मनामा: विदेश मंत्री एस जयशंकर मनामा डायलॉग में भाग लेने के लिए मनामा बहरीन पहुंचे. जयशंकर का स्वागत बहरीन के विदेश मंत्री ने किया. वह रविवार और सोमवार को बहरीन में रहेंगे. इस दौरान महत्वपूर्ण मुद्दों पर समकक्षों के साथ चर्चा करेंगे.
जयशंकर ने एक्स पर इस संबंध में जानकारी दी. इसमें उन्होंने कहा, 'आज शाम मनामा पहुंचकर बहुत प्रसन्न हूं. अपने भाई विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल्लातिफ बिन राशिद अल जायनी से मिलकर बहुत अच्छा लगा. मनामा वार्ता में शामिल होने को लेकर उत्साहित हूं. मुझे विश्वास है कि यह वार्ता सार्थक होगी.'
Delighted to arrive in Manama this evening. Great to see my brother FM Dr Abdullatif bin Rashid Al Zayani.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) December 7, 2024
Look forward to participating in the Manama Dialogue tomorrow. Confident that our High Joint Commission will be very productive.
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विदेश मंत्री अपनी यात्रा के दूसरे चरण के तहत बहरीन की यात्रा कर रहे हैं. वे 8 से 9 दिसंबर तक बहरीन में रहेंगे, जहां वे बहरीन के विदेश मंत्री अब्दुल्लातिफ बिन राशिद अल जायनी के साथ चौथे भारत-बहरीन उच्च संयुक्त आयोग (HJC) की सह-अध्यक्षता करेंगे. इस मंत्रिस्तरीय बैठक में द्विपक्षीय संबंधों के पहलुओं की समीक्षा की जाएगी. साथ ही दोनों देशों के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने की दिशा में वार्ता की जाएगी.
विदेश मंत्री 8 दिसंबर को बहरीन में आईआईएसएस मनामा वार्ता के 20वें संस्करण में भी भाग लेंगे. इस वर्ष की मनामा वार्ता का विषय है 'क्षेत्रीय समृद्धि और सुरक्षा को आकार देने में मध्य पूर्व नेतृत्व.' भारत और बहरीन के बीच सौहार्दपूर्ण राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और लोगों के बीच संपर्कों की विशेषता वाले उत्कृष्ट द्विपक्षीय संबंध हैं.
दोनों देशों के बीच कई उच्च स्तरीय बातचीत हुई है जो दोनों देशों के बीच संबंधों की निकटता को दर्शाती है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि बहरीन भारत के साथ अधिक आर्थिक जुड़ाव की तलाश में है क्योंकि बहरीन बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था के महत्व और क्षमता को पहचानता है और हाल के दिनों में इसकी पूर्व की ओर देखो नीति में भारत एक प्रमुख धुरी के रूप में है.
दोनों देशों के बीच सभी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सहयोग है. दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंध भी बढ़ रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि बहरीन में 3,00,000 से अधिक भारतीय नागरिक रहते हैं. बहरीन ने अपने इतिहास और प्रगति में भारतीय समुदाय के योगदान को मान्यता देने और उसे चिह्नित करने के लिए नवंबर 2015 में 'लिटिल इंडिया इन बहरीन' परियोजना शुरू की थी.