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इजराइल ने अल-जजीरा चैनल पर प्रतिबंध लगाया, कहा- उकसाने वाला - Israel bans Al Jazeera - ISRAEL BANS AL JAZEERA

Israel Bans Al Jazeera : इजराइल ने कतर के ग्लोबल न्यूज चैनल अल जजीरा पर प्रतिबंध लगा दिया है. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे उकसाने वाला चैनल बताया है.

Israel PM Benjamin Netanyahu
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 5, 2024, 7:14 PM IST

Updated : May 5, 2024, 7:50 PM IST

तेल अवीव : इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अल जजीरा न्यूज चैनल को लेकर कड़ा रूख अपनाया है. उन्होंने अल जजीरा की स्थानीय शाखा को बंद करने का आदेश दिया है. इस चैनल का प्रसारण इजराइल में नहीं हो सकेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है. पीएम ने कहा कि अल जजीरा उकसाने वाला तथ्य प्रस्तुत करता है, जिसकी वजह से लोगों को गलत जानकारियां मिलती हैं. इजराइल ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है.

आपको बता दें कि अल जजीरा कतर बेस्ड अंतरराष्ट्रीय न्यूज चैनल है. इसमें कतर सरकार की भी हिस्सेदारी है. कतर और इजराइल के बीच संबंध सामान्य नहीं हैं. कतर इजराइल के विरोधी हमास को शरण देता रहा है.

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार इजराइल में अल जजीरा के सभी कार्यालय बंद किए जाएंगा, साथ ही उनके उपकरणों को भी जब्त किया जाएगा. उनका केबल कनेक्शन काट दिया जाएगा.

बंधकों की रिहाई के लिए चल रही बातचीत और बढ़ती मांगों के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि उनका देश गाजा में युद्ध खत्‍म करने की हमास की मांग मंजूर नहीं करेगा.

बीबीसी के मुताबिक, नेतन्याहू ने कहा, "हम ऐसे हालात कबूल करने के लिए तैयार नहीं हैं, जिसमें हमास बटालियन अपने बंकरों से बाहर आती हैं, गाजा पर फिर से कब्‍जा कर लेती हैं, अपने सैन्य बुनियादी ढांचे फिर से बनाती हैं और दक्षिण के शहरों में रहने वाले इजरायल के नागरिकों को धमकी देने के लिए वापस आती हैं."

उन्होंने दोहराया, "इजरायल हमास की मांगों पर सहमत नहीं होगा."

उनका बयान तब आया, जब मिस्र में हमास द्वारा बंधक बनाए गए बंधकों की रिहाई के बदले में इजरायल के गाजा हमले को रोकने के लिए एक समझौते पर बातचीत फिर से शुरू हुई.

मुख्य विवाद यह है कि क्या इजरायली जेलों में बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के लिए लगभग 40 दिनों का ठहराव स्थायी होगा, जैसा कि हमास चाहता है.

बीबीसी केअनुसार, नेतन्याहू ने तर्क दिया कि प्रस्तावित समझौते से गाजा पर हमास का नियंत्रण बना रहेगा और वह इजरायल के लिए खतरा बना रहेगा.

वरिष्ठ नेता इस्माइल हनीयेह के सलाहकार हमास के एक अधिकारी ने कहा कि समूह नए प्रस्ताव को "पूरी गंभीरता" के साथ देख रहा है, लेकिन उन्होंने अपनी मांग दोहराई कि किसी भी समझौते में स्पष्ट रूप से गाजा से इजरायली सेना की वापसी और युद्ध के पूर्ण अंत का जिक्र है.

(एक्स्ट्रा इनपुट - आईएएनएस)

ये भी पढ़ें : दुनिया में यहूदी-विरोधी भावना दूसरे विश्व युद्ध के बाद के चरम पर : रिपोर्ट

तेल अवीव : इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अल जजीरा न्यूज चैनल को लेकर कड़ा रूख अपनाया है. उन्होंने अल जजीरा की स्थानीय शाखा को बंद करने का आदेश दिया है. इस चैनल का प्रसारण इजराइल में नहीं हो सकेगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है. पीएम ने कहा कि अल जजीरा उकसाने वाला तथ्य प्रस्तुत करता है, जिसकी वजह से लोगों को गलत जानकारियां मिलती हैं. इजराइल ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है.

आपको बता दें कि अल जजीरा कतर बेस्ड अंतरराष्ट्रीय न्यूज चैनल है. इसमें कतर सरकार की भी हिस्सेदारी है. कतर और इजराइल के बीच संबंध सामान्य नहीं हैं. कतर इजराइल के विरोधी हमास को शरण देता रहा है.

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार इजराइल में अल जजीरा के सभी कार्यालय बंद किए जाएंगा, साथ ही उनके उपकरणों को भी जब्त किया जाएगा. उनका केबल कनेक्शन काट दिया जाएगा.

बंधकों की रिहाई के लिए चल रही बातचीत और बढ़ती मांगों के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को कहा कि उनका देश गाजा में युद्ध खत्‍म करने की हमास की मांग मंजूर नहीं करेगा.

बीबीसी के मुताबिक, नेतन्याहू ने कहा, "हम ऐसे हालात कबूल करने के लिए तैयार नहीं हैं, जिसमें हमास बटालियन अपने बंकरों से बाहर आती हैं, गाजा पर फिर से कब्‍जा कर लेती हैं, अपने सैन्य बुनियादी ढांचे फिर से बनाती हैं और दक्षिण के शहरों में रहने वाले इजरायल के नागरिकों को धमकी देने के लिए वापस आती हैं."

उन्होंने दोहराया, "इजरायल हमास की मांगों पर सहमत नहीं होगा."

उनका बयान तब आया, जब मिस्र में हमास द्वारा बंधक बनाए गए बंधकों की रिहाई के बदले में इजरायल के गाजा हमले को रोकने के लिए एक समझौते पर बातचीत फिर से शुरू हुई.

मुख्य विवाद यह है कि क्या इजरायली जेलों में बंधकों और फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के लिए लगभग 40 दिनों का ठहराव स्थायी होगा, जैसा कि हमास चाहता है.

बीबीसी केअनुसार, नेतन्याहू ने तर्क दिया कि प्रस्तावित समझौते से गाजा पर हमास का नियंत्रण बना रहेगा और वह इजरायल के लिए खतरा बना रहेगा.

वरिष्ठ नेता इस्माइल हनीयेह के सलाहकार हमास के एक अधिकारी ने कहा कि समूह नए प्रस्ताव को "पूरी गंभीरता" के साथ देख रहा है, लेकिन उन्होंने अपनी मांग दोहराई कि किसी भी समझौते में स्पष्ट रूप से गाजा से इजरायली सेना की वापसी और युद्ध के पूर्ण अंत का जिक्र है.

(एक्स्ट्रा इनपुट - आईएएनएस)

ये भी पढ़ें : दुनिया में यहूदी-विरोधी भावना दूसरे विश्व युद्ध के बाद के चरम पर : रिपोर्ट

Last Updated : May 5, 2024, 7:50 PM IST
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