ETV Bharat / international

कनाडा: असंतुष्ट सांसदों ने तय की पीएम ट्रूडो के इस्तीफे की डेडलाइन, पढ़ें पूरी खबर - TRUDEAU RESIGNATION

कनाडा के पीएम ट्रूडो मुश्किलों में घिर गए हैं क्योंकि कई सांसदों ने उनके इस्तीफे की मांग की है.

Justin Trudeau
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (ANI)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 24, 2024, 11:35 AM IST

Updated : Oct 24, 2024, 11:43 AM IST

ओटावा: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर खतरा मंडराने लगा है. लिबरल सांसदों के बीच उनके इस्तीफे की मांग जोर पकड़ रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को लिबरल सांसदों की संसद हिल पर बैठक के दौरान इस मुद्दे को उठाया गया.

असंतुष्ट सांसदों ने बैठक के दौरान ट्रूडो से शिकायतें की. ये पार्टी के भीतर बढ़ते असंतोष को दर्शाता है. ट्रूडो इस समय मुश्किलों में घिरते जा रहे हैं क्योंकि उन्हें अपनी ही पार्टी के नेताओं के बीच बढ़ते असंतोष का सामना करना पड़ रहा है. असंतुष्ट लिबरल सांसदों ने उन्हें 28 अक्टूबर तक अपने इस मुद्दे पर निर्णय लेने की अंतिम चेतावनी दी है.

सांसदों की बैठक में एक दस्तावेज पेश किया गया जिसे इस्तीफे को लेकर तैयार किया गया था. हालांकि इसमें यह साफ नहीं किया गया कि यदि वह 28 अक्टूबर तक इस्तीफा नहीं देते हैं तो आगे की रणनीति क्या होगी. सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार रेडियो-कनाडा से बात करते हुए सूत्रों ने बताया कि 24 सांसदों ने ट्रूडो से लिबरल नेता के पद से इस्तीफा देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

बैठक के दौरान ब्रिटिश कोलंबिया के सांसद पैट्रिक वीलर ने एक दस्तावेज प्रस्तुत किया जिसमें ट्रूडो के इस्तीफे के पक्ष में तर्क दिया गया. दस्तावेज में सुझाव दिया गया है कि लिबरल पार्टी को उसी तरह का पुनरुत्थान देखने को मिल सकता है जैसा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा देश में आगामी राष्ट्रपति चुनावों के लिए फिर से चुनाव नहीं लड़ने का विकल्प चुनने के बाद डेमोक्रेट्स ने देखा था.

रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 20 सांसदों ट्रूडो से अगले चुनाव से पहले पद छोड़ने का आग्रह किया. हालांकि, ये भी कहा जा रहा है कि कई सांसदों ने प्रधानमंत्री ट्रूडो का समर्थन किया. इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर ने कुछ लिबरल सांसदों की कुंठाओं को स्वीकार किया है तथा उन लोगों के प्रति सम्मान व्यक्त किया है जिन्होंने सीधे ट्रूडो के समक्ष अपनी चिंताएं व्यक्त की.

कनाडा में ताजा राजनीतिक दरार वास्तव में भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव से ही पैदा हुई है. भारत और कनाडा के बीच संबंधों में तब खटास आ गई जब ट्रूडो ने पिछले साल कनाडा की संसद में आरोप लगाया कि उनके पास खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के 'विश्वसनीय आरोप' हैं. भारत ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए इन्हें 'बेतुका' और 'प्रेरित' बताया है. साथ ही कनाडा पर अपने देश में चरमपंथी और भारत विरोधी तत्वों को जगह देने का आरोप लगाया.

ये भी पढ़ें- कनाडा के सांसदों ने ट्रूडो के इस्तीफे की मांग तेज की, कहा - उनका समय गुजर चुका है

ओटावा: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर खतरा मंडराने लगा है. लिबरल सांसदों के बीच उनके इस्तीफे की मांग जोर पकड़ रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को लिबरल सांसदों की संसद हिल पर बैठक के दौरान इस मुद्दे को उठाया गया.

असंतुष्ट सांसदों ने बैठक के दौरान ट्रूडो से शिकायतें की. ये पार्टी के भीतर बढ़ते असंतोष को दर्शाता है. ट्रूडो इस समय मुश्किलों में घिरते जा रहे हैं क्योंकि उन्हें अपनी ही पार्टी के नेताओं के बीच बढ़ते असंतोष का सामना करना पड़ रहा है. असंतुष्ट लिबरल सांसदों ने उन्हें 28 अक्टूबर तक अपने इस मुद्दे पर निर्णय लेने की अंतिम चेतावनी दी है.

सांसदों की बैठक में एक दस्तावेज पेश किया गया जिसे इस्तीफे को लेकर तैयार किया गया था. हालांकि इसमें यह साफ नहीं किया गया कि यदि वह 28 अक्टूबर तक इस्तीफा नहीं देते हैं तो आगे की रणनीति क्या होगी. सीबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार रेडियो-कनाडा से बात करते हुए सूत्रों ने बताया कि 24 सांसदों ने ट्रूडो से लिबरल नेता के पद से इस्तीफा देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

बैठक के दौरान ब्रिटिश कोलंबिया के सांसद पैट्रिक वीलर ने एक दस्तावेज प्रस्तुत किया जिसमें ट्रूडो के इस्तीफे के पक्ष में तर्क दिया गया. दस्तावेज में सुझाव दिया गया है कि लिबरल पार्टी को उसी तरह का पुनरुत्थान देखने को मिल सकता है जैसा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा देश में आगामी राष्ट्रपति चुनावों के लिए फिर से चुनाव नहीं लड़ने का विकल्प चुनने के बाद डेमोक्रेट्स ने देखा था.

रिपोर्ट में कहा गया है कि करीब 20 सांसदों ट्रूडो से अगले चुनाव से पहले पद छोड़ने का आग्रह किया. हालांकि, ये भी कहा जा रहा है कि कई सांसदों ने प्रधानमंत्री ट्रूडो का समर्थन किया. इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर ने कुछ लिबरल सांसदों की कुंठाओं को स्वीकार किया है तथा उन लोगों के प्रति सम्मान व्यक्त किया है जिन्होंने सीधे ट्रूडो के समक्ष अपनी चिंताएं व्यक्त की.

कनाडा में ताजा राजनीतिक दरार वास्तव में भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव से ही पैदा हुई है. भारत और कनाडा के बीच संबंधों में तब खटास आ गई जब ट्रूडो ने पिछले साल कनाडा की संसद में आरोप लगाया कि उनके पास खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने के 'विश्वसनीय आरोप' हैं. भारत ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए इन्हें 'बेतुका' और 'प्रेरित' बताया है. साथ ही कनाडा पर अपने देश में चरमपंथी और भारत विरोधी तत्वों को जगह देने का आरोप लगाया.

ये भी पढ़ें- कनाडा के सांसदों ने ट्रूडो के इस्तीफे की मांग तेज की, कहा - उनका समय गुजर चुका है
Last Updated : Oct 24, 2024, 11:43 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.