नई दिल्ली : खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से कथित तौर पर जुड़े तीन भारतीयों की हाल में हुई गिरफ्तारी को लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के द्वारा की गई टिप्पणी का कनाडा के आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने विरोध किया है. मिलर ने जयशंकर की उस टिप्पणी पर कहा कि कनाडा संगठित अपराध से जुड़े लोगों को देश में प्रवास की अनुमति देता है. उन्होंने कहा कि हम ढिलाई नहीं बरत रहे हैं. मिलर ने उन रिपोर्टों की पुष्टि नहीं की कि तीन भारतीय नागरिकों ने छात्र वीजा पर कनाडा की यात्रा की थी.
कनाडा के आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने केबल पब्लिक अफेयर्स चैनल (सीपीएसी) के साथ एक साक्षात्कार में कहा, 'हम ढीले नहीं हैं. भारतीय विदेश मंत्री को अपनी राय रखने का अधिकार है. भारतीय विदेश मंत्री अपनी राय रखने के हकदार हैं. जयशंकर की टिप्पणियों पर अपनी अस्वीकृति व्यक्त करते हुए कहा मिलर ने कि यह सटीक नहीं है. उन्होंने जयशंकर की टिप्पणी को खारिज कर दिया.
विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने हाल ही में नई दिल्ली की चेतावनियों के बावजूद, संगठित अपराध से जुड़े भारत के व्यक्तियों का स्वागत करने के लिए कनाडा की आलोचना की थी. जयशंकर ने दावा किया था कि कनाडा में पाकिस्तान समर्थक झुकाव वाले कुछ व्यक्तियों ने राजनीतिक रूप से प्रभावशाली लॉबी बनाई है. जब आरोपी की वीज़ा स्थिति के बारे में पूछा गया, तो कनाडाई मंत्री ने चल रही पुलिस जांच के कारण विशिष्ट जानकारी देने से परहेज करते हुए कहा कि ऐसी पूछताछ आरसीएमपी को निर्देशित की जानी चाहिए.
वर्तमान में, भारत-कनाडा संबंध एक नए निचले स्तर पर पहुंच गए हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए संगठित अपराधों से जुड़े लोगों को लगातार वीजा जारी करने के लिए जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली कनाडा सरकार की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि देश अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर उग्रवाद, अलगाववाद और हिंसा के पैरोकारों को वैधता दे रहा है.
कनाडा द्वारा खालिस्तान आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कथित रूप से शामिल तीन भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार करने का दावा करने के एक दिन बाद, एस जयशंकर ने कहा कि जस्टिन ट्रूडो का देश सोचता है कि अपराधियों को बढ़ावा देने की उसकी हरकतों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं होगी. जयशंकर ने कहा कि कुछ देशों में, इस प्रकार के लोगों ने खुद को राजनीतिक रूप से संगठित किया है और एक राजनीतिक लॉबी बन गए हैं. इनमें से कुछ देशों के राजनेताओं को यह विश्वास दिलाया जाता है कि यदि वे इन लोगों का सम्मान करते हैं या इन लोगों का समर्थन करते हैं, तो ये लोग किसी समुदाय को अपना समर्थन प्राप्त करने की कुछ क्षमता होनी चाहिए.
बता दें कि जयशंकर ने कहा था कि इसलिए उन्होंने इन देशों की राजनीति में अपने लिए जगह बनाने की कोशिश की है. मेरा मतलब है इस समय अमेरिका में यह उतनी समस्या नहीं है. उन्होंने इस संबंध में कनाडा को भारत की सबसे बड़ी समस्या बताया.
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