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भारत-भूटान ने 61 परियोजनाओं को दी मंजूरी, 4958 करोड़ रुपये का होगा निवेश - India Bhutan Ties

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 20, 2024, 5:28 PM IST

India-Bhutan Ties: विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने भूटान की दो दिवसीय यात्रा पर राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे और अन्य नेताओं से मुलाकात की. मिस्री ने भूटानी विदेश सचिव पेमा चोडेन के साथ भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना के लिए तीसरी भारत-भूटान विकास सहयोग वार्ता की सह-अध्यक्षता की. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट.

India-Bhutan Ties
भारत-भूटान विकास सहयोग वार्ता (@Indiainbhutan)

नई दिल्ली: भूटान और भारत ने कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, कौशल विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, सांस्कृतिक विरासत, क्षमता निर्माण, औद्योगिक पार्क, खेल, युवा आदान-प्रदान, डिजिटल अर्थव्यवस्था, ई-मोबिलिटी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों के लिए 4,958 करोड़ रुपये की कुल 61 परियोजनाओं को मंजूरी दी है. यह भूटान के राजा के दृष्टिकोण और शाही सरकार व भूटान के लोगों की प्राथमिकताओं के अनुरूप है. साथ ही भारत और भूटान के विदेश सचिवों ने वर्चुअल रूप से 19 स्कूलों का उद्घाटन किया, जिनका निर्माण 12वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के दौरान किया गया था.

भूटानी विदेश सचिव ओम पेमा चोडेन के निमंत्रण पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 19-20 जुलाई को भूटान की आधिकारिक यात्रा की. विदेश सचिव के रूप में यह उनकी पहली विदेश यात्रा थी. इस दौरान विदेश सचिव मिस्री ने भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की. उन्होंने प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे और विदेश मामलों और बाहरी व्यापार मंत्री डीएन धुंग्याल से भी मुलाकात की.

विदेश सचिव मिस्री ने विदेश सचिव पेमा चोडेन के साथ भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना (एफवाईपी) के लिए तीसरी भारत भूटान विकास सहयोग वार्ता की सह-अध्यक्षता की. भारत और भूटान के बीच मजबूत साझेदारी है, जिसकी विशेषता सभी स्तरों पर विश्वास, सद्भावना और आपसी समझ, दोस्ती के मजबूत बंधन और लोगों से लोगों के बीच घनिष्ठ संपर्क हैं. दोनों पक्षों ने विकास साझेदारी, ऊर्जा, व्यापार और निवेश, कनेक्टिविटी और व्यापार बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी, दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों के साथ-साथ पारस्परिक महत्व के अन्य क्षेत्रीय मुद्दों सहित द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं पर व्यापक चर्चा की. भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के लिए 10,000 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई.

भारत के अमूल्य सहयोग की सराहना...
भूटान की शाही सरकार ने देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जा रहे अमूल्य सहयोग की सराहना की. योजना पर वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने भारत सरकार द्वारा सहायता प्राप्त विकास परियोजनाओं के लिए सहायता और कार्यान्वयन के तौर-तरीकों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. भूटानी पक्ष ने परियोजना संबद्ध सहायता (पीटीए) प्रस्तावों के साथ-साथ 13वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के दौरान कार्यान्वित की जाने वाली पीटीए परियोजनाओं की पहली किश्त प्रस्तुत की.

भूटान ने दी प्रस्तावित परियोजनाओं की जानकारी
विदेश मंत्रालय के अनुसार, भूटान सरकार ने आर्थिक प्रोत्साहन कार्यक्रम (ईएसपी) के तहत संचालित की जाने वाली प्रस्तावित परियोजनाओं के बारे में भारत सरकार को जानकारी दी. इसके अलावा, शाही सरकार के अनुरोध के अनुसार, भारत सरकार प्रस्तावों के कार्यान्वयन पर प्रगति के अधीन पहले डेढ़ वर्षों में ईएसपी की 1,500 करोड़ रुपये की पूरी राशि को अग्रिम रूप से देने पर सकारात्मक रूप से विचार करने के लिए सहमत हुई.

यह वार्ता दोनों देशों के बीच नियमित आदान-प्रदान तथा मैत्री और सहयोग के अनूठे बंधन की परंपरा को ध्यान में रखते हुए मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण में आयोजित की गई.

यह भी पढ़ें- क्या चीन-पाकिस्तान की मिलीभगत से SCO कमजोर हुआ! भारत ने उठाए सवाल

नई दिल्ली: भूटान और भारत ने कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, कौशल विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, सांस्कृतिक विरासत, क्षमता निर्माण, औद्योगिक पार्क, खेल, युवा आदान-प्रदान, डिजिटल अर्थव्यवस्था, ई-मोबिलिटी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों के लिए 4,958 करोड़ रुपये की कुल 61 परियोजनाओं को मंजूरी दी है. यह भूटान के राजा के दृष्टिकोण और शाही सरकार व भूटान के लोगों की प्राथमिकताओं के अनुरूप है. साथ ही भारत और भूटान के विदेश सचिवों ने वर्चुअल रूप से 19 स्कूलों का उद्घाटन किया, जिनका निर्माण 12वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के दौरान किया गया था.

भूटानी विदेश सचिव ओम पेमा चोडेन के निमंत्रण पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 19-20 जुलाई को भूटान की आधिकारिक यात्रा की. विदेश सचिव के रूप में यह उनकी पहली विदेश यात्रा थी. इस दौरान विदेश सचिव मिस्री ने भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की. उन्होंने प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे और विदेश मामलों और बाहरी व्यापार मंत्री डीएन धुंग्याल से भी मुलाकात की.

विदेश सचिव मिस्री ने विदेश सचिव पेमा चोडेन के साथ भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना (एफवाईपी) के लिए तीसरी भारत भूटान विकास सहयोग वार्ता की सह-अध्यक्षता की. भारत और भूटान के बीच मजबूत साझेदारी है, जिसकी विशेषता सभी स्तरों पर विश्वास, सद्भावना और आपसी समझ, दोस्ती के मजबूत बंधन और लोगों से लोगों के बीच घनिष्ठ संपर्क हैं. दोनों पक्षों ने विकास साझेदारी, ऊर्जा, व्यापार और निवेश, कनेक्टिविटी और व्यापार बुनियादी ढांचे, प्रौद्योगिकी, दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों के साथ-साथ पारस्परिक महत्व के अन्य क्षेत्रीय मुद्दों सहित द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं पर व्यापक चर्चा की. भूटान की 13वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के लिए 10,000 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई.

भारत के अमूल्य सहयोग की सराहना...
भूटान की शाही सरकार ने देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए भारत सरकार द्वारा दिए जा रहे अमूल्य सहयोग की सराहना की. योजना पर वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने भारत सरकार द्वारा सहायता प्राप्त विकास परियोजनाओं के लिए सहायता और कार्यान्वयन के तौर-तरीकों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. भूटानी पक्ष ने परियोजना संबद्ध सहायता (पीटीए) प्रस्तावों के साथ-साथ 13वीं पंचवर्षीय योजना अवधि के दौरान कार्यान्वित की जाने वाली पीटीए परियोजनाओं की पहली किश्त प्रस्तुत की.

भूटान ने दी प्रस्तावित परियोजनाओं की जानकारी
विदेश मंत्रालय के अनुसार, भूटान सरकार ने आर्थिक प्रोत्साहन कार्यक्रम (ईएसपी) के तहत संचालित की जाने वाली प्रस्तावित परियोजनाओं के बारे में भारत सरकार को जानकारी दी. इसके अलावा, शाही सरकार के अनुरोध के अनुसार, भारत सरकार प्रस्तावों के कार्यान्वयन पर प्रगति के अधीन पहले डेढ़ वर्षों में ईएसपी की 1,500 करोड़ रुपये की पूरी राशि को अग्रिम रूप से देने पर सकारात्मक रूप से विचार करने के लिए सहमत हुई.

यह वार्ता दोनों देशों के बीच नियमित आदान-प्रदान तथा मैत्री और सहयोग के अनूठे बंधन की परंपरा को ध्यान में रखते हुए मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण में आयोजित की गई.

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