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रूस-यूक्रेन संघर्ष पर स्लोवाक राष्ट्रपति बोले-शांति वार्ता में भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है - Slovak President

Slovak President on Russia-Ukraine conflict: यूरोपीय देश स्लोवाक के राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी ने रूस-यूक्रेन युद्ध विराम को लेकर अमेरिका, चीन के साथ-साथ भारत की भूमिका का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि वैश्विक पटल पर ये देश शांति वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.

lovak President Peter Pellegrini
स्लोवाक के राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी (ANI)
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By ANI

Published : Sep 24, 2024, 9:09 AM IST

न्यूयॉर्क: स्लोवाक के राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष में शांति वार्ता केवल भारत, चीन और अमेरिका जैसे 'बड़े देशोंं' की मदद से ही संभव हो सकता है. न्यूयॉर्क में 79वें संयुक्त राष्ट्र महासभा में 'भविष्य के शिखर सम्मेलन' के अवसर पर न्यूज एजेंसी से बात करते हुए पेलिग्रीनी ने कहा कि स्लोवाकिया की पूर्वी सीमाओं के पीछे चल रहे संघर्ष के बीच भारत भविष्य की शांति वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जहां इसकी सीमा यूक्रेन के साथ लगती है.

पीटर पेलेग्रिनी ने कहा, 'मुझे लगता है कि यूक्रेन में शांति के लिए बातचीत केवल भारत, चीन, अमेरिका आदि जैसे विश्व राजनीति के बड़े खिलाड़ियों की मदद से ही हो सकती है. संघर्ष के एक पक्ष, यानी रूस के बिना शांति शिखर सम्मेलन करना असंभव है, लेकिन मुझे लगता है कि भारत भविष्य में इन शांति वार्ताओं में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.'

पेलेग्रिनी ने ऐसे समय में भविष्य के लिए समझौता अपनाने की भी सराहना की, जब विश्व भर में 56 संघर्ष चल रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र उनसे निपटने में सक्षम नहीं है. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि इस समय दुनिया भर में 56 संघर्ष हैं और संयुक्त राष्ट्र उन्हें संभालने में सक्षम नहीं है. इसलिए मुझे खुशी है कि कल भविष्य के लिए एक समझौते को बड़ी सर्वसम्मति से अपनाया गया.

बेशक 100 प्रतिशत देशों ने मतदान नहीं किया, लेकिन मुझे लगता है कि यह पहला संकेत था कि संयुक्त राष्ट्र और बहुपक्षवाद अभी भी जीवित हैं.' उन्होंने यह भी कहा कि स्लोवाकिया ने हमेशा शांति वार्ता की वकालत की है और उन्हें युद्ध तथा लोगों की हत्याओं को रोकने के लिए बातचीत की मेज पर बैठकर शांति वार्ता शुरू करने का भरसक प्रयास करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि स्लोवाकिया यूक्रेन का पड़ोसी है, जहां हमारी पूर्वी सीमाओं के पीछे युद्ध चल रहा है. हम अब युद्ध संघर्ष के बहुत करीब हैं लेकिन स्लोवाकिया शुरू से ही शांति वार्ता का समर्थक रहा है. उन्होंने कहा, 'हमें युद्ध और लोगों की हत्या को रोकने के लिए बातचीत की मेज पर बैठकर शांति वार्ता शुरू करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना होगा.'

पेलिग्रीनी ने कहा, 'शांति वार्ता अत्यंत महत्वपूर्ण है और उन्हें इस पर सिर्फ बातचीत करने के बजाय कुछ करना शुरू करना होगा. अगर हम युद्ध को जारी रखेंगे और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह यूक्रेन है या इजरायल, तो हर सेकंड संघर्ष के दोनों पक्षों में कोई न कोई मारा जाएगा. इसलिए शांति वार्ता महत्वपूर्ण है. हमें इसके बारे में बात करने की जरूरत नहीं है. हमें इसके बारे में कुछ करना भी शुरू करना होगा.'

ये भी पढ़ें- न्यूयॉर्क में पीएम मोदी ने जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक की, युद्ध विराम को लेकर हुई चर्चा

न्यूयॉर्क: स्लोवाक के राष्ट्रपति पीटर पेलेग्रिनी ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष में शांति वार्ता केवल भारत, चीन और अमेरिका जैसे 'बड़े देशोंं' की मदद से ही संभव हो सकता है. न्यूयॉर्क में 79वें संयुक्त राष्ट्र महासभा में 'भविष्य के शिखर सम्मेलन' के अवसर पर न्यूज एजेंसी से बात करते हुए पेलिग्रीनी ने कहा कि स्लोवाकिया की पूर्वी सीमाओं के पीछे चल रहे संघर्ष के बीच भारत भविष्य की शांति वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है, जहां इसकी सीमा यूक्रेन के साथ लगती है.

पीटर पेलेग्रिनी ने कहा, 'मुझे लगता है कि यूक्रेन में शांति के लिए बातचीत केवल भारत, चीन, अमेरिका आदि जैसे विश्व राजनीति के बड़े खिलाड़ियों की मदद से ही हो सकती है. संघर्ष के एक पक्ष, यानी रूस के बिना शांति शिखर सम्मेलन करना असंभव है, लेकिन मुझे लगता है कि भारत भविष्य में इन शांति वार्ताओं में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.'

पेलेग्रिनी ने ऐसे समय में भविष्य के लिए समझौता अपनाने की भी सराहना की, जब विश्व भर में 56 संघर्ष चल रहे हैं और संयुक्त राष्ट्र उनसे निपटने में सक्षम नहीं है. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि इस समय दुनिया भर में 56 संघर्ष हैं और संयुक्त राष्ट्र उन्हें संभालने में सक्षम नहीं है. इसलिए मुझे खुशी है कि कल भविष्य के लिए एक समझौते को बड़ी सर्वसम्मति से अपनाया गया.

बेशक 100 प्रतिशत देशों ने मतदान नहीं किया, लेकिन मुझे लगता है कि यह पहला संकेत था कि संयुक्त राष्ट्र और बहुपक्षवाद अभी भी जीवित हैं.' उन्होंने यह भी कहा कि स्लोवाकिया ने हमेशा शांति वार्ता की वकालत की है और उन्हें युद्ध तथा लोगों की हत्याओं को रोकने के लिए बातचीत की मेज पर बैठकर शांति वार्ता शुरू करने का भरसक प्रयास करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि स्लोवाकिया यूक्रेन का पड़ोसी है, जहां हमारी पूर्वी सीमाओं के पीछे युद्ध चल रहा है. हम अब युद्ध संघर्ष के बहुत करीब हैं लेकिन स्लोवाकिया शुरू से ही शांति वार्ता का समर्थक रहा है. उन्होंने कहा, 'हमें युद्ध और लोगों की हत्या को रोकने के लिए बातचीत की मेज पर बैठकर शांति वार्ता शुरू करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना होगा.'

पेलिग्रीनी ने कहा, 'शांति वार्ता अत्यंत महत्वपूर्ण है और उन्हें इस पर सिर्फ बातचीत करने के बजाय कुछ करना शुरू करना होगा. अगर हम युद्ध को जारी रखेंगे और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह यूक्रेन है या इजरायल, तो हर सेकंड संघर्ष के दोनों पक्षों में कोई न कोई मारा जाएगा. इसलिए शांति वार्ता महत्वपूर्ण है. हमें इसके बारे में बात करने की जरूरत नहीं है. हमें इसके बारे में कुछ करना भी शुरू करना होगा.'

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