नवाचार के लिए ब्रिक्स का निर्माण करने और उच्च गुणवत्ता वाले विकास के लिए अग्रणी के रूप में कार्य करने का आह्वान किया.

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