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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री को लोकसभा चुनाव के बाद भारत के साथ संबंधों में सुधार की उम्मीद - Pakistan India relation

Pakistan's Minister hopes improve India Pakistan relation: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के सुर अचानक बदले हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 के बाद भारत के साथ संबंधों में बेहतरी की उम्मीद जताई है.

Pakistan Defense Minister Khawaja Asif commented on India relations (Photo IANS)
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भारत संबंध पर टिप्पणी की(फोटो आईएएनएस)
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By ANI

Published : Apr 2, 2024, 10:58 AM IST

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत में आम चुनाओं के संपन्न होने के बाद द्विपक्षीय संबंधों में बेहतरी की उम्मीद जताई है. भारत पाकिस्तान पर अपनी सीमाओं के पार आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप लगाता रहा है. जियो न्यूज की रिपोर्ट के हवाले ये यह खबर दी गई है.

पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को प्रायोजित करने, भारत द्वारा घोषित आतंकवादियों को पनाह देने और जम्मू- कश्मीर के कुछ हिस्सों पर उसके अवैध कब्जे के कारण पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान और भारत के बीच संबंध खराब हो रहे हैं. हाल ही में भारत ने यूएनजीए में पाकिस्तान के दूत द्वारा पेश किए गए 'इस्लामोफोबिया से निपटने के उपाय' पर एक प्रस्ताव को अपनाने से परहेज किया.

रक्षा मंत्री ने इस्लामाबाद में संसद भवन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और भारत के संबंधों की अपनी 'अपनी पृष्ठभूमि' है. भारत के साथ हमारे संबंध वहां चुनाव के बाद बेहतर हो सकते हैं.' चीन, भारत, अफगानिस्तान और ईरान की सीमा से लगे इस देश में चीन को छोड़कर अन्य पड़ोसियों के साथ तनाव देखा गया.

ईरान में पाकिस्तान के सीमा पार हमलों और अफगानिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बाद आसिफ को भारत में चुनाव संपन्न होने के बाद पड़ोसी देश के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के मामले में बदलाव की उम्मीद है. मंत्री ने अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान के संबंधों पर भी बात की और कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से तालिबान शासित देश का दौरा किया और सरकार से आतंकवाद को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा.

रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अफगानिस्तान का दौरा कर वहां की तालिबान सरकार से आतंकवाद को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने का अनुरोध किया. हालांकि, काबुल द्वारा प्रस्तावित समाधान व्यावहारिक रूप से संभव नहीं था. आसिफ ने कहा, 'पाकिस्तान के प्रति अफगान अंतरिम सरकार के रवैये में उतार-चढ़ाव के कारण पड़ोसी के लिए हमारे विकल्प अब दिन-ब-दिन कम होते जा रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमेशा अफगानिस्तान के साथ खड़ा रहा है, उनके लिए बलिदान दिया है और यहां तक कि उसके साथ युद्ध भी लड़ा है. उन्होंने दुनिया भर की अन्य सीमाओं की तरह पाक-अफगान सीमा के साथ व्यवहार पर जोर दिया, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत वीजा धारकों के लिए सीमा पार आवाजाही को प्रतिबंधित करता है.

उनका मानना था कि अफगानिस्तान से बिना वीजा के लोगों की आवाजाही आतंकवादियों को पाकिस्तान में आने का मौका प्रदान करता है. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने संघीय सरकार की ओर से आने वाले दिनों में आतंकवाद के पूर्ण उन्मूलन के लिए ठोस कदम उठाने का भी संकेत दिया. खैबर पख्तूनख्वा (केपी) में चीनी नागरिकों पर हमले की चल रही जांच के बारे में विस्तार से बताते हुए आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान और चीन की संयुक्त जांच टीमों को कुछ सुराग मिले हैं, और वे जल्द ही आतंकवादी हमले के संबंध में सभी तथ्य खोज लेंगे.

ये भई पढ़ें- पाकिस्तान में हिंदू लड़की का अपहरण, सड़क पर विरोध-प्रदर्शन - Protests In Pakistan

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत में आम चुनाओं के संपन्न होने के बाद द्विपक्षीय संबंधों में बेहतरी की उम्मीद जताई है. भारत पाकिस्तान पर अपनी सीमाओं के पार आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप लगाता रहा है. जियो न्यूज की रिपोर्ट के हवाले ये यह खबर दी गई है.

पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को प्रायोजित करने, भारत द्वारा घोषित आतंकवादियों को पनाह देने और जम्मू- कश्मीर के कुछ हिस्सों पर उसके अवैध कब्जे के कारण पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान और भारत के बीच संबंध खराब हो रहे हैं. हाल ही में भारत ने यूएनजीए में पाकिस्तान के दूत द्वारा पेश किए गए 'इस्लामोफोबिया से निपटने के उपाय' पर एक प्रस्ताव को अपनाने से परहेज किया.

रक्षा मंत्री ने इस्लामाबाद में संसद भवन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और भारत के संबंधों की अपनी 'अपनी पृष्ठभूमि' है. भारत के साथ हमारे संबंध वहां चुनाव के बाद बेहतर हो सकते हैं.' चीन, भारत, अफगानिस्तान और ईरान की सीमा से लगे इस देश में चीन को छोड़कर अन्य पड़ोसियों के साथ तनाव देखा गया.

ईरान में पाकिस्तान के सीमा पार हमलों और अफगानिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बाद आसिफ को भारत में चुनाव संपन्न होने के बाद पड़ोसी देश के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के मामले में बदलाव की उम्मीद है. मंत्री ने अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान के संबंधों पर भी बात की और कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से तालिबान शासित देश का दौरा किया और सरकार से आतंकवाद को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा.

रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ अफगानिस्तान का दौरा कर वहां की तालिबान सरकार से आतंकवाद को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने का अनुरोध किया. हालांकि, काबुल द्वारा प्रस्तावित समाधान व्यावहारिक रूप से संभव नहीं था. आसिफ ने कहा, 'पाकिस्तान के प्रति अफगान अंतरिम सरकार के रवैये में उतार-चढ़ाव के कारण पड़ोसी के लिए हमारे विकल्प अब दिन-ब-दिन कम होते जा रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमेशा अफगानिस्तान के साथ खड़ा रहा है, उनके लिए बलिदान दिया है और यहां तक कि उसके साथ युद्ध भी लड़ा है. उन्होंने दुनिया भर की अन्य सीमाओं की तरह पाक-अफगान सीमा के साथ व्यवहार पर जोर दिया, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत वीजा धारकों के लिए सीमा पार आवाजाही को प्रतिबंधित करता है.

उनका मानना था कि अफगानिस्तान से बिना वीजा के लोगों की आवाजाही आतंकवादियों को पाकिस्तान में आने का मौका प्रदान करता है. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने संघीय सरकार की ओर से आने वाले दिनों में आतंकवाद के पूर्ण उन्मूलन के लिए ठोस कदम उठाने का भी संकेत दिया. खैबर पख्तूनख्वा (केपी) में चीनी नागरिकों पर हमले की चल रही जांच के बारे में विस्तार से बताते हुए आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान और चीन की संयुक्त जांच टीमों को कुछ सुराग मिले हैं, और वे जल्द ही आतंकवादी हमले के संबंध में सभी तथ्य खोज लेंगे.

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