इस्लामाबाद: पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे पर एक बार फिर शर्मिंदा होना पड़ा है. इस बार पाकिस्तान को ईरान से मुंह की खानी पड़ी. दरअसल, ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पाकिस्तान के दौरे पर हैं. सोमवार को उन्होंने इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ द्विपक्षीय और साझा हित के अन्य मुद्दों पर चर्चा की. इसके बाद संयुक्त प्रेस वार्ता में शहबाज शरीफ ने कश्मीर मुद्दा उठाया और पूरी कोशिश की कि ईरानी राष्ट्रपति रईसी कश्मीर पर पाकिस्तान का पक्ष लें. लेकिन शरीफ अपने इस नापाक मकसद में कामयाब नहीं हो सके. ईरानी राष्ट्रपति ने प्रेस वार्ता में कश्मीर पर चुप्पी साध ली. इससे प्रधानमंत्री शरीफ की मीडिया के सामने ही किरकिरी हो गई.
शहबाज शरीफ ने प्रेस वार्ता में कश्मीर मुद्दा उठाया. उन्होंने कोशिश की कि ईरान गाजा की तरह कश्मीर पर भी अपना रुख रखे. पाक पीएम शरीफ ने कहा कि वह कश्मीर के लिए आवाज उठाने के लिए उनका और ईरान के लोगों को शुक्रिया अदा करते हैं. शरीफ के इस बयान से ईरानी राष्ट्रपति रईस असहज दिखाई दिए. साथ ही उन्होंने अपने संबोधन में कश्मीर पर कुछ भी बोलने से परहेज किया. इसके विपरीत उन्होंने फिलिस्तीन का मुद्दा उठाया और कहा कि ईरान के लोग फिलिस्तीन नागरिकों का समर्थन करते हैं और उनके साथ खड़े हैं.
कश्मीर पर ईरानी राष्ट्रपति रईसी की चुप्पी यह बताती है कि ईरान भारत के साथ संबंधों को ज्यादा तरजीह दे रहा है. साथ ही वह पाकिस्तान के साथ भी सौहार्दपूर्ण रिश्ता बनाए रखना चाहता है.
भारत और ईरान के बीच लंबे समय से राजनयिक, व्यापार समेत साझा हित के विभिन्न क्षेत्रों में मजूबत संबंध हैं. गाजा में इजराइल-हमास संघर्ष के बीच दोनों देश कई बार इस मुद्दे पर चर्चा कर चुके हैं और दोनों पक्ष में गाजा में तत्काल संघर्ष विराम का समर्थन करते हैं.
पश्चिम एशिया में संघर्ष के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इसी साल जनवरी में ईरान का दौरा किया था. उन्होंने तेहरान में अपने ईरानी समकक्ष हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन से मुलाकात थी और गाजा में संघर्ष के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की थी.
उधर, ईरान अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ भी संबंध सुधारने का प्रयास कर रहा है. इसी साल की शुरुआत में दोनों देशों ने एक-दूसरे की सीमाओं का उल्लंघन करते हुए चरमपंथी समूहों पर कार्रवाई की थी. जिससे दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव बढ़ गया था. इन घटनाओं के बाद ईरानी राष्ट्रपति का इस्लामाबाद दौरा पाकिस्तान के साध संबंध सुधारने की दिशा में अहम माना जा रहा है. इब्राहिम रईसी आठ फरवरी को हुए आम चुनाव के बाद पाकिस्तान का दौरा करने वाले पहले विदेशी नेता भी हैं.
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