जेरूसलम: हमास ने नवीनतम संघर्ष विराम प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. हमास ने आरोप लगाया कि इस प्रस्ताव में इजराइल ने हमास की मूल मांगों की अनदेखी की है. बता दें कि संघर्ष विराम के लिए हमास की प्रमुख मांग है कि युद्ध समाप्ति हो और इजराइल की गाजा से पूर्ण वापसी हो.
सोमवार देर रात जारी किये गये एक बयान में आतंकवादी समूह ने कहा कि उसने मध्यस्थों को सूचित किया है कि वह अपनी मूल स्थिति पर कायम है, जिसे मार्च की शुरुआत में बताया गया था. बयान में कहा गया है कि इजराइल ने व्यापक संघर्ष विराम, गाजा पट्टी से (इजराइली) वापसी, विस्थापित लोगों की वापसी और वास्तविक कैदियों की अदला-बदली की अपनी मुख्य मांगों का जवाब नहीं दिया है.
यह बयान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से तत्काल युद्धविराम और गाजा में बंधक बनाए गए सभी बंधकों की रिहाई के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दिए जाने के तुरंत बाद आया. वोट ने इजराइल और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच टकराव को उकसाया, जिसने सोमवार को अपनी वीटो शक्ति का उपयोग नहीं करने का फैसला किया.
जवाब में, इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल की वाशिंगटन की योजनाबद्ध यात्रा रद्द कर दी. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास की मांगों को खारिज करते हुए इसे भ्रमपूर्ण बताया है. उन्होंने किसी भी बंधक की रिहाई के बाद इजराइल के आक्रमण को फिर से शुरू करने और हमास के नष्ट होने तक लड़ते रहने की कसम खाई है.
माना जाता है कि हमास ने अभी भी लगभग 100 बंधकों को बंधक बना रखा है, साथ ही लगभग 30 अन्य लोगों के अवशेष भी हैं. 240 फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले में नवंबर में एक सप्ताह के संघर्ष विराम के दौरान 100 से अधिक बंधकों को मुक्त कर दिया गया था.
संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष मानवाधिकार निकाय के साथ काम करने वाले एक स्वतंत्र विशेषज्ञ ने सोमवार को कहा कि यह मानने के उचित आधार हैं कि इजराइल गाजा में नरसंहार कर रहा है. अंतरराष्ट्रीय सहायता अधिकारियों का कहना है कि गाजा पट्टी की पूरी आबादी (23 लाख) खाद्य असुरक्षा से पीड़ित है और इससे बुरी तरह प्रभावित उत्तर में अकाल आसन्न है.
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, घिरे क्षेत्र में 32,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और 74,000 से अधिक घायल हुए हैं. बता दें कि गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय इस संख्या में नागरिकों और हमास के लड़ाकों के बीच अंतर नहीं करता है. इसमें कहा गया है कि मृतकों में दो-तिहाई महिलाएं और बच्चे हैं.