ढाका: नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली. 84 वर्षीय यूनुस को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने राष्ट्रपति महल 'बंगभवन' में एक समारोह में पद की शपथ दिलाई. वहीं पीएम मोदी ने मोहम्मद यूनुस को एक्स पर बधाई दी.
My best wishes to Professor Muhammad Yunus on the assumption of his new responsibilities. We hope for an early return to normalcy, ensuring the safety and protection of Hindus and all other minority communities. India remains committed to working with Bangladesh to fulfill the…
— Narendra Modi (@narendramodi) August 8, 2024
पीएम मोदी ने मोहम्मद यूनुस को बधाई दी
अंतरिम सरकार के गठन के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर यूनुस को बधाई देते हुए कहा, "प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस को उनकी नई जिम्मेदारी संभालने पर मेरी शुभकामनाएं. हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही सामान्य स्थिति बहाल हो जाएगी, जिससे हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. भारत शांति, सुरक्षा और विकास के लिए दोनों देशों के लोगों की साझा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बांग्लादेश के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है."
शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में राजनीतिक संकट
अर्थशास्त्री से नेता बने यूनुस को प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद मंगलवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था. नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन के बाद शेख हसीना भारत आईं. यूनुस ने माइक्रोलेंडिंग पर अपने अग्रणी काम के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार जीता है.
राष्ट्रपति शहाबुद्दीन ने शपथ दिलाई
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यूनुस को राष्ट्रपति शहाबुद्दीन द्वारा 13 अन्य सदस्यों के साथ अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ दिलाई गई. ढाका में बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन समूह के नेता नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद ने पद की शपथ ली. बता दें कि, नोबल पुरस्कार विजेता यूनुस को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन की ओर संसद भंग किए जाने के बाद अंतरिम सरकार का प्रमुख नियुक्त किया गया था.
बांग्लादेश में प्रदर्शन के बाद से अब तक 560 लोगों की मौत
एजेंसी की खबरों के मुताबिक, बांग्लादेश में सोमवार को हसीना सरकार के पतन के बाद देश भर में भड़की हिंसा की घटनाओं में कम से कम 232 लोग मारे गए. जुलाई के मध्य में पहली बार कोटा विरोधी प्रदर्शन शुरू होने के बाद से मरने वालों की संख्या 560 हो गई है.
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