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इजराइल को अमेरिका से लगा बड़ा झटका, अब नहीं मिलेगा शक्तिशाली बम, राफा में मचा सकता है तबाही - Israel Hamas war

Israel Hamas War: अमेरिका ने इजराइल को 2,000 पाउंड के शक्तिशाली बम देने पर रोक लगा दी है.बम बड़े पैमाने पर तबाही मचा सकते हैं. यह हवा से गिराया जाने वाला हथियार है, जो अधिक भार ले जा सकता है.

US on Rafah attack
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन (फोटो- AP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 9, 2024, 1:01 PM IST

वाशिंगटन: संयुक्त राज्य अमेरिका ने गाजा में हमास की भूमिगत सुरंगों को निशाना बनाने के लिए इजराइल को दिए जाने वाले 2,000 पाउंड के शक्तिशाली बम देने पर रोक लगा दी है. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका 1,800 बमों के साथ-साथ 1,700 और 500 पाउंड के बमों की खेप रोक रहा है. देश ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब इजराइल हमास को जड़ से उखाड़ने के प्रयास में दक्षिणी गाजा शहर राफा पर हमले की योजना बना रहा है.

अमेरिका को चिंता है कि राफा में 1 मिलियन से अधिक शरणार्थियों आश्रा लिए हुए हैं. ऐसे में बम बड़े पैमाने पर तबाही मचा सकते हैं. बता दें कि ह्यूमन राइट्स ग्रुप लंबे समय से कह रहे हैं कि इजराइल के शक्तिशाली बमों के इस्तेमाल के कारण फिलिस्तीनी नागरिकों की अंधाधुंध हत्याएं हो रही हैं.

इस संबंध में अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने बुधवार को सीनेट पैनल को बताया कि राफा जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र के लिए छोटे, अधिक सटीक हथियारों की जरूरत है. हालांकि, हम यह भी सुनिश्चित करते रहेंगे कि इजराइल के पास अपनी रक्षा के लिए आवश्यक साधन मौजूद रहें. हम वर्तमान में राफा में सिक्योरिटी असिस्टेंट शिपमेंट की समीक्षा कर रहे हैं.

अमेरिका को 2000 पाउंड के बम की चिंता क्यों है?
अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध में अपने विमानों से 2,000 पाउंड के बम गिराए थे. इसका मौजूदा वर्जन वियतनाम युद्ध के समय का है. यह हवा से गिराया जाने वाला हथियार है, जो अधिक भार ले जा सकता है.

जमीन के अंदर और ऊपर टारगेट भेदने के लिए बना है बम
फाउंडेशन फॉर द डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज सेंटर ऑन मिलिट्री एंड पॉलिटिकल पावर के एक वरिष्ठ रिसर्चर रयान ब्रॉबस्ट ने कहा कि यह अमेरिकी के बड़े हथियारों में से एक है. 2,000 पाउंड के बम के कई प्रकार हैं - कुछ को जमीन के अंदर टारगेट को भेदने के लिए डिजाइन किया गया है, जबकि कुछ जमीन के ऊपर विस्फोट करते हैं और बड़ा नुकसान करते हैं. इसके विस्फोट का दायरा एक चौथाई मील तक हो सकता है.

इस बम को सैनिक लड़ाकू जेट से जमीन पर गिराने के बजाय, टारगेट तक गोला-बारूद का ले जाने में सक्षम बनाती है. यह बम काफी सटीक होती है. घनी आबादी वाले इलाके में इसका सटीक प्रहार अनपेक्षित लोगों को मार सकती है. इजरायल पर 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद अमेरिका ने इजरायल को 2,000 पाउंड का गोला-बारूद प्रदान किया. इसके अलावा अमेरिका ने इजराइल को अन्य प्रकार के हथियार दिए हैं.

किस तरह के बम इस्तेमाल कर रहा है इजरायल?
इजराइली सेना ने इस बारे में बेहद कम जानकारी दी है कि वह गाजा में किस तरह के बम और तोप का इस्तेमाल कर रही है. हालांकि, घटनास्थल पर पाए गए विस्फोट के टुकड़ों और स्ट्राइक फुटेज के विश्लेषण से पता चला है कि इलाके में गिराए गए अधिकांश बम यूएस निर्मित हैं. उनका कहना है कि 2,000 पाउंड के बमों ने घनी आबादी वाले इलाकों में सैकड़ों लोगों की जान ले ली है.

ब्रॉबस्ट ने कहा कि राफा में हमास के सुरंग नेटवर्क पर हमला करने में इजराइल की सहायता के लिए 2,000 पाउंड के बमों की अभी भी जरूरत है. हथियार विशेषज्ञ और रिटायर अमेरिकी वायु सेना के मास्टर सार्जेंट वेस ब्रायंट ने कहा कि 2,000 पाउंड बम का न होना इजराइली शस्त्रागार के लिए एक बहुत बड़ा झटका होगा.

उन्होंने बताया कि इजराइल ने गाजा में अपने युद्ध अभियान में 2,000 और 500 पाउंड के बम का जमकर इस्तेमाल किया है. ये हथियार रेथियॉन, नॉर्थ्रॉप, लॉकहीड मार्टिन, जनरल डायनेमिक्स और जनरल एटॉमिक्स जैसे प्रमुख अमेरिकी हथियार कंपनियों ने बनाया था.

पिछले महीने स्टेट एंड डिफेंस डिपार्टमेंट की स्वतंत्र टास्क फोर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अमेरिकी सूत्रों ने अपने सदस्यों में से एक को सूचित किया कि युद्ध के पहले छह महीनों के दौरान गाजा में 300,000 बम या गोलीबारी की गई थी. मीडिया जांच से पता चलता है कि अकेले इजराइली अभियान के पहले महीने में गाजा में 2,000 पाउंड के बमों के कम से कम 500 क्रेटर यूज किए थे.

गौरतलब है कि राफा में 2,000 पाउंड के बमों का संभावित इस्तेमाल हो सकता है. यहां करीब 1 मिलियन से अधिक लोगों ने शरण ले रखी है, क्योंकि उनके पास जाने के लिए कोई और जगह नहीं है. इसने अमेरिकी प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है.

इजराइल ने दी प्रतिक्रिया
इस बीच इजराइल ने अमेरिका के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. संयुक्त राष्ट्र में उसके राजदूत गिलाद एर्दान ने इजराइली चैनल 12 टीवी न्यूज को दिए क इंटरव्यू में कहा कि वह 2000 पाउंड बम पर अमेरिका की रोक से निराश हैं. यह एक बहुत ही निराशाजनक फैसला है. यह कदम बाइडेन पर राजनीतिक दबाव, कैंपस विरोध और आगामी चुनाव के चलते लिया गया है.

यह भी पढ़ें- रूस ने अमेरिका को दी हिदायत- भारत के आंतरिक मामलों में बोलने से पहले विकसित करे समझ, जानें क्या मामला

वाशिंगटन: संयुक्त राज्य अमेरिका ने गाजा में हमास की भूमिगत सुरंगों को निशाना बनाने के लिए इजराइल को दिए जाने वाले 2,000 पाउंड के शक्तिशाली बम देने पर रोक लगा दी है. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका 1,800 बमों के साथ-साथ 1,700 और 500 पाउंड के बमों की खेप रोक रहा है. देश ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब इजराइल हमास को जड़ से उखाड़ने के प्रयास में दक्षिणी गाजा शहर राफा पर हमले की योजना बना रहा है.

अमेरिका को चिंता है कि राफा में 1 मिलियन से अधिक शरणार्थियों आश्रा लिए हुए हैं. ऐसे में बम बड़े पैमाने पर तबाही मचा सकते हैं. बता दें कि ह्यूमन राइट्स ग्रुप लंबे समय से कह रहे हैं कि इजराइल के शक्तिशाली बमों के इस्तेमाल के कारण फिलिस्तीनी नागरिकों की अंधाधुंध हत्याएं हो रही हैं.

इस संबंध में अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने बुधवार को सीनेट पैनल को बताया कि राफा जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्र के लिए छोटे, अधिक सटीक हथियारों की जरूरत है. हालांकि, हम यह भी सुनिश्चित करते रहेंगे कि इजराइल के पास अपनी रक्षा के लिए आवश्यक साधन मौजूद रहें. हम वर्तमान में राफा में सिक्योरिटी असिस्टेंट शिपमेंट की समीक्षा कर रहे हैं.

अमेरिका को 2000 पाउंड के बम की चिंता क्यों है?
अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध में अपने विमानों से 2,000 पाउंड के बम गिराए थे. इसका मौजूदा वर्जन वियतनाम युद्ध के समय का है. यह हवा से गिराया जाने वाला हथियार है, जो अधिक भार ले जा सकता है.

जमीन के अंदर और ऊपर टारगेट भेदने के लिए बना है बम
फाउंडेशन फॉर द डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज सेंटर ऑन मिलिट्री एंड पॉलिटिकल पावर के एक वरिष्ठ रिसर्चर रयान ब्रॉबस्ट ने कहा कि यह अमेरिकी के बड़े हथियारों में से एक है. 2,000 पाउंड के बम के कई प्रकार हैं - कुछ को जमीन के अंदर टारगेट को भेदने के लिए डिजाइन किया गया है, जबकि कुछ जमीन के ऊपर विस्फोट करते हैं और बड़ा नुकसान करते हैं. इसके विस्फोट का दायरा एक चौथाई मील तक हो सकता है.

इस बम को सैनिक लड़ाकू जेट से जमीन पर गिराने के बजाय, टारगेट तक गोला-बारूद का ले जाने में सक्षम बनाती है. यह बम काफी सटीक होती है. घनी आबादी वाले इलाके में इसका सटीक प्रहार अनपेक्षित लोगों को मार सकती है. इजरायल पर 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद अमेरिका ने इजरायल को 2,000 पाउंड का गोला-बारूद प्रदान किया. इसके अलावा अमेरिका ने इजराइल को अन्य प्रकार के हथियार दिए हैं.

किस तरह के बम इस्तेमाल कर रहा है इजरायल?
इजराइली सेना ने इस बारे में बेहद कम जानकारी दी है कि वह गाजा में किस तरह के बम और तोप का इस्तेमाल कर रही है. हालांकि, घटनास्थल पर पाए गए विस्फोट के टुकड़ों और स्ट्राइक फुटेज के विश्लेषण से पता चला है कि इलाके में गिराए गए अधिकांश बम यूएस निर्मित हैं. उनका कहना है कि 2,000 पाउंड के बमों ने घनी आबादी वाले इलाकों में सैकड़ों लोगों की जान ले ली है.

ब्रॉबस्ट ने कहा कि राफा में हमास के सुरंग नेटवर्क पर हमला करने में इजराइल की सहायता के लिए 2,000 पाउंड के बमों की अभी भी जरूरत है. हथियार विशेषज्ञ और रिटायर अमेरिकी वायु सेना के मास्टर सार्जेंट वेस ब्रायंट ने कहा कि 2,000 पाउंड बम का न होना इजराइली शस्त्रागार के लिए एक बहुत बड़ा झटका होगा.

उन्होंने बताया कि इजराइल ने गाजा में अपने युद्ध अभियान में 2,000 और 500 पाउंड के बम का जमकर इस्तेमाल किया है. ये हथियार रेथियॉन, नॉर्थ्रॉप, लॉकहीड मार्टिन, जनरल डायनेमिक्स और जनरल एटॉमिक्स जैसे प्रमुख अमेरिकी हथियार कंपनियों ने बनाया था.

पिछले महीने स्टेट एंड डिफेंस डिपार्टमेंट की स्वतंत्र टास्क फोर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अमेरिकी सूत्रों ने अपने सदस्यों में से एक को सूचित किया कि युद्ध के पहले छह महीनों के दौरान गाजा में 300,000 बम या गोलीबारी की गई थी. मीडिया जांच से पता चलता है कि अकेले इजराइली अभियान के पहले महीने में गाजा में 2,000 पाउंड के बमों के कम से कम 500 क्रेटर यूज किए थे.

गौरतलब है कि राफा में 2,000 पाउंड के बमों का संभावित इस्तेमाल हो सकता है. यहां करीब 1 मिलियन से अधिक लोगों ने शरण ले रखी है, क्योंकि उनके पास जाने के लिए कोई और जगह नहीं है. इसने अमेरिकी प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है.

इजराइल ने दी प्रतिक्रिया
इस बीच इजराइल ने अमेरिका के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. संयुक्त राष्ट्र में उसके राजदूत गिलाद एर्दान ने इजराइली चैनल 12 टीवी न्यूज को दिए क इंटरव्यू में कहा कि वह 2000 पाउंड बम पर अमेरिका की रोक से निराश हैं. यह एक बहुत ही निराशाजनक फैसला है. यह कदम बाइडेन पर राजनीतिक दबाव, कैंपस विरोध और आगामी चुनाव के चलते लिया गया है.

यह भी पढ़ें- रूस ने अमेरिका को दी हिदायत- भारत के आंतरिक मामलों में बोलने से पहले विकसित करे समझ, जानें क्या मामला

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