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जर्मनी ने 28 अफगान नागरिकों को उनके वतन वापस भेजा, जानिए सरकार ने क्यों लिया ये फैसला? - Afghan Nationals

Germany Deports Afghani: जर्मनी के सोलिंगन शहर में एक घातक चाकू हमले की घटना के एक हफ्ते बाद सरकार ने 28 अफगान नागरिकों को वापस उनके वतन भेज दिया है.

जर्मनी चांसलर ओलाफ स्कोल्ज
जर्मनी चांसलर ओलाफ स्कोल्ज (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 30, 2024, 5:21 PM IST

बर्लिन: जर्मनी ने शुक्रवार को 28 अफगान नागरिकों को वापस उनके वतन भेज दिया है. अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद यह पहली बार है, जब जर्मनी ने अफगान नागरिकों को अफगानिस्तान वापस भेजा है.

सरकार के प्रवक्ता स्टीफन हेबेस्ट्रेट ने 28 अफगान नागरिकों को दोषी अपराधी बताया. हालांकि, जब उनसे उनके अपराधों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया. वहीं गृह मंत्री नैन्सी फेसर ने इस कदम को जर्मनी के लिए सुरक्षा का मुद्दा बताया.

जर्मनी और तालिबान के बीच नहीं सुधरेंगे संबंध
उन्होंने कहा कि जर्मनी के तालिबान के साथ राजनयिक संबंध नहीं हैं. इसलिए सरकार को अन्य माध्यमों से काम करना पड़ता है. शुक्रवार की कार्रवाई से जर्मनी और तालिबान के बीच संबंधों में व्यापक सुधार की संभावना नहीं है.

जर्मनी ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है, जब हाल ही में तालिबान ने महिलाओं के लिए घर से बाहर अपना चेहरा, शरीर और आवाज छुपाना जैसे मुद्दों पर कानून बनाया है.

चाकू हमले की घटना के बाद फैसला
जानकारी के मुताबिक जर्मनी ने यह फैसला सोलिंगन शहर में एक घातक चाकू हमले की घटना के एक हफ्ते बाद लिया गया है. इस घटना में संदिग्ध एक सीरियाई नागरिक है जिसने जर्मनी में शरण के लिए आवेदन किया था.

संदिग्ध को पिछले साल बुल्गारिया भेजा जाना था, लेकिन कथित तौर पर वह कुछ समय के लिए गायब हो गया और निर्वासन से बच गया. उसे रविवार को हत्या और एक आतंकवादी संगठन में सदस्यता के संदेह में आगे की जांच और संभावित अभियोग तक हिरासत में रखने का आदेश दिया गया था.

इस्लामिक स्टेट ने ली हमले की जिम्मेदारी
इस्लामिक स्टेट ने बिना सबूत दिए पिछले शुक्रवार को हुए इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. चरमपंथी समूह ने अपनी न्यूज साइट पर कहा कि हमलावर ने ईसाइयों को निशाना बनाया और उसने फिलिस्तीन और मुसलमानों का बदला लेने के लिए हमले किए. हालांकि, इस दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी.

उल्लेखनीय है कि जर्मनी के सैक्सोनी और थुरिंगिया क्षेत्रों में रविवार को होने वाले क्षेत्रीय चुनावों से पहले आव्रजन पर भी बहस हुई है. चुनाव में जर्मनी के लिए लोकलुभावन विकल्प जैसी इमिग्रेशन विरोधी पार्टियों के अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है.

इससे पहले जून में एक अफगान आप्रवासी द्वारा चाकू से किए गए हमले में एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई और चार और लोग घायल हो गए थे. इस घटना के बाद जर्मनी चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने कसम खाई थी कि देश अफगानिस्तान और सीरिया से अपराधियों को फिर से निर्वासित करना शुरू कर देगा. जर्मन न्यूज एजेंसी डीपीए के अनुसार फेसर ने गुरुवार को नाइफ लॉ (चाकू कानून) को सख्त करने की योजना की घोषणा की.

यह भी पढ़ें- कहीं सड़क के 'आगोश' में समाई SUV कार, कहीं सिंकहोल में गिरी महिला, सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल

बर्लिन: जर्मनी ने शुक्रवार को 28 अफगान नागरिकों को वापस उनके वतन भेज दिया है. अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद यह पहली बार है, जब जर्मनी ने अफगान नागरिकों को अफगानिस्तान वापस भेजा है.

सरकार के प्रवक्ता स्टीफन हेबेस्ट्रेट ने 28 अफगान नागरिकों को दोषी अपराधी बताया. हालांकि, जब उनसे उनके अपराधों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया. वहीं गृह मंत्री नैन्सी फेसर ने इस कदम को जर्मनी के लिए सुरक्षा का मुद्दा बताया.

जर्मनी और तालिबान के बीच नहीं सुधरेंगे संबंध
उन्होंने कहा कि जर्मनी के तालिबान के साथ राजनयिक संबंध नहीं हैं. इसलिए सरकार को अन्य माध्यमों से काम करना पड़ता है. शुक्रवार की कार्रवाई से जर्मनी और तालिबान के बीच संबंधों में व्यापक सुधार की संभावना नहीं है.

जर्मनी ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है, जब हाल ही में तालिबान ने महिलाओं के लिए घर से बाहर अपना चेहरा, शरीर और आवाज छुपाना जैसे मुद्दों पर कानून बनाया है.

चाकू हमले की घटना के बाद फैसला
जानकारी के मुताबिक जर्मनी ने यह फैसला सोलिंगन शहर में एक घातक चाकू हमले की घटना के एक हफ्ते बाद लिया गया है. इस घटना में संदिग्ध एक सीरियाई नागरिक है जिसने जर्मनी में शरण के लिए आवेदन किया था.

संदिग्ध को पिछले साल बुल्गारिया भेजा जाना था, लेकिन कथित तौर पर वह कुछ समय के लिए गायब हो गया और निर्वासन से बच गया. उसे रविवार को हत्या और एक आतंकवादी संगठन में सदस्यता के संदेह में आगे की जांच और संभावित अभियोग तक हिरासत में रखने का आदेश दिया गया था.

इस्लामिक स्टेट ने ली हमले की जिम्मेदारी
इस्लामिक स्टेट ने बिना सबूत दिए पिछले शुक्रवार को हुए इस हमले की जिम्मेदारी ली थी. चरमपंथी समूह ने अपनी न्यूज साइट पर कहा कि हमलावर ने ईसाइयों को निशाना बनाया और उसने फिलिस्तीन और मुसलमानों का बदला लेने के लिए हमले किए. हालांकि, इस दावे की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी.

उल्लेखनीय है कि जर्मनी के सैक्सोनी और थुरिंगिया क्षेत्रों में रविवार को होने वाले क्षेत्रीय चुनावों से पहले आव्रजन पर भी बहस हुई है. चुनाव में जर्मनी के लिए लोकलुभावन विकल्प जैसी इमिग्रेशन विरोधी पार्टियों के अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है.

इससे पहले जून में एक अफगान आप्रवासी द्वारा चाकू से किए गए हमले में एक पुलिस अधिकारी की मौत हो गई और चार और लोग घायल हो गए थे. इस घटना के बाद जर्मनी चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने कसम खाई थी कि देश अफगानिस्तान और सीरिया से अपराधियों को फिर से निर्वासित करना शुरू कर देगा. जर्मन न्यूज एजेंसी डीपीए के अनुसार फेसर ने गुरुवार को नाइफ लॉ (चाकू कानून) को सख्त करने की योजना की घोषणा की.

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