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हाथी, जेबरा और हिप्पो पर संकट! शुरू हुआ जानवरों का कत्ले आम, लोगों में बांटा जा रहा मांस - Wild Animal Killing

Namibia To kill Wild Animals: नामीबिया सरकार ने सरकार ने कुल 723 जंगली जानवरों का शिकार करने की योजना बनाई है. सरकार ने जिन जानवरों को मारने का आदेश ने दिया है, उनमें भैंस, ब्लू वाइल्डबीस्ट, जेब्रा और हाथी जैसे जानवर शामिल हैं.

नामीबिया में मारे जाएंगे जंगली जानवर
नामीबिया में मारे जाएंगे जंगली जानवर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 3, 2024, 12:57 PM IST

विंडहॉक: सवा आठ लाख वर्ग किलोमीटर में फैला नामीबिया इन दिने सूखे और भुखमरी से जूझ रहा है. आलम ये है कि लोग अब जंगली जानवरों को मारकर अपनी भूख मिटाने की कोशिश कर रहे हैं. हाल ही में नामीबिया की सरकार ने जंगली जानवरों को मारने का आदेश दिया है. सरकार ने कुल 723 जंगली जानवरों का शिकार करने और उनका मांस गरीबों में बांटने को कहा है.

अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक नामीबिया सरकार ने जिन जानवरों को मारने का आदेश ने दिया है, उनमें हिप्पो (दरियाई घोड़े), भैंस, ब्लू वाइल्डबीस्ट, जेब्रा, हाथी और एलैंड्स (हिरण की एक प्रजाति) शामिल है. जानकारी के मुताबिक अब तक इनमें से 150 से ज्यादा जानवरों को मारा जा चुका है और मांस सूखा प्रभावित इलाकों में बांटा गया है.

हाथी
हाथी (ANI)

इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने शुक्रवार को एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में देश की स्थिति को मानवीय संकट बताया. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि सूखे के परिणामस्वरूप देश के लगभग 84 प्रतिशत खाद्य भंडार समाप्त हो गए हैं और 2.5 मिलियन आबादी वाले देश में लगभग आधे लोगों को सितंबर तक के सूखे के मौसम के दौरान उच्च स्तर की खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ सकता है.

देश के पर्यावरण मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया, "यह अभ्यास आवश्यक है और हमारे संवैधानिक जनादेश के अनुरूप है, जहां हमारे प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग नामीबियाई नागरिकों के लाभ के लिए किया जाता है."

हिप्पो
हिप्पो (ANI)

क्यों पड़ रहा है सूखा और क्या हैं इसके प्रभाव?
बता दें कि दक्षिणी अफ्रीका में अक्टूबर 2023 से भयंकर सूखा पड़ रहा है. क्षेत्र में बढ़ते तापमान के कारण कम वर्षा हुई है. वैज्ञानिकों के अनुसार फरवरी में जब बारिश का मौसम सामान्य रूप से चरम पर होता है, इस क्षेत्र में आवश्यक वर्षा का 20 प्रतिशत से भी कम वर्षा हुई.

हालांकि, यह क्षेत्र सूखा-ग्रस्त है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि एल नीनो मौसमी घटना जो आमतौर पर वैश्विक तापमान को बढ़ाती है, मानव-जनित जलवायु परिवर्तन के साथ मिलकर वर्तमान में सामान्य से भी बदतर सूखे की स्थिति को जन्म दे रही है. नामीबिया, जिम्बाब्वे, मलावी और जाम्बिया ने सूखे की आपात स्थिति घोषित कर दी है.

जेबरा
जेबरा (ANI)

अपने पड़ोसियों की तरह, नामीबिया भी कृषि और पशुधन पर निर्भर है, जिसके लिए बारिश की जरूरत होती है. हालांकि, हाल के वर्षों में यहां कई सूखे पड़े हैं, जिससे खाद्य उत्पादन प्रभावित हुआ है. अधिकारियों ने 2013 से 2019 के बीच तीन बार सूखे की आपात स्थिति घोषित की थी. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि मौजूदा सूखा पांच साल से कम उम्र के बच्चों में गंभीर कुपोषण के मामलों में योगदान दे रहा है - और कुछ मामलों में, मृत्यु भी.

महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा का खतरा
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि सूखे के कारण महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा का खतरा भी बढ़ गया है. आमतौर पर अपने परिवार के लिए पानी लाने वाली महिलाओं और लड़कियों को लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है, जिससे उन पर हमले का खतरा बढ़ गया है.

हैजा जैसी बीमारियों का खतरा
अधिकारियों का कहना है कि हैजा जैसी बीमारियां भी फैल रही हैं. इसके अलावा, नामीबिया के पर्यावरण मंत्रालय का कहना है कि सामान्य से ज़्यादा शुष्क परिस्थितियां मानव-वन्यजीव संघर्ष को बढ़ा रही हैं, क्योंकि मनुष्य और जानवर जल और भूमि संसाधनों के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. अपने पड़ोसियों की तरह नामीबिया में भी वन्यजीवों की संख्या काफी ज़्यादा है, जिसमें 24,000 हाथी शामिल हैं, जो दुनिया की सबसे बड़ी आबादी में से एक है.

कहां और कौन से जानवर मारे जाएंगे?
अधिकारियों के अनुसार कुल 723 जानवरों को मारने के लिए पेशेवर शिकारियों और सफारी संचालकों को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है. जिन जानवरों को मारा जाएगा, उनमें 30 दरियाई घोड़े, 60 भैंसे, 50 इम्पाला, 100 नीले जंगली जानवर, 300 जोबरा, 83 हाथी और 100 एलैंड शामिल हैं.

सरकारी बयान के अनुसार सरकारी राहत कार्यक्रम के लिए पहले ही 157 जंगली जानवरों का 56,875 किलोग्राम मांस मंगाया जा चुका है. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि अब तक कब और किन जानवरों को मारा गया है?

यह हत्याएं पार्कों और सामुदायिक क्षेत्रों में की जा रही हैं. अधिकारियों का मानना यहां हत्या से जानवरों की आबादी पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. हाथियों को खास तौर पर उन इलाकों में निशाना बनाया जा रहा है, जहां मानव-वन्यजीव संघर्ष की आशंका है. जिन पार्कों में हाथियों को मारा जा रहा है. उनमें नामीब-नौक्लुफ़्ट पार्क, मंगेती नेशनल पार्क, ब्वाबवाटा नेशनल पार्क, मुदुमु नेशनल पार्क और नकासा रूपारा नेशनल पार्क शामिल हैं.

नामीबिया ने अतीत में वन्यजीवों के साथ किन मुद्दों का सामना किया है?
2023 में नामीबिया के अधिकारियों ने देश में मानव-वन्यजीव संघर्ष के बढ़ते मामलों के कारण हाथियों की संख्या को कम करने का संकल्प लिया था. अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि वध कार्यक्रम (Culling Program) भोजन उपलब्ध कराने के अलावा इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा.

हाथियों की बढ़ती आबादी से परेशान हुए देश
दक्षिणी अफ्रीका के देशों का कहना है कि वे हाथियों की बढ़ती संख्या से जूझ रहे हैं. बोत्सवाना, नामीबिया, अंगोला, जाम्बिया और जिम्बाब्वे में अफ्रीकी बुश हाथियों की आधी से ज्यादा आबादी रहती है. इस देशों की सरकारों का कहना है कि 1990 के दशक से इनकी संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है और अब उन्हें इससे कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं, हाथी सफारी में एक लोकप्रिय आकर्षण हैं, उनके करीब रहने वाले समुदायों का कहना है कि वे हाथी के गुस्से का खामियाजा भुगत रहे हैं. मानवीय अतिक्रमण के परिणामस्वरूप जानवरों के आवास की जगह कम होती जा रही है, साथ ही पानी और भोजन के संसाधन भी कम होते जा रहे हैं, जिससे अधिक लोगों को जानवरों के संपर्क में आने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

नामीबिया के अधिकारियों ने कहा कि मौजूदा संकट के बीच हस्तक्षेप के बिना, हाथियों और मनुष्यों के बीच संघर्ष और भी बदतर होने की उम्मीद है. सबसे ज्यादा हाथियों वाले पांच देश 'ट्रॉफी शिकार' की अनुमति देते हैं, ताकि उनकी संख्या को संतुलित किया जा सके और आय अर्जित की जा सके.वहीं, कुछ देशों ने अपने हाथियों को निजी संस्थाओं को बेचने की भी कोशिश की है.

170 हाथियों की नीलामी
2021 में एक विवादास्पद नीलामी में नामीबिया ने 170 हाथियों को बेचने की कोशिश की, लेकिन केवल एक तिहाई ही खरीदे गए. पिछले साल बोत्सवाना के राष्ट्रपति मोकग्वेत्सी मासीसी ने 20,000 हाथियों को जर्मनी भेजने की धमकी दी थी, जब वहां के अधिकारियों ने अवैध शिकार की चिंताओं के कारण अपनी सीमाओं को पार करने से ट्रॉफी शिकार को प्रतिबंधित करने की नीतियों पर विचार किया था. बता दें कि बोत्सवाना में लगभग 130,000 बुश हाथी हैं, जो दुनिया की सबसे बड़ी आबादी है.

यह भी पढ़ें- रूस की 14 फीट लंबी 'जासूस' व्हेल ह्वाल्डिमिर नॉर्वे में मृत मिली, मौत को लेकर सवाल

विंडहॉक: सवा आठ लाख वर्ग किलोमीटर में फैला नामीबिया इन दिने सूखे और भुखमरी से जूझ रहा है. आलम ये है कि लोग अब जंगली जानवरों को मारकर अपनी भूख मिटाने की कोशिश कर रहे हैं. हाल ही में नामीबिया की सरकार ने जंगली जानवरों को मारने का आदेश दिया है. सरकार ने कुल 723 जंगली जानवरों का शिकार करने और उनका मांस गरीबों में बांटने को कहा है.

अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक नामीबिया सरकार ने जिन जानवरों को मारने का आदेश ने दिया है, उनमें हिप्पो (दरियाई घोड़े), भैंस, ब्लू वाइल्डबीस्ट, जेब्रा, हाथी और एलैंड्स (हिरण की एक प्रजाति) शामिल है. जानकारी के मुताबिक अब तक इनमें से 150 से ज्यादा जानवरों को मारा जा चुका है और मांस सूखा प्रभावित इलाकों में बांटा गया है.

हाथी
हाथी (ANI)

इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने शुक्रवार को एक मीडिया कॉन्फ्रेंस में देश की स्थिति को मानवीय संकट बताया. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि सूखे के परिणामस्वरूप देश के लगभग 84 प्रतिशत खाद्य भंडार समाप्त हो गए हैं और 2.5 मिलियन आबादी वाले देश में लगभग आधे लोगों को सितंबर तक के सूखे के मौसम के दौरान उच्च स्तर की खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ सकता है.

देश के पर्यावरण मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया, "यह अभ्यास आवश्यक है और हमारे संवैधानिक जनादेश के अनुरूप है, जहां हमारे प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग नामीबियाई नागरिकों के लाभ के लिए किया जाता है."

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हिप्पो (ANI)

क्यों पड़ रहा है सूखा और क्या हैं इसके प्रभाव?
बता दें कि दक्षिणी अफ्रीका में अक्टूबर 2023 से भयंकर सूखा पड़ रहा है. क्षेत्र में बढ़ते तापमान के कारण कम वर्षा हुई है. वैज्ञानिकों के अनुसार फरवरी में जब बारिश का मौसम सामान्य रूप से चरम पर होता है, इस क्षेत्र में आवश्यक वर्षा का 20 प्रतिशत से भी कम वर्षा हुई.

हालांकि, यह क्षेत्र सूखा-ग्रस्त है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि एल नीनो मौसमी घटना जो आमतौर पर वैश्विक तापमान को बढ़ाती है, मानव-जनित जलवायु परिवर्तन के साथ मिलकर वर्तमान में सामान्य से भी बदतर सूखे की स्थिति को जन्म दे रही है. नामीबिया, जिम्बाब्वे, मलावी और जाम्बिया ने सूखे की आपात स्थिति घोषित कर दी है.

जेबरा
जेबरा (ANI)

अपने पड़ोसियों की तरह, नामीबिया भी कृषि और पशुधन पर निर्भर है, जिसके लिए बारिश की जरूरत होती है. हालांकि, हाल के वर्षों में यहां कई सूखे पड़े हैं, जिससे खाद्य उत्पादन प्रभावित हुआ है. अधिकारियों ने 2013 से 2019 के बीच तीन बार सूखे की आपात स्थिति घोषित की थी. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि मौजूदा सूखा पांच साल से कम उम्र के बच्चों में गंभीर कुपोषण के मामलों में योगदान दे रहा है - और कुछ मामलों में, मृत्यु भी.

महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा का खतरा
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि सूखे के कारण महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा का खतरा भी बढ़ गया है. आमतौर पर अपने परिवार के लिए पानी लाने वाली महिलाओं और लड़कियों को लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है, जिससे उन पर हमले का खतरा बढ़ गया है.

हैजा जैसी बीमारियों का खतरा
अधिकारियों का कहना है कि हैजा जैसी बीमारियां भी फैल रही हैं. इसके अलावा, नामीबिया के पर्यावरण मंत्रालय का कहना है कि सामान्य से ज़्यादा शुष्क परिस्थितियां मानव-वन्यजीव संघर्ष को बढ़ा रही हैं, क्योंकि मनुष्य और जानवर जल और भूमि संसाधनों के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. अपने पड़ोसियों की तरह नामीबिया में भी वन्यजीवों की संख्या काफी ज़्यादा है, जिसमें 24,000 हाथी शामिल हैं, जो दुनिया की सबसे बड़ी आबादी में से एक है.

कहां और कौन से जानवर मारे जाएंगे?
अधिकारियों के अनुसार कुल 723 जानवरों को मारने के लिए पेशेवर शिकारियों और सफारी संचालकों को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है. जिन जानवरों को मारा जाएगा, उनमें 30 दरियाई घोड़े, 60 भैंसे, 50 इम्पाला, 100 नीले जंगली जानवर, 300 जोबरा, 83 हाथी और 100 एलैंड शामिल हैं.

सरकारी बयान के अनुसार सरकारी राहत कार्यक्रम के लिए पहले ही 157 जंगली जानवरों का 56,875 किलोग्राम मांस मंगाया जा चुका है. फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि अब तक कब और किन जानवरों को मारा गया है?

यह हत्याएं पार्कों और सामुदायिक क्षेत्रों में की जा रही हैं. अधिकारियों का मानना यहां हत्या से जानवरों की आबादी पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा. हाथियों को खास तौर पर उन इलाकों में निशाना बनाया जा रहा है, जहां मानव-वन्यजीव संघर्ष की आशंका है. जिन पार्कों में हाथियों को मारा जा रहा है. उनमें नामीब-नौक्लुफ़्ट पार्क, मंगेती नेशनल पार्क, ब्वाबवाटा नेशनल पार्क, मुदुमु नेशनल पार्क और नकासा रूपारा नेशनल पार्क शामिल हैं.

नामीबिया ने अतीत में वन्यजीवों के साथ किन मुद्दों का सामना किया है?
2023 में नामीबिया के अधिकारियों ने देश में मानव-वन्यजीव संघर्ष के बढ़ते मामलों के कारण हाथियों की संख्या को कम करने का संकल्प लिया था. अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि वध कार्यक्रम (Culling Program) भोजन उपलब्ध कराने के अलावा इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा.

हाथियों की बढ़ती आबादी से परेशान हुए देश
दक्षिणी अफ्रीका के देशों का कहना है कि वे हाथियों की बढ़ती संख्या से जूझ रहे हैं. बोत्सवाना, नामीबिया, अंगोला, जाम्बिया और जिम्बाब्वे में अफ्रीकी बुश हाथियों की आधी से ज्यादा आबादी रहती है. इस देशों की सरकारों का कहना है कि 1990 के दशक से इनकी संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है और अब उन्हें इससे कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

वहीं, हाथी सफारी में एक लोकप्रिय आकर्षण हैं, उनके करीब रहने वाले समुदायों का कहना है कि वे हाथी के गुस्से का खामियाजा भुगत रहे हैं. मानवीय अतिक्रमण के परिणामस्वरूप जानवरों के आवास की जगह कम होती जा रही है, साथ ही पानी और भोजन के संसाधन भी कम होते जा रहे हैं, जिससे अधिक लोगों को जानवरों के संपर्क में आने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.

नामीबिया के अधिकारियों ने कहा कि मौजूदा संकट के बीच हस्तक्षेप के बिना, हाथियों और मनुष्यों के बीच संघर्ष और भी बदतर होने की उम्मीद है. सबसे ज्यादा हाथियों वाले पांच देश 'ट्रॉफी शिकार' की अनुमति देते हैं, ताकि उनकी संख्या को संतुलित किया जा सके और आय अर्जित की जा सके.वहीं, कुछ देशों ने अपने हाथियों को निजी संस्थाओं को बेचने की भी कोशिश की है.

170 हाथियों की नीलामी
2021 में एक विवादास्पद नीलामी में नामीबिया ने 170 हाथियों को बेचने की कोशिश की, लेकिन केवल एक तिहाई ही खरीदे गए. पिछले साल बोत्सवाना के राष्ट्रपति मोकग्वेत्सी मासीसी ने 20,000 हाथियों को जर्मनी भेजने की धमकी दी थी, जब वहां के अधिकारियों ने अवैध शिकार की चिंताओं के कारण अपनी सीमाओं को पार करने से ट्रॉफी शिकार को प्रतिबंधित करने की नीतियों पर विचार किया था. बता दें कि बोत्सवाना में लगभग 130,000 बुश हाथी हैं, जो दुनिया की सबसे बड़ी आबादी है.

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