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भारत ने श्रीलंका-बांग्लादेश की राजनीति को कंट्रोल करने के लिए सहायता नहीं की, न्यूयॉर्क में बोले जयशंकर - Jaishankar in New York

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत ने श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों की आंतरिक राजनीति को नियंत्रित करने के लिए वित्तीय सहायता नहीं दी.

India did not provide financial aid to control internal politics of Colombo and Dhaka Jaishankar in New York
विदेश मंत्री एस जयशंकर (X / @DrSJaishankar)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 25, 2024, 5:01 PM IST

न्यूयॉर्क : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार (स्थानीय समयानुसार) को न्यूयॉर्क में विदेश नीति थिंक टैंक एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि 2022 से श्रीलंका को भारत द्वारा प्रदान की गई लगभग 4.5 बिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता कुछ शर्तों के साथ दी गई थी, जब द्वीप राष्ट्र आर्थिक संकट का सामना कर रहा था.

उन्होंने कहा कि श्रीलंका में राजनीतिक रूप से जो कुछ भी होता है, वह उनकी राजनीति पर निर्भर करता है. जयशंकर ने कहा, हर पड़ोसी की अपनी गतिशीलता होती है. हमारा इरादा नहीं है कि उनकी गतिशीलता हमारे साथ रहे. उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं था कि हमने वित्तीय सहायता के लिए कोई राजनीतिक शर्त रखी थी."

जयशंकर ने कहा, "हम एक अच्छे पड़ोसी के तौर पर ऐसा कर रहे हैं, जो अपने दरवाजे पर इस तरह की आर्थिक मंदी नहीं देखना चाहता."

विदेश मंत्री जयशंकर की यह प्रतिक्रिया वामपंथी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके के श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद आई है.

वहीं, बांग्लादेश की स्थिति पर अपनी बात रखते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश का मामला थोड़ा अलग है. भारत-बांग्लादेश के बीच कई परियोजनाएं चल रही हैं और दोनों देशों को इससे लाभ हुआ है. उन्होंने कहा, "हमने कई तरह की परियोजनाएं की हैं, जो दोनों देशों के लिए अच्छी हैं. दोनों देशों को इससे फायदा हुआ है."

जयशंकर ने 'अंतरनिर्भरता की वास्तविकताओं' की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत-बांग्लादेश संबंध सकारात्मक और रचनात्मक होंगे.

न्यूयॉर्क में बांग्लादेश के विदेश मंत्री से मिले जयशंकर
अगस्त में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन किया गया था. हसीना की सरकार गिरने के बाद पहली बार विदेश मंत्री जयशंकर ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान बांग्लादेश के विदेश मंत्री मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात की. अंतरिम सरकार के गठन के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली द्विपक्षीय बैठक थी. चर्चा द्विपक्षीय मुद्दों पर केंद्रित रही.

सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने सितंबर में कहा था कि अंतरिम सरकार भारत के साथ हस्ताक्षरित विशिष्ट समझौता ज्ञापनों की समीक्षा कर सकती है, अगर वे उसके हितों के लिए फायदेमंद नहीं हैं.

यह भी पढ़ें- न्यूयॉर्क में पीएम मोदी ने जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक की, युद्ध विराम को लेकर हुई चर्चा

न्यूयॉर्क : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार (स्थानीय समयानुसार) को न्यूयॉर्क में विदेश नीति थिंक टैंक एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि 2022 से श्रीलंका को भारत द्वारा प्रदान की गई लगभग 4.5 बिलियन डॉलर की वित्तीय सहायता कुछ शर्तों के साथ दी गई थी, जब द्वीप राष्ट्र आर्थिक संकट का सामना कर रहा था.

उन्होंने कहा कि श्रीलंका में राजनीतिक रूप से जो कुछ भी होता है, वह उनकी राजनीति पर निर्भर करता है. जयशंकर ने कहा, हर पड़ोसी की अपनी गतिशीलता होती है. हमारा इरादा नहीं है कि उनकी गतिशीलता हमारे साथ रहे. उन्होंने कहा, "ऐसा नहीं था कि हमने वित्तीय सहायता के लिए कोई राजनीतिक शर्त रखी थी."

जयशंकर ने कहा, "हम एक अच्छे पड़ोसी के तौर पर ऐसा कर रहे हैं, जो अपने दरवाजे पर इस तरह की आर्थिक मंदी नहीं देखना चाहता."

विदेश मंत्री जयशंकर की यह प्रतिक्रिया वामपंथी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके के श्रीलंका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद आई है.

वहीं, बांग्लादेश की स्थिति पर अपनी बात रखते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश का मामला थोड़ा अलग है. भारत-बांग्लादेश के बीच कई परियोजनाएं चल रही हैं और दोनों देशों को इससे लाभ हुआ है. उन्होंने कहा, "हमने कई तरह की परियोजनाएं की हैं, जो दोनों देशों के लिए अच्छी हैं. दोनों देशों को इससे फायदा हुआ है."

जयशंकर ने 'अंतरनिर्भरता की वास्तविकताओं' की ओर इशारा करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत-बांग्लादेश संबंध सकारात्मक और रचनात्मक होंगे.

न्यूयॉर्क में बांग्लादेश के विदेश मंत्री से मिले जयशंकर
अगस्त में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन किया गया था. हसीना की सरकार गिरने के बाद पहली बार विदेश मंत्री जयशंकर ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के दौरान बांग्लादेश के विदेश मंत्री मोहम्मद तौहीद हुसैन से मुलाकात की. अंतरिम सरकार के गठन के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली द्विपक्षीय बैठक थी. चर्चा द्विपक्षीय मुद्दों पर केंद्रित रही.

सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने सितंबर में कहा था कि अंतरिम सरकार भारत के साथ हस्ताक्षरित विशिष्ट समझौता ज्ञापनों की समीक्षा कर सकती है, अगर वे उसके हितों के लिए फायदेमंद नहीं हैं.

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