बीजिंग: चीन में मैरिज रजिस्ट्रेशन और बर्थ रेट में गिरावट के बीच देश की सिविल अफेयर्स यूनिवर्सिटी ने शादी को बढ़ावा देने के लिए न्यू मैरिज प्रोग्राम की घोषणा की है. इस साल सितंबर में संस्थान में शुरू होने वाला इस कार्यक्रम के जरिए शादी से जुड़े उद्योगों और संस्कृति को विकसित करने के लिए पेशेवरों को तैयार किया जाएगा.
द इंडिपेंडेंट ने देश की मीडिया का हवाला देते हुए बताया कोर्स का उद्देश्य छात्रों और जनता के लिए चीन की शादी और पारिवारिक संस्कृति को उजागर करना और चीन की विवाह प्रथाओं में सुधार को आगे बढ़ाना है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें पारिवारिक परामर्श, हाई लेवल मैरिज प्लानिंग और मैचमेकिंग प्रोडक्ट्स के डेवलपमेंट जैसे विषयों को शामिल किया जाएगा.
शादी करने वाले जोड़ों की संख्या में गिरावट
रिपोर्ट में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी हर साल नई डिग्री के लिए 12 प्रांतों से 70 छात्रों को दाखिला देगी. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में आए आंकड़ों से पता चला है कि इस साल की पहली छमाही में शादी करने वाले चीनी जोड़ों की संख्या 2013 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई है, क्योंकि धीमी अर्थव्यवस्था और जीवन-यापन की बढ़ती लागत के बीच ज़्यादा युवा लोगों ने विवाह को टाल दिया है.
बढ़ रही जनसांख्यिकीय चुनौती
रिपोर्ट के अनुसार, साल के पहले छह महीनों में कुल 3.43 मिलियन जोड़े विवाह बंधन में बंधे, जो पिछले साल की समान अवधि से 498,000 कम है. इस साल जनवरी के आंकड़ों से पता चला है कि चीन ने 2023 में लगातार दूसरी बार अपनी जनसंख्या वृद्धि में गिरावट दर्ज की है, जिससे उसकी जनसांख्यिकीय चुनौती और गहरी हो गई है.
चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (NBS) के अनुसार, पिछले साल की तुलना में देश की जनसंख्या में लगभग 2.08 मिलियन लोगों की गिरावट आई है. वर्तमान में चीन की आबादी कुल 1.409 बिलियन है, जो इसे दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश बनाता है. भारत पिछले साल चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बना था.
यह भी पढ़ें- अब इस देश में गर्मी से मचा हाहाकार, जानवर-इंसान सब बेहाल